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19 सितंबर 2011

डीयू का सत्यवती कॉलेजःखेल कोटे में फर्जीवाड़ा, जल्द चलेगा आयोग का चाबुक

सत्यवती कॉलेज का मामला 44 में से 40 दाखिलों का फर्जीवाड़ा उजागर होने के साथ सुर्खियों में आए सत्यवती कॉलेज के स्पोर्ट्स कोटे के दाखिलों पर कार्रवाई का चाबुक लगना तय है।

कॉलेज प्रबंध समिति ने सर्वसम्मति से फर्जीवाड़े के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करने के लिए जांच कमीशन का गठन किया है। एक सदस्यीय इस जांच कमीशन की जिम्मेदारी दिल्ली उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एसके महाजन को सौंपी गई है।

याद रहे कि सत्यवती प्रात: कॉलेज में सत्र 2010-11 के लिए हुए खेल कोटे के दाखिलों की पहली सूची आने पर आवेदक छात्रों ने कॉलेज की ग्रीवांस कमेटी से गड़बड़ी की शिकायत की थी। यह शिकायत कबड्डी से जुड़ी थी लेकिन जब कॉलेज स्तर पर मामले की जांच हुई तो पता चला कि कि 44 में से 40 दाखिले गलत है।


जांच रिपोर्ट के अनुसार 44 विद्यार्थियों की दाखिला सूची में से चार बच्चों का ट्रायल और उनको दिए गए अंक सही थे, जिसमें टेबल टेनिस में-1, कुश्ती में-2 और आर्च री में 1 विद्यार्थी शामिल है। बस फिर क्या था समूची दाखिला प्रक्रिया को रोक दिया गया और जब छात्र इसके खिलाफ उच्च न्यायालय पहुंचे तो न्यायालय के आदेश पर दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने 7 व 8 सितम्बर को सेंट्रलाइज्ड ट्रायल का आयोजन कर नए छात्रों का चुनाव किया।

सेंट्रलाइज्ड ट्रायल के बाद 23 योग्य छात्रों की सूची जारी हुई। इसमें 18 उन छात्रों को मौका मिला है, जिनके नाम फर्जीवाड़े के तहत तैयार 44 छात्रों की दाखिला सूची में भी थे। जबकि पांच ऐसे छात्र भी सेंट्रलाइज्ड ट्रायल में सफल हुए,जिन्हें कॉलेज की ओर से अंजाम दी गई दाखिला प्रक्रिया में बाहर कर दिया गया था।

सेंट्रलाइज्ड ट्रायल में उन्हीं 198 आवेदकों का मौका दिया गया था जिन्होंने कॉलेज की ओर से कराये गए ट्रायल में हिस्सा लिया था। इस तरह दाखिलों के बाद अब जांच की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और जिस तरह से प्रबंध समिति ने जांच कमीशन का गठन किया है उससे साफ हो जाता है कि दोषियों का बच पाना मुश्किल होगा(दैनिक भास्कर,दिल्ली,19.9.11)।

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