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19 सितंबर 2011

छत्तीसगढ़ःसरकारी शिक्षकों और शिक्षाकर्मियों के ट्यूशन लेने पर लगा प्रतिबंध

राज्य में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के ट्यूशन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने राज्य में स्कूली शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए यह कड़ा निर्णय लिया है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि ट्यूशन करने वाले शिक्षक स्कूलों में पढ़ाई पर ध्यान नहीं देते और उनका पूरा ध्यान छात्रों को अपने यहां ट्यूशन के लिए खींचने पर लगा रहता है।

प्रदेश के विभिन्न स्थानों से लगातार राज्य सरकार के पास शिकायतें पहुंच रही थीं कि सरकारी शिक्षक स्कूलों के बजाय अपना पूरा ध्यान ट्यूशन पर लगा रहे हैं। इस तरह की शिकायत कमोबेश सभी जिलों से सरकार के पास पहुंची है। स्कूल शिक्षा मंत्री ने इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के निजी ट्यूशन पर रोक लगा दी। आदेश के दायरे में न केवल शिक्षक होंगे बल्कि शिक्षाकर्मियों को भी शामिल किया गया है। शिक्षा कर्मी भी निजी ट्यूशन नहीं कर पाएंगे।


प्रारंभिक शिक्षा के लिए किसी भी स्कूल द्वारा केपिटेशन फीस लेने पर भी रोक लगा दी गई है। अगर कोई संस्थान इस तरह की फीस लेता है उस पर उस फीस का 10 गुना अर्थदंड लगाया जाएगा।
राज्य में अब प्राथमिक शिक्षा में बोर्ड परीक्षा नहीं 

शिक्षा के अधिकार कानून के तहत राज्य में अब प्राथमिक शिक्षा स्तर पर किसी भी प्रकार की बोर्ड परीक्षा नहीं होगी। प्रारंभिक शिक्षा पूर्ण करने पर प्रत्येक छात्र-छात्रा को राज्य शासन निर्धारित प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। प्रारंभिक शिक्षा के लिए संचालित विद्यालय में छात्र-छात्रा को न तो कक्षा में रोका जाएगा और ही उसे निकाला जा सकेगा। शारीरिक दंड या मानसिक उत्पीड़न की शिकायत मिलने पर संबंधित स्कूल के संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

किस विषय में ट्यूशन 
राज्य में स्कूली शिक्षा में कामर्स, गणित, अंग्रेजी, साइंस के विषयों के शिक्षक सबसे अधिक ट्यूशन करते हैं। शिक्षकों के यहां सुबह से ट्यूशन की कक्षाएं लगने लगती हैं। देर रात तक ये बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते हैं। इस प्रतिबंध को लागू करना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होगा। ट्यूशन को रोकने के लिए इससे पहले भी कई बार प्रयास हुए, लेकिन हर बार ये कागजों तक की सीमित होकर रह गए। ट्यूशन की शिकायत किस तरह से और कहां होगी, कौन कार्रवाई करेगा, इस तरह की पूरी व्यवस्था शिक्षा विभाग को करनी होगी।

सीधी कार्रवाई होगी
स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि अभी यह प्रतिबंध प्राइमरी और मिडिल स्कूलों के शिक्षकों के लिए लगाया गया है। हाईस्कूल के शिक्षकों को भी ट्यूशन के लिए छूट नहीं दी जाएगी। राज्य शासन ने सभी जिलों में ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश जारी कर दिए हैं(दैनिक भास्कर,रायपुर,19.9.11)।

1 टिप्पणी:

  1. अच्छा। लेकिन पढ़ाई की कुछ ठीक व्यवस्था भी हुई कि बस नकली कानून बना लिए गए जो हमारी परम्परा में होते आया है?

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