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21 अक्तूबर 2011

बरकतउल्ला विविःएक विभाग, 4 विषय और छात्र...एक भी नहीं

एक विभाग, चार विषय। इन्हें चलाने के लिए लाखों का खर्च, लेकिन हैरत की बात कि छात्र एक भी नहीं। यह आलम है बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी में संचालित सतत एवं प्रौढ़ शिक्षा विभाग का। इस मामले में मजेदार बात यह है कि यूजीसी की सूची में यह विभाग है ही नहीं, फिर भी इसे संचालित किया जा रहा है।

यूजीसी ने वर्ष 1990 में एडल्ट एजुकेशन प्रोग्राम शुरू किया था। जिसके तहत देश के कई विश्वविद्यालयों के साथ बीयू में भी पांच साल के लिए प्रौढ़ एवं सतत शिक्षा प्रोग्राम शुरू किया गया। यूजीसी के नियमों के मुताबिक इसके अंतर्गत चार विषय एमए (पॉपुलेशन एजुकेशन), एमए (रूरल डेवलपमेंट), डिप्लोमा इन पॉपुलेशन एजुकेशन, पीजी डिप्लोमा इन एडल्ट एजुकेशन संचालित हो सकते हैं। इसके लिए ग्रांट यूजीसी देती थी, जो वर्ष 1995 में बंद कर दी गई। लेकिन पिछले पंद्रह सालों से प्रोग्राम को विभाग बनाकर संचालित किया जा रहा है। इसमें संचालित होने वाले चारों विषय में एक भी छात्र नहीं है। वर्ष 2004 में बीएड विषय को इससे संबद्ध कर उसकी आय से इसे संचालित किया जा रहा है। हालांकि इसके बावजूद इससे लाखों का घाटा हो रहा है। इस घाटे को यूनिवर्सिटी पूरा कर रही है(दैनिक भास्कर,भोपाल,21.10.11)।

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