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03 अक्तूबर 2011

राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिए पीएम से गुहार

अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के अंतरराष्ट्रीय संयोजक तथा राजस्थान एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका कनाडा व कैलिफोर्निया के मीडिया चेयरमैन प्रेम भंडारी ने गांधी जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को पत्र लिख कर राजस्थानी भाषा को शीतकालीन सत्र में ही संवैधानिक मान्यता दिए जाने की मांग की है।
भंडारी ने गांधीजी का वक्तव्य याद दिलाते हुए लिखा है कि केंद्र और राजस्थान में गांधीवादी सरकार है और उनको गांधीजी के उन विचारों का सम्मान करना चाहिए जिसमें उन्होंने बच्चों को शिक्षा मातृभाषा के माध्यम से ही दिए जाने पर जोर दिया था।
उन्होंने लिखा है कि अनिवार्य शिक्षा कानून में भी शिक्षा का माध्यम मातृभाषा ही रखने का प्रावधान है, मगर राजस्थान के लोगों की मातृभाषा राजस्थानी को संवैधानिक मान्यता नहीं मिलने से प्रदेश में यह शिक्षा कानून पूर्णतया लागू नहीं हो पाया है।

क्या है गांधी का वक्तव्य :
शिक्षा के भाषायी माध्यम संबंधी कई लेख गांधीजी ने लिखे थे, जिन्हें भारतन् कुमारप्पा ने संकलित तथा गुजराती से अनुवादित कर हिंदी में ‘शिक्षा का माध्यम’ शीर्षक से पुस्तिका के रूप में प्रकाशित करवाया था।

गांधीजी ने स्पष्ट लिखा है- ‘मैं बच्चों के मानसिक विकास के लिए उन पर मां की भाषा को छोड़कर दूसरी भाषा लादना मातृभूमि के प्रति पाप समझता हूं। मेरा विश्वास है कि राष्ट्र के जो बालक अपनी मातृभाषा के बजाय दूसरी भाषा में शिक्षा प्राप्त करते हैं, वे आत्महत्या ही करते हैं। इसलिए मैं इस चीज को पहले दर्जे का राष्ट्रीय संकट मानता हूं।’

प्रधानमंत्री से मांगा मुलाकात के लिए समय :
पत्र में राजस्थानी को मान्यता के सिलसिले में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से मुलाकात के लिए समय भी मांगा गया है। उल्लेखनीय है कि संघर्ष समिति का प्रतिनिधिमंडल गत 23 अगस्त को राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री भंवर जितेन्द्र सिंह से मुलाकात कर चुका है। भंडारी के अनुसार राजस्थानी के प्रति इन नेताओं के सकारात्मक रवैये से वे अभिभूत हैं।

भंडारी से भारत लौटने का आग्रह :
संघर्ष समिति के प्रदेश महामंत्री डॉ. राजेन्द्र बारहठ ने प्रेम भंडारी से संसद के शीतकालीन सत्र से पहले भारत लौटने का आग्रह किया है। बारहठ ने बताया कि गत अगस्त माह में राजस्थानी मान्यता के लिए भंडारी के भारत दौरे से अच्छा वातावरण निर्माण हुआ तथा उससे आंदोलन को गति मिली।

नवंबर में भारत आएंगे भंडारी :
उधर न्यूयॉर्क से प्रेम भंडारी ने दूरभाष पर जानकारी दी कि वे राजस्थानी की मान्यता के लिए नेताओं से मुलाकात करने तथा राजस्थान भर में जनजागरण के लिए नवंबर के दूसरे सप्ताह में भारत लौट रहे हैं। इस दौरान वे केंद्रीय नेताओं से मिलकर संसद के शीतकालीन सत्र में राजस्थानी की मान्यता संबंधी विधेयक लाने का आग्रह करेंगे(दैनिक भास्कर,जोधपुर,3.10.11)।

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