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03 नवंबर 2011

आईआईएम की हर तीन साल में होगी बाहर से समीक्षा

देश के सभी भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) की हर तीन साल में बाहर से समीक्षा की जाएगी। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल की अध्यक्षता में हुई आईआईएम परिषद की बैठक में यह फैसला किया गया। बैठक में आईआईएम के अध्यक्ष एवं निदेशकों के अलावा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक में नए आईआईएम की स्थापना को लेकर चल रही प्रगति की समीक्षा की गई। इसमें जानकारी दी गई कि सभी नए आईआईएम से जुड़े भूमि के मुद्दों का समाधान हो चुका है। आईआईएम-काशीपुर को छोड़कर सभी नए आईआईएम में निदेशक नियुक्त हो चुके हैं। काशीपुर में जल्द ही नियुक्ति हो जाएगी। सरकारी बयान के मुताबिक नए आईआईएम के बीच परस्पर समन्वय के लिए एक स्थाई समिति का गठन भी किया गया है। आईआईएम को अधिक स्वायत्तता दिए जाने के बारे में विचार करते हुए परिषद ने कहा कि अहमदाबाद और इंदौर के संशोधित नियमों से संबंधित ज्ञापन तैयार हो चुके हैं, बेंगलुरू, लखनऊ और कोझीकोड के लिए यह प्रक्रि या चल रही है। कोलकाता, लखनऊ और कोझीकोड के आईआईएम के निदेशकों ने संकेत दिया कि वाषिर्क कार्ययोजना पण्राली और शिक्षण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा किया गया है। बेंगलुरू आईआईएम के निदेशक ने कहा कि सलाह मशविरे के बाद शिक्षकों की समीक्षा पण्राली तैयार की जाएगी। परिषद को बताया गया कि सरकार ने आईआईएम में अनुसंधान सुविधाओं के विस्तार की योजना को मंजूरी दे दी है। हर आईआईएम से पीएचडी डिग्री करने वालों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। आईआईएम से 100 अतिरिक्त पीएचडी के लिए 95 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,3.11.11) ।

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