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18 नवंबर 2011

एनआईओएसःडिग्री की उपयोगिता के लिए सर्वे शुरू

नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (एनआईओएस) ने अपने कोर्सेज की अहमियत को जानने के लिए एक नया प्रयोग किया है। एनआईओएस ने एक ऑनलाइन सर्वे शुरू किया है, जिसमें पूर्व स्टूडेंट्स से फीडबैक मांगा गया है। स्टूडेंट्स से पूछा गया है कि एनआईओएस से पास होने वाले स्टूडेंट्स का आगे की पढ़ाई के लिए क्या भविष्य है और क्या वे किसी को एनआईओएस में पढ़ाई के लिए सिफारिश करेंगे? स्टूडेंट्स से 37 क्वेश्चन के जवाब मांगे गए हैं और इसके आधार पर यह तय किया जाएगा कि कोर्सेज में किस तरह के बदलाव किए जा सकते हैं? वेबसाइट www.nios.ac.in से फॉर्म डाउनलोड कर पोस्ट के जरिए भी भेज सकते हैं और ऑनलाइन भी सब्मिट कर सकते हैं। नवंबर 1989 में नैशनल ओपन स्कूल बनाया गया था, जिसे अब एनआईओएस के नाम से जाना जाता है।


एनआईओएस के चेयरमैन डॉ. सितांशु एस. जेना ने बताया कि पिछले 22 सालों में पास हुआ कोई भी स्टूडेंट अपना अनुभव बांट सकता है। इससे यह पता चल सकेगा कि कोर्सेज को किस तरह से बेहतर बनाया जा सकता है। साथ ही यहां से पास होने वाले स्टूडेंट को करियर में किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, इसके बारे में भी पता चलेगा। अभी तक एनआईओएस को पूर्व स्टूडेंट के बारे में अधिक जानकारी नहीं होती। हो सकता है कि स्टूडेंट को जॉब पाने में कोई समस्या आ रही हो। डॉ. जेना ने कहा कि एनआईओएस से 10वीं या 12वीं करने वाले स्टूडेंट के सर्टिफिकेट की भी उतनी ही वैल्यू है, जितनी दूसरे एजुकेशन बोर्ड से पास आउट होने वाले स्टूडेंट्स की। फीडबैक से यह भी सामने आएगा कि स्टूडेंट को सर्टिफिकेट की वैल्यू को लेकर तो कोई परेशानी नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व स्टूडेंट को एनआईओएस के साथ जोड़ा जाएगा और यहां से पास होने वाले स्टूडेंट जिन फील्ड में आगे बढ़ रहे हैं, उनके बारे में मौजूदा स्टूडेंट को जानकारी दी जाएगी। 

सर्वे में कई दूसरे अहम सवाल भी पूछे गए हैं। जैसे क्या एनआईओएस के कोर्सेज के आधार पर जॉब मिल पाई? यदि जॉब नहीं मिली तो सुधार के लिए सुझाव क्या होंगे? एनआईओएस से पढ़ाई करने के बाद किन- किन यूनिवर्सिटी में आगे की पढ़ाई की? चेयरमैन का कहना है कि यह प्रयोग पहली बार किया गया है और एनआईओएस से अभी तक लाखों स्टूडेंट्स पढ़ाई कर चुके हैं। उनके सुझावों से काफी बदलाव हो सकते हैं(भूपेंद्र,नवभारत टाइम्स,दिल्ली,18.11.11)।

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