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03 नवंबर 2011

महिला सैन्य अफसरों की पदोन्नति पर शीघ्र निर्णय होः सुप्रीम कोर्ट

सेना में स्थायी कमीशन के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने वाली शार्ट सर्विस कमीशन की महिला अधिकारियों को पदोन्नति से वंचित करने के मामले में बुधवार को मनमोहन सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि उन्हें पदोन्नति देने के मसले पर विचार किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने गत सितंबर में ही १४ साल की सेवा पूरी करने वाली सभी महिला सैन्य अधिकारियों की बहाली के आदेश दिए थे।

न्यायमूर्ति आरएम लोढा और एचएल गोखले की खंडपीठ के समक्ष इन महिला सैन्य अधिकारियों की वकील मीनाक्षी लेखी ने बुधवार को दावा किया कि इन अधिकारियों की बहाली के बाद उन्हें पदोन्नत नहीं किया जा रहा है। उनका कहना था कि महिला सैन्य अधिकारियों ने इस संबंध में रक्षा मंत्रालय में प्रतिवेदन भी दिया है, लेकिन अभी तक उस पर कोई निर्णय नहीं हुआ है। इस पर रक्षा मंत्रालय के वकील आर. बालासुब्रमण्यम ने अदालत को सूचित किया कि इन महिला सैन्य अधिकारियों को पदोन्नति देने के प्रतिवेदन पर विचार किया जा रहा है।


इस पर न्यायाधीशों ने महिला सैन्य अधिकारियों से कहा कि उन्हें सरकार के निर्णय की प्रतीक्षा करनी चाहिए। न्यायाधीशों ने रक्षा मंत्रालय से कहा कि उसे एक निश्चित समय के भीतर इन महिला सैन्य अधिकारियों की पदोन्नति के मसले पर फैसला लेना चाहिए।
न्यायाधीशों ने इसके साथ ही स्पष्ट किया कि यदि एक निश्चित अवधि के भीतर सरकार निर्णय नहीं लेती है तो ये महिला सैन्य अधिकारी अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए स्वतंत्र होंगी। फिलहाल यह मामला अदालत में ही लंबित रखा जा रहा है। सेना ने दिल्ली हाईकोर्ट के १२ मार्च २०१० के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है।

अदालत ने एक बार फिर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर बार-बार विचार नहीं किया जा सकता। अदालत ने दो सितंबर को इन सभी महिला अधिकारियों को १२ सितंबर से वापस सेवा में लेने का अंतरिम आदेश देते हुए स्पष्ट किया था कि सेवा में बहाली के बाद इन महिला अधिकारियों के सेवा में शामिल होने की तिथि से ही सेवा में निरंतरता बनी रहेगी। अदालत ने कहा था कि यह आदेश इस मामले में हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर अंतिम निर्णय के दायरे में आएगा। 

अदालत ने यह भी कहा था कि चूंकि हाईकोर्ट के आदेश पर कोई रोक नहीं है, इसलिए यह आदेश प्रभावी रहेगा। इस समय सेना में २२०० महिला सैन्य अधिकारी कार्यरत हैं। इनमें से १२०० थलसेना में और ७५० वायुसेना तथा २५० नौसेना में हैं। 

हाईकोर्ट ने ६० से अधिक महिला सैन्य अधिकारियों की याचिका पर सशस्त्र सेनाओं में शार्ट सर्विस कमीशन में सेवारत महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन प्रदान करने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट का कहना था कि सेना में महिला अधिकारियों के साथ पुरुष अधिकारियों के समान ही व्यवहार होना चाहिए। ये महिला सैन्य अधिकारी चाहती हैं कि उनके साथ पुरुष सैन्य अधिकारियों के समान ही व्यवहार हो(अनूप भटनागर,नई दुनिया,दिल्ली,3.11.11)।

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