नई भर्ती नीति के खिलाफ सोमवार को ‘यूथ ऑफ जम्मू कश्मीर एंड लद्दाख: ए मूवमेंट’ द्वारा जम्मू यूनिवर्सिटी में हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। सैकड़ों स्टूडेंट्स, स्कॉलरों व अन्य लोगों ने भर्ती नीति के विरोध में हस्ताक्षर किए। अभियान को नाम दिया गया है, ‘साडा हक इत्थे रख’।
मूवमेंट के चेयरमैन सुरेश अजय मगोत्रा ने कहा कि सरकार युवाओं के भविष्य को बर्बाद करने पर तुली है। इस नीति को कदापि लागू नहीं होने दिया जाएगा। सरकार को चाहिए कि फौरन इसे वापस ले। हस्ताक्षर अभियान को सभी कालेजों में चलाया जाएगा। उसके बाद यह हस्ताक्षर राष्ट्रपति को भेजे जाएंगे। उनसे अपील की जाएगी कि युवाओं को उमर सरकार की काली नीति से बचाया जाए।
उधर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने भी कहा है कि भर्ती नीति के खिलाफ उसका आंदोलन जारी रहेगा। विदित रहे कि अभाविप ने 25 नवंबर को महाधरना आयोजित करने का आह्वान किया है। इस संदर्भ में विभिन्न कालेजों में अभियान जारी है।
एनसीएसयू ने भर्ती नीति को सराहा, कहा नीति के फायदों से अवगत कराएं
वहीं, नेशनल कांफ्रेंस स्टूडेंट्स यूनियन (एनसीएसयू) ने कहा कि नई भर्ती नीति राज्य सरकार की क्रांतिकारी योजना है। नवनियुक्त प्रांतीय प्रधान एवं जुरसिया प्रधान राकेश चिब ने सदस्यों से कहा कि वे युवाओं को इस नीति के फायदों से वाकिफ कराएं। साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक पार्टियां अपने निजी स्वार्थ के लिए युवाओं को भर्ती नीति के खिलाफ उकसा रही हैं।
मुख्य मंत्री द्वारा घोषित यह नीति बेरोजगारी की समस्या मिटाने को कारगर रहेगी। लेकिन लोगों को पहले इसे समझना होगा। इससे पूर्व यूनिवर्सिटी में चिब का नया प्रांतीय प्रधान बनने पर स्वागत किया गया(दैनिक भास्कर,जम्मू,15.11.11)।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।