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12 दिसंबर 2011

रेलकर्मियों के 10वीं फेल बच्चों को भी नौकरी

अपनी जगह एक बच्चे को रेलवे में नौकरी देने के लिए कर्मचारियों के आगे अब उनके बच्चों की कम शिक्षा बाध्यता नहीं बनेगी। लिबरलाइज्ड एक्टिव रेलवे इम्पलाइज गारंटीड एम्प्लाइमेंट सेफ्टी स्कीम (लार्सजस योजना) में अब दसवीं उन बच्चों को भी नौकरी का मौका मिलेगा जो दसवीं फेल हैं या किसी वजह से कक्षा आठ के बाद पढ़ाई नहीं कर पाया है। रेलवे उनको नियमित ग्रेड और पे बैंड देने से पहले छह माह तक प्रशिक्षु के रूप में प्रशिक्षण देगा। रेलवे बोर्ड की संयुक्त सचिव अवस्थापना हर्षा दास ने नौ दिसंबर को सभी जोनल मुख्यालयों व उत्पादन इकाइयों को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। लार्सजस योजना के तहत 1800 ग्रेड पे वाले संरक्षा कोटि के कर्मचारी खुद सेवानिवृत्ति लेकर अपने एक बच्चे को नौकरी दे सकते हैं। पहले इस योजना में दसवीं उत्तीर्ण होना और शारीरिक परीक्षा पास करना आवश्यक होता था। शारीरिक परीक्षा में 60 फीसदी अभ्यर्थी फेल हो जाते थे। गैंगमैन सहित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के बच्चों की पढ़ाई कम होने से उनको मौका नहीं मिल रहा था। नार्दर्न रेलवे मेंस फेडरेशन ने पिछले माह चेन्नई में हुए राष्ट्रीय अधिवेशन में यह मुद्दा उठाया था। इसके बाद रेलवे ने शारीरिक परीक्षा देने की अनिवार्यता समाप्त कर दी थी। नौ दिसंबर को लार्सजस योजना की भर्ती के लिए हाईस्कूल उत्तीर्ण की शर्त हटाने का आदेश भी दे दिया गया। नए आदेश के तहत लार्सजस योजना के तहत रेलवे कर्मचारियों के बच्चों को अब मृतक आश्रित व क्षतिपूर्ति कोटा की तरह 1300 ग्रेड पे वाले ऋणात्मक स्केल एक के तहत छह माह प्रशिक्षु के रूप में अपनी सेवा देनी होगी। छह माह के बाद उनको ग्रेड पे 1800 और पे स्केल 5200-20200 का लाभ मिल सकेगा। प्रशिक्षण काल की उनकी सेवा नियमित में नहीं जोड़ी जाएगी(निशांत यादव,दैनिक जागरण,लखनऊ,12.12.11)।

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