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15 दिसंबर 2011

डीयू के फर्जी दाखिले में और चार गिरफ्तार

डीयू में फर्जी दाखिला मामले में पुलिस ने चार और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। चारों डीयू के पूर्व छात्र बताए जा रहे हैं। जिनकी पहचान नरेश ताऊ, रोहित लांबा, कुलदीप व एमएस सिट्टा के रूप में हुई है। सभी की उम्र 25 वर्ष के करीब बतायी जा रही है। आरोपी नरेश ताऊ व रोहित लांबा काफी समय से इस तरह के फर्जीवाडे़ में लिप्त बताए जा रहे हैं। पुलिस के अनुसार नरेश ने 20 तथा रोहित ने सात दाखिले फर्जी मार्कशीट के आधार पर कराए थे। वहीं कुलदीप व एमएस सिट्टा भी अपने संपर्कों से कुछ फर्जी दाखिले कराने में संलिप्त हैं। हालांकि पुलिस मामले के मास्टर माइंड की तलाश कर रही है। डीसीपी आइबी रानी ने बताया कि यह लोग दाखिले के लिए छात्रों से दो से सात लाख रुपये लेते थे। डीयू के रामजस कालेज में कई छात्रों ने फर्जी मार्कशीट के आधार पर दाखिला लिया था। कॉलेज प्रशासन से शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने स्नातक प्रथम वर्ष के 28 तथा द्वितीय वर्ष के पांच छात्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु की थी। जांच में दोषी पाए जाने पर 12 दिसंबर को श्री राम कालेज आफ कामर्स में बीकॉम तृतीय वर्ष के छात्र साहिल सहित रामजस कालेज में बीकॉम द्वितीय वर्ष के छात्र मुकुल और एक पूर्व छात्र संचित दहिया व एक साइबर कैफे के संचालक सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया था। मंगलवार को पुलिस ने फर्जी मार्कशीट पर दाखिला दिलाने में चार और आरोपियों को गिरफ्तार किया। यह सभी आरोपी नरेश ताऊ, रोहित लांबा, कुलदीप तथा एमएस सिट्टा डीयू के पूर्व छात्र हैं। नरेश ताऊ सन 2007 में रामजस कालेज का छात्र था। लेकिन वह बीच में ही पढ़ाई छोड़ होटल मैनेजमेंट का कोर्स करने लगा था। तीन वर्ष में कोर्स पूरा करने के बाद उसने कमला नगर में नाइन 57 नाम से रेस्टोरेंट खोल लिया था। बताया जाता है कि कालेज के समय वह खासा दबंग था(दैनिक जागरण,दिल्ली,15.12.11)।

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