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13 दिसंबर 2011

झारखंडःकोल कर्मियों की मेडिकल सुविधाएं बढ़ेंगी

कोल इंडिया के कर्मचारियों को अब रिटायरमेंट के बाद भी कंपनी के अस्पतालों में इंडोर मेडिकल सुविधा मिलेगी। यह सुविधा पति-पत्नी दोनों के लिए होगी। पहले सिर्फ ओपीडी में ही यह सुविधा थी। अब वे सहायक कंपनियों के अस्पतालों में भर्ती हो सकते हैं। यह निर्णय सोमवार को भुवनेश्वर में जेबीसीसीआई-9 की बैठक में लिया गया।

बैठक में वेतन समझौते की दिशा में बात आगे नहीं बढ़ी और वार्ता विफल हो गई। अब 9, 10 व 11 जनवरी को नागपुर में होने वाली बैठक में बात आगे बढ़ने की संभावना है। समझौते के बिंदु पर पहुंचने के लिए ही तीन दिन की बैठक होगी।

अहम फैसले
-रिटायर्ड कर्मियों को कंपनी के अस्पतालों में इंडोर मेडिकल की सुविधा मिलेगी
-सालाना इंक्रीमेंट की तिथि एक अप्रैल करने से होने वाले घाटे की भरपाई होगी
-ठेका श्रमिकों के दीपावली गिफ्ट पर फैसला अब जेसीसी की बैठक में

इंक्रीमेंट भूल सुधारेगा प्रबंधन
प्रबंधन ने आश्वासन दिया कि दिल्ली में हुई जेबीसीसीआई की पिछली बैठक में सालाना इंक्रीमेंट की तिथि एक अप्रैल करने से कर्मियों को होने वाले घाटे की भरपाई की जाएगी। इस पर शीघ्र निर्णय लेकर क्रियान्वयन आदेश कंपनियों को भेजा जाएगा।

ठेका श्रमिकों को 1000 रुपए गिफ्ट इसी माह
बोनस (एक्सग्रेशिया) के मुद्दे पर दिल्ली की बैठक में ठेका श्रमिकों को दिवाली गिफ्ट एक हजार रुपए देने की घोषणा अब तक पूरी नहीं हुई है। वजह यह कि सीसीएल सहित सभी कंपनियों में कितने ठेका श्रमिक हैं और उनके जॉब की प्रकृति क्या है, यह पता नहीं चल पाया। अब यह काम जेसीसी बैठक में होगा। कोल इंडिया चेयरमैन ने सभी कंपनियों के सीएमडी को निर्देश दिया कि जेसीसी की बैठक इसी माह बुलाकर भुगतान की व्यवस्था करें।

प्रबंधन ने 10 प्रतिशत वेतन वृद्धि का प्रस्ताव दिया है, जिसे हमने नकार दिया है। इतनी कम राशि कैसे स्वीकार की जाती। प्रबंधन इससे ऊपर बढ़े, हम सोचेंगे।
राजेंद्र प्रसाद सिंह, इंटक

एनसीडब्ल्यू-8 से कम पर बात नहीं बन सकती। हमने अपने पत्ते खोल दिए हैं। गेंद प्रबंधन के पाले में है। हम सम्मानजनक समझौता कराकर रहेंगे।
रमेंद्र कुमार, एटक

वेतन समझौते की बात पटरी पर चल रही है। प्रबंधन कम देने की कोशिश में है, लेकिन हम कर्मियों को हक दिलाकर रहेंगे। नागपुर बैठक से काफी उम्मीद है।
डीडी रमानंदन, सीटू

10 प्रतशित वेतन वृद्धि के साथ सौ प्रतिशत डीए न्यूट्रलाइजेशन का प्रस्ताव महज धोखा है। डीए न्यूट्रलाइजेशन हर वेतन समझौते में होता रहा है।
सनत मुखर्जी, जेसीएमयू(दैनिक भास्कर,रांची,13.12.11)

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