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13 दिसंबर 2011

छत्तीसगढ़ःतीन सेट में बन सकते हैं बीडीएस के पर्चे

बैचलर ऑफ डेंटल एंड सर्जरी के पर्चे लगातार लीक होने पर भी पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय प्रशासन पेपर रद्द करने के लिए तैयार नहीं था। शेष बचे पेपर के तीन सेट बनाने, उनमें से कोई एक सेट परीक्षा केंद्रों में भेजने और परीक्षा के ठीक पहले एक अन्य सेट भेजकर परीक्षा लेने की उसकी योजना थी ताकि पर्चा लीक करने वालों को पकड़ा जा सके।


पेपर होने के फौरन बाद उत्तर पुस्तिकाएं मंगाई जातीं और उत्तर लिखने की शैली और छात्रों को मिलने वाले अंकों के आधार पर उसका आंकलन किया जाता। इससे रविवि को उम्मीद थी कि पेपर लीक करने वालों को रंगे हाथों पकड़ा जा सकता। दस दिन के भीतर पर्चा छपकर नहीं आ सकता था और उसे केंद्रों में अलग-अलग चरणों में भेजने में भी परेशानी थी। इसे देखते हुए अफसरों ने पर्चा रद्द करके नए सिरे से परीक्षा लेने की सलाह दी। इसे ही कारगर माना गया और नई समय सारणी घोषित की गई।

वार्षिक परीक्षा में योजना पर हो सकता है काम : बीडीएस की 10 जनवरी से होने वाली परीक्षा और मार्च में संभावित वार्षिक परीक्षा में नई योजना पर अमल किया जा सकता है। इसके तहत प्रश्न पत्र तीन सेट में बनाए जाएंगे। परीक्षा केंद्रों को इनमें से कोई एक सेट भेजा जाए। किसी पर संदेह हुआ तो परीक्षा के एक घंटे पहले दूसरा सेट भेजा जाएगा और परीक्षा बाद में भेजे जाने वाले प्रश्न पत्र से होगी। उत्तर पुस्तिकाओं की रेंडम चेकिंग की जाएगी। 

दिनभर चली पूछताछ : सोमवार को विशेष अनुसंधान सेल के प्रभारी निरीक्षक अशोक जोशी के नेतृत्व में शासकीय डेंटल कॉलेज और निजी डेंटल कॉलेजों में पूछताछ की गई। शासकीय डेंटल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विश्वजीत मिश्रा ने ही सबसे पहले मामले की शिकायत रविवि से की थी। उनसे पुलिस ने पूछा कि मामले की जानकारी कहां से मिली? एहतियात के लिए कुछ उपाय किए या नहीं? पर्चे की सुरक्षा के लिए शासकीय कॉलेज में क्या उपाय किए गए हैं? 
इससे पहले शनिवार को एसआईसी के दस्ते ने रविवि में पूछताछ की थी। कुलसचिव से मामले की जानकारी लेने के बाद गोपनीय विभाग में करीब साढ़े तीन घंटे तक पूछताछ का दौर चला था।

छात्र पहुंचे पालकों के साथ
बैचलर ऑफ डेंटल एंड सर्जरी अंतिम के सभी पर्चे निरस्त करने से परेशान बीडीएस के छात्रों ने सोमवार को पालकों के साथ कुलसचिव से मिलकर मांग की कि जो पर्चे फूटे हैं उन्हें ही निरस्त किया जाए। परीक्षा की तिथि आगे बढ़ने से उनकी इंटर्नशिप और आगे पढ़ाई पर सीधा असर पड़ेगा। रोजगार के लिए मिलने वाले पहले अवसर से भी वे चूक सकते हैं। ऐसे में सिर्फ वही पर्चे निरस्त किए जाएं जो फूटे थे। सभी छात्रों को एक ही मापदंड से तौला जाना ठीक नहीं है। प्रक्रिया के तहत आवेदन नहीं आने पर उनकी मांग अस्वीकार कर दी गई(दैनिक भास्कर,रायपुर,13.12.11)।

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