सरकारी नौकरी ज्वाइन करने के बावजूद नियमित रूप से ड्यूटी नहीं करने और बार-बार लंबी छुट्टी पर चले जाने वाले डॉक्टरों की मनमानी अब और नहीं चल पाएगी। ऐसे डॉक्टरों की सूची तैयार करने के साथ ही उन्हें बर्खास्त करने की पूरी तैयारी है। गौरतलब है कि प्रदेश में डॉक्टरों की कमी से स्वास्थ्य सेवाएं पहले ही लड़खड़ा रही हैं, उस पर कुछ एमबीबीएस डॉक्टरों की मनमानी स्थिति को और बदतर कर रही है। कई एमबीबीएस डॉक्टर सरकारी नौकरी के लालच और जॉब सिक्योरिटी के कारण नौकरी तो ज्वाइन कर लेते हैं पर कुछ माह बाद ही छुट्टी लेकर या तो पीजी (पोस्ट ग्रेजुएशन) की तैयारी करने लगते हैं या फिर एनसीआर सहित बड़े-बड़े महानगरों में मोटी पगार वाली नौकरी ढूंढ़ने में लग जाते हैं। ऐसे में स्वास्थ्य सेवाओं का लड़खड़ाना स्वाभाविक है। इस स्थिति में सिर्फ मरीज ही नहीं, सरकार भी परेशान होती है। मरीज को पूरा और समयबद्ध उपचार नहीं मिल पाता। सरकार के हाथ भी बंध जाते हैं क्योंकि वह तब तक नई नियुक्तियां नहीं कर सकती जब तक पद रिक्त न हों और ऐसे डॉक्टर इस्तीफा न दे दें। कहने का मतलब यह कि ऐसे डॉक्टर पद तो भरे रखते हैं किन्तु अपनी सेवाएं नहीं देते(संजीव गुप्ता,दैनिक जागरण,झज्जर,7.12.11)।
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