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12 दिसंबर 2011

छपरा में फिर नये इंजीनियरिंग कालेज की कवायद

विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग ने एक बार फिर छपरा में सरकारी इंजीनियरिंग कालेज शुरू कराने की कवायद शुरू की है। पिछले वर्ष आल इंडिया काउंसिल आफ टेक्निकल एजुकेशन (एआइसीटीइ) ने छपरा में इंजीनियरिंग कालेज शुरू किए जाने को ले निरीक्षण किया था पर भवन निर्माण विभाग द्वारा कालेज के नवनिर्मित भवन को विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग को नहीं सौंपे जाने की वजह से कालेज शुरू करने की अनुमति नहीं मिली थी। विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग का कहना है कि अब भवन बनकर तैयार हो गया है। विभाग ने वहां कुछ अराजपत्रित कर्मियों को पदस्थापित भी कर दिया है। तय प्रावधान के अनुसार सभी इंजीनियरिंग कालेजों को हर वर्ष संबद्धता हासिल करने के लिए एआइसीटीइ की अनुमति जरूरी होती है। इस बाबत पहले एआइसीटीइ की टीम का निरीक्षण होता है। एआइसीटीइ से मंजूरी मिलने के बाद ही इंजीनियरिंग कालेज आरंभ होता है। विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग ने इस बार एआइसीटीइ से संबद्धता के लिए जिन कालेजों की सूची तैयार की है उसमें छपरा इंजीनियरिंग कालेज को भी शामिल किया है। नये इंजीनियरिंग कालेजों में सिर्फ छपरा इंजीनियरिंग कालेज के नाम को सूची में शामिल किया गया है। शेष सभी नाम पुराने कालेजों के हैं। 31 दिसंबर तक कालेजों की यह सूची एआइसीटीइ को चली जानी है। विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के स्तर पर तैयार हो रही सूची से यह स्पष्ट हो गया है अगले वर्ष भी छपरा को छोड़ अन्य जगहों पर सरकारी इंजीनियरिंग कालेज शुरू किए जाने का मामला फिलहाल अधर में है(दैनिक जागरण,पटना,12.12.11)।

2 टिप्‍पणियां:

  1. नीतीश सरकार को 2005 के बाद 2011 नहीं, 2012 में इसकी याद आई। मैं जब पटना आया था। तब ही भवन काफी हद तक बन चुक था।

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  2. 2005 में मैं पटना आया था। मतलब छह-सात साल तो सिर्फ़ याद आने में लगे।

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