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13 दिसंबर 2011

देवी अहिल्या विविःकुलपति के गले की फांस बन गये दो मुद्दे

देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी कार्यपरिषद की 19 दिसंबर को होने वाली बैठक के एजेंडे में शामिल दो मुद्दे कुलपति के गले की फांस बने हैं।

इन्हें पहले यूनिवर्सिटी की फाइनेंस कमेटी के सामने रखकर मंजूरी ली जाना थी, लेकिन यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने कमेटी को भनक तक नहीं लगने दी। अब कार्यपरिषद बैठक से पहले फाइनेंस कमेटी की बैठक बुलाने की तैयारी है। कमेटी अगर दोनों मुद्दों पर असहमत रही तो यूनिवर्सिटी की मुश्किलें बढ़ जाएंगी।

बैठक जल्द करवाएंगे- इस मामले में प्रभारी कुलपति डॉ. राजकमल ने कहा कि इन दोनों मुद्दों पर जल्द फाइनेंस कमेटी की बैठक करवाएंगे। हमारी कोशिश है कि ईसी के पहले यह बैठक हो जाए।

ऐसे आई मुसीबत

- गेस्ट फैकल्टी को पढ़ाने के लिए यूजीसी के नियमानुसार 250 के बजाय 500 रुपए प्रति घंटा देने का प्रस्ताव। इसे पहले फाइनेंस कमेटी में लाया जाना था लेकिन यूनिवर्सिटी सीधे ईसी के एजेंडा में लाई, जबकि पूर्व कुलपति डॉ. पी.के. मिश्रा ने भी इस मामले पर फाइनेंस कमेटी की राय ली थी। 
तब कहा गया था कि चूंकि प्रदेश में राजभवन की तरफ से 140 रुपए प्रति घंटे का पारिश्रमिक तय है और इससे ज्यादा दिया जा रहा है इसलिए 500 रु.देना संभव नहीं है।

- प्रो. गणेश्वर मिश्रा को 23 लाख 70 हजार का प्रोजेक्ट मिला है। इसके लिए फाइनेंस कमेटी से सहमति नहीं ली। सीधे ईसी एजेंडा में रखा।

यूनिवर्सिटी की साख की चिंता करें कुलपति

तीन दिन पहले देवता के शपथ विधि समारोह में कुलपति डॉ. राजकमल द्वारा अधिकारियों को लेकर की गई टिप्पणी अब उनके गले की फांस बन गई है। सोमवार को इस मामले में अधिकारियों ने कुलपति से मिलकर विरोध दर्ज करवाया।

आने वाले दिनों में यह विवाद और गहरा सकता है। हालांकि यूनिवर्सिटी प्रबंधन इसे समझौता बैठक के तौर पर भी ले रहा है। फिलहाल लगभग एक घंटे तक इस पर माथापच्ची होती रही। अधिकारियों ने कहा कुलपति को यूनिवर्सिटी की साख की चिंता करना चाहिए(दैनिक भास्कर,इन्दौर,13.12.11)।

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