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13 दिसंबर 2011

डीयूःरामजस कॉलेज के फर्जी दाखिलों में चार गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने रामजस कॉलेज में फर्जी दाखिले मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में से एक रामजस कॉलेज और एक श्रीराम कॉलेज ऑफ कामर्स का छात्र है। एक आरोपी रामजस का पूर्व छात्र है तथा चौथा आरोपी साइबर कैफे मालिक है, जो दाखिला पाने वाले छात्रों की फर्जी मार्कशीट का प्रिंट आउट निकालता था। पुलिस का दावा है कि फर्जी दाखिला पाने वाले छात्रों ने 10 से 15 प्रतिशत अंकों की हेराफेरी की है और उनका मकसद नॉर्थ कैम्पस में दाखिला पाना था। पुलिस फिलहाल कॉलेज के कर्मचारियों से भी सघन पूछताछ कर रही है।


उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त आई.बी रानी ने बताया कि रामजस कॉलेज में फर्जी दाखिला मामले में जिन चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, उनके नाम मुकुल, साहिल, संचित व राहुल है। मुकुल रामजस कॉलेज का छात्र है तथा साहिल श्रीराम कॉलेज ऑफ कामर्स का। राहुल विजय नगर में साइबर कैफे चलाता है जबकि संचित रामजस कॉलेज का पूर्व छात्र है, जिसने बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी थी। पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये चारों रामजस कॉलेज में दाखिला पाने के इच्छुक ऐसे छात्रों को तलाशते थे जिनके अंक कुछ प्रतिशत कम होते।
मुकुल व साहिल ऐसे छात्रों को संचित से मिलाते। संचित और राहुल उन छात्रों की डिटेल्स इस गिरोह के मुखिया के पास ले जाते, जिसके बाद उन छात्रों की फर्जी मार्कशीट बनाने की तैयारी की जाती। फर्जी मार्कशीट का प्रिंट राहुल के साइबर कैफे से निकाला जाता और फिर मार्कशीट को अन्य दस्तावेजों के साथ संलग्न कर दिया जाता। एक दाखिले की एवज में दो से छह लाख रुपए तक वसूले जाते और इन लोगों को कीमत के अनुसार हिस्सा मिल जाता।

पुलिस का कहना है कि फिलहाल मास्टर माइंड का पता लगाया जा रहा है। उसके बारे में काफी सुराग हाथ लग चुका है और जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इसके अलावा पुलिस को इस बात की प्रबल आशंका है कि कॉलेज का अंदरूनी व्यक्ति भी इस फर्जीवाड़े में शामिल है। फर्जी दाखिला पाने वाले छात्रों में से ज्यादातर छात्र पश्चिमी दिल्ली के रहने वाले हैं। सभी आरोपी छात्र पढ़ाई में ठीक है तथा उनके असली अंक भी 70 से 75 प्रतिशत के बीच हैं। गौरतलब है कि इस फर्जीवाड़े में कुल 35 छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, इनमें से पांच सेकंड ईयर के छात्र हैं(दैनिक भास्कर,दिल्ली,13.12.11)।

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