शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और उसका स्तर सुधारने के मकसद से राज्य सरकार अब स्कूलों का साल में दो बार सर्वे कराएगी। इसके अलावा प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों के तबादले की सरकारी नीति में बदलाव करने के जानकारी ग्राम विकास मंत्री जयंत पाटील ने दी है।
कुछ महीने पहले राज्यभर में कराये गए स्कूलों के सर्वेक्षण में सफलता हाथ लगी। कई स्कूल फर्जी पाये गए या फर्जी छात्रों के नाम पर सरकारी अनुदान बटोरे जा रहे थे। हाल में रत्नागिरी में आयोजित शिक्षकों के अधिवेशन में श्री पाटील ने स्कूलों का सर्वे साल में दो बार कराने की जानकारी दी। इसे लेकर शिक्षा संस्थानों में हलचल देखी जा रही है। श्री पाटील ने कहा कि यह जांच 200 क्रमांक की होगी।
नंबरों के अधार पर स्कूलों का दर्जा तय किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों के तबादले को लेकर अक्सर शिकायतें रहती हैं। लिहाजा तबादले नीति में थोड़ा सा बदलाव किया जाएगा ताकि शिकायतों को दूर किया जा सके। इससे पहले शिक्षकों ने अपनी विभिन्न 20 मांगों का ब्यौरा पेश किया था। शिक्षकों के सम्मेलन में ग्राम विकास राज्यमंत्री सतेज पाटील और नगर विकास राज्यमंत्री भास्कर जाधव आदि मौजूद थे(दैनिक भास्कर,मुंबई,12.12.11)।
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