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14 दिसंबर 2011

बिहारःप्रत्येक वार्ड में होगा आंगनबाड़ी केंद्र

कुपोषित, अतिकुपोषित बच्चों, गर्भवती महिलाओं और किशोरियों को पोषाहार उचित मात्रा में प्रत्येक महीने उपलब्ध कराने और आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन में गड़बड़ी रोकने केउद्देश्य से ग्राम पंचायत के सभी वाडरे में एक-एक आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना की जायेगी। केंद्र का पोषक क्षेत्र भी एक वार्ड ही होगा। हालांकि शहरी क्षेत्रों में आवश्यकता अनुसार आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना की जायेगी। फिलहाल पूरे प्रदेश में 80 हजार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र कार्यरत हैं। अब इसकी संख्या दोगुनी हो जायेगी। समेकित बाल विकास परियोजना निदेशालय के मुताबिक अभी राज्य में आंगनबाड़ी केंद्रों का परिसीमन काफी अनियमित तरीके से किया गया है। जिस कारण आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन और लाभार्थियों को सेवा प्रदान करने में काफी कठिनाई होती है। साथ ही सेविका एवं सहायिकाओं के चयन में भी काफी अनियमितताओं की शिकायत समाज कल्याण विभाग को मिलती रही है। इसी के मद्देनजर विभाग ने आंगबाड़ी केंद्रों का परिसीमन व्यवस्थित तरीके से करने का निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों का परिसीमन वार्ड के परिसीमन के सह सीमांनत किया जायेगा। साथ ही जिस प्रखंड में अल्पसंख्यकों की आबादी 25 फीसदी या उससे अधिक है। उन प्रखंडों के वाडरे में मिनी केंद्रों की भी स्थापना की जायेगी। पूरे प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में वाडरे की संख्या एक लाख 15 हजार 562 है। विभाग ने सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को एक महीने के अंदर परिसीमन करके या परिसीमन में रही कठिनाई से संबंधित रिपोर्ट देने की हिदायत दी है। कुछ परियोजनाओं में वार्ड की संख्या से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्र स्वीकृत है। परंतु ऐसे केंद्र क्रियाशील नहीं हुए हैं। ऐसे केंद्रों को अविलंब समाप्त करने का निर्देश जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को दिया गया है। उधर समाज कल्याण विभाग ने पांच हजार पांच सौ चालीस अतिरिक्त और पांच हजार पांच सौ चालीस मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को मंजूरी दे दी है। अतिरिक्त आंगनबाड़ी केंद्रों पर 99 और मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों पर 50 लाभार्थियों को पोषाहार दिया जायेगा। नव सृजित केंद्रों के लिए सेविका एवं सहायिका की नियुक्ति नये निर्देशिका के आधार पर की जायेगी। अतिरिक्त आंगनबाड़ी केंद्रों पर छह माह से तीन वर्ष के कुपोषित 28 बच्चों, छह माह से तीन वर्ष के अतिकुपोषित 12, तीन से छह वर्ष के 40 बच्चों, 16 गर्भवतियों और तीन किशोरियों को पोषाहार दिये जायेंगे। इसी तरह मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों छह माह से तीन वर्ष के कुपोषित 14 बच्चों, 6 माह से 3 वर्ष के अतिकुपोषित 6, तीन से छह वर्ष के 20 बच्चों, 8 गर्भवतियों व किशोरियों को पोषाहरेर दिये जाएंगे(राष्ट्रीय सहारा,पटना,14.12.11)।

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