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02 दिसंबर 2011

यूपीःटीईटी में गलतियों का कीर्तिमान!

शिक्षक पात्रता परीक्षा पर माध्यमिक शिक्षा परिषद की फजीहत अब किसी से छिपी नहीं है। टीईटी पास करने वाले अभ्यर्थियों की प्राथमिक कक्षाओं में 72 हजार शिक्षकों के रूप में नियुक्ति होनी है, फिर भी यूपी बोर्ड ने हर स्तर पर जल्दबाजी दिखाई और गलती की। विज्ञप्ति आने से लेकर परीक्षा परिणाम घोषित किए जाने तक संशोधनों का सिलसिला जारी है। यह सिलसिला कब थमेगा यह तो परिषद के अधिकारी ही बता सकते हैं, पर इतना तो तह है कि इस परीक्षा से यूपी बोर्ड ने अपने नाम गलतियों का कीर्तिमान स्थापित कर लिया है। याद नहीं आता कि किसी बोर्ड, आयोग ने किसी भी परीक्षा में इतनी गलतियां और संशोधन किए होंगे। पहला शासनादेश सात सितंबर को जारी हुआ। इस शासनादेश के मुताबिक वे अभ्यर्थी टीईटी में शामिल हो सकते थे, जिन्होंने न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ बीए/बीएससी/बीकॉम करने के साथ ही साथ बीएड भी किया हो। यह शासनादेश ठीक 10 दिन बाद 17 सितंबर को संशोधित कर दिया गया। बीए/बीएससी/बीकॉम को स्नातक कर दिया गया व न्यूनतम अर्हता को 50 की बजाय 45 प्रतिशत कर दिया गया। इसके बाद तो शासनादेश में संशोधनों की झड़ी लग गई। मोअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारकों को भी शामिल कर लिया गया। इसी संशोधन में बीएड व बीटीसी एपीयरिंग अभ्यर्थियों को भी परीक्षा देने की अनुमति दे दी गई। अन्य पिछड़ा वर्ग को भी पांच प्रतिशत की छूट दी गई। इसके बाद बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक स्कूलों में 72,825 शिक्षकों के चयन के लिए पहले अधिकतम आयुसीमा 35 रखी गई थी, जिसे बाद में 40 वर्ष कर दिया गया। सबसे बड़ा संशोधन आठ नवंबर को हुआ। विज्ञप्ति में पहले टीईटी को पात्रता परीक्षा घोषित किया गया था। इस संशोधन में टीईटी की मेरिट को चयन का आधार बना दिया गया। कैबिनेट ने बेसिक शिक्षा अध्यापक नियमावली 1981 के नियम 8, 14, 27 व 29 में संशोधन कर दिया। इससे हाईस्कूल, इंटर, स्नातक और परास्नातक परीक्षा में अच्छे अंक हासिल करने वाले अभ्यर्थियों को झटका लगा। यह संशोधन भी परीक्षा एक महज चार दिन पहले किया गया। मजे की बात यह है कि इतने संशोधन करने के बाद भी अभी परिणाम में तमाम खामियां हैं। अभी भी उर्दू के गलत प्रश्न व विकल्प नहीं संशोधित किए गए हैं। सबसे खास बात यह है कि शुरू से ही अभ्यर्थियों में इस परीक्षा को लेकर भ्रम की स्थिति रही है(अमरीश शुक्ल,दैनिक जागरण,इलाहाबाद,2.12.11)।

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