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13 दिसंबर 2011

यूपीःप्राथमिक स्कूलों में पहली तक कैसे होगी शिक्षकों की नियुक्ति?

बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक स्कूलों में 72,825 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए बीती 30 नवंबर को प्रकाशित हुए विज्ञापन को रद करने के इलाहाबाद हाइ कोर्ट के आदेश के बाद यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि सूबे में अध्यापकों की यह भर्ती तय समयसीमा के अंदर पूरी हो पायेगी या नहीं। हालात और पिछले अनुभव यह इशारा कर रहे हैं कि इन परिस्थितियों में निर्धारित समयावधि में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर पाना मुमकिन नहीं प्रतीत होता। वजह यह है कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने राज्य सरकार को अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण करने वाले बीएड डिग्रीधारकों को पहली जनवरी 2012 तक प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक नियुक्त करने की छूट दी थी। शर्त यह थी कि नियुक्ति के बाद ऐसे अभ्यर्थियों को प्रारंभिक शिक्षाशास्त्र में एनसीटीई द्वारा मान्यताप्राप्त छह महीने का विशेष प्रशिक्षण हासिल करना होगा। एनसीटीई की अधिसूचना के इसी प्रावधान के तहत बेसिक शिक्षा परिषद ने 30 नवंबर को विज्ञापन जारी कर शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की थी। उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए एक ही जिले में आवेदन का प्रावधान है। बेसिक शिक्षा परिषद ने नियुक्ति के लिए इस आधार पर पांच जिलों में आवेदन का विकल्प दिया था ताकि अभ्यर्थी का यदि अपने पसंदीदा जिले में चयन नहीं हो पाये तो आसपड़ोस के जिले में हो जाए। मिसाल के तौर पर लखनऊ में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए सिर्फ 12 पद रिक्त हैं। यदि एक ही जिले में आवेदन का विकल्प होता तो 12 पद भर जाने के बाद लखनऊ के लिए आवेदन करने वाले शेष अभ्यर्थी नौकरी पाने की दौड़ से बाहर हो जाते। बहरहाल पांच जिलों में आवेदन का विज्ञापन रद किये जाने के बाद अब बेसिक शिक्षा विभाग यदि अभ्यर्थियों को प्रदेश के सभी जिलों में आवेदन का विकल्प देता है तो यह तय है कि पहली जनवरी 2012 तक चयन प्रक्रिया पूरी होने से रही। ऐसे में उसे नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा करने के लिए एनसीटीई से समयावधि बढ़ाने की मांग करनी होगी। एनसीटीई ने यदि अनुमति दे भी दी तो भी बेसिक शिक्षा विभाग की मुश्किलें कम होने वाली नहीं हैं। यदि अभ्यर्थियों ने मर्जी के मुताबिक आवेदन किया तो आवेदन की संख्या कई गुना बढ़ जाएगी। ऐसे में हर जिले में कई बार मेरिट की कट ऑफ जारी करना होगा। गौरतलब है कि 2007 में हुए विशिष्ट बीटीसी चयन में अभ्यर्थियों को ऐच्छिक जिलों में आवेदन करने की छूट थी। इस छूट की आड़ में बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने दर्जनों जिलों में आवेदन किया था। कुछ ने तो 40 से अधिक जिलों में भी आवेदन किया था। ऐसे में विशिष्ट बीटीसी 2007 की चयन प्रक्रिया को पूरा करने में लंबा समय लगा था(दैनिक जागरण,लखनऊ,13.12.11)।

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