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13 दिसंबर 2011

मुस्लिम साक्षरताःअन्य राज्यों के मुकाबले मध्यप्रदेश में ज्यादा

साक्षरता के मामले में मप्र के मुस्लिम सबसे बेहतर हैं। यहां तक कि राज्य के मुस्लिमों की साक्षरता दर देश की कुल साक्षरता दर से भी कहीं आगे है।

यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी) की ह्यूमन डवलपमेंट रिपोर्ट 2011 में यह बात सामने आई। इस रिपोर्ट के मुताबिक मप्र में मुस्लिमों की साक्षरता दर 77.3 फीसदी है, जबकि मुस्लिमों की साक्षरता का राष्ट्रीय औसत 67.6 फीसदी है।

इसका मतलब यह है कि अन्य राज्यों की तुलना में प्रदेश के मुस्लिम तालीम को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं। मुस्लिम एजुकेशन एंड कॅरियर प्रमोशन सोसायटी के सचिव सगीर बेदार मानते हैं कि मुस्लिमों में तालीम पाने की लगन लगातार बढ़ रही है। मुस्लिम युवक अब नौकरी के अवसर छोड़ना नहीं चाहते। यहां तक की गरीब परिवारों के अभिभावक भी अब अपने बच्चों को स्कूल में एडमिशन दिलाने के लिए जद्दोजहद करते देखे सकते हैं।

ये भी है रिपोर्ट में...

महिलाओं का बॉडी मास इंडेक्स भी बढ़ा: मुस्लिम महिलाओं का बॉडी मास इंडेक्स (ऊंचाई और वजन का अनुपात जिससे स्वास्थ्य का पैमाना तय होता है) भी देश की कुल मुस्लिम महिलाओं के औसत से अधिक है।


रिपोर्ट में कहा गया है कि मप्र में यह 37.2 फीसदी है, जबकि इसका राष्ट्रीय औसत 35.2 प्रतिशत है।
मुस्लिम परिवारों को पेयजल उपलब्धता : रिपोर्ट में बताया गया है कि मप्र के 94.4 फीसदी परिवारों को पीने का पानी मिल रहा है, जबकि इसका राष्ट्रीय औसत 92.8 फीसदी है।

टायलेट फेसिलिटी : इस मामले में मप्र के 69.70 फीसदी परिवार इसका उपयोग कर रहे हैं, जबकि देश में इसका औसत 64.20 प्रतिशत है।

-बच्चों की स्थिति ठीक नहीं

मुस्लिम बच्चों की बात करें तो स्थिति ठीक नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक मप्र में पांच वर्ष से कम उम्र वाले मुस्लिम बच्चों की मृत्यु दर 89.3 प्रतिशत (प्रति हजार जन्म लेने वाले बच्चों के अनुपात में) है, जबकि इसका राष्ट्रीय औसत 70 प्रतिशत के आसपास है। इसी तरह कम वचन वाले मुस्लिम बच्चों का प्रतिशत 59.8 प्रतिशत है, जबकि देश में इनका औसत 41.8 प्रतिशत है।

बढ़ती मुस्लिम साक्षरता की वजह

मप्र में मुस्लिमों की साक्षरता दर बढ़ने की मुख्य वजह सरकार की योजनाओं का बेहतर तरीके से क्रियान्वयन होना है।मदरसों में व्यवस्थाओं पर ज्यादा ध्यान दिया गया और वक्फ बोर्ड के माध्यम से तालीम को बढ़ावा देने के प्रयास जारी है। यही वजह है कि केंद्र सरकार ने अल्प- संख्यकों में शिक्षा का स्तर सुधारने पर मप्र को 5 उत्कृष्टता प्रमाण पत्र दिए हैं। 

-अजय विश्नोई, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री

एक्सपर्ट्स व्यू

तकनीकी शिक्षा की तरफ भी बढ़े रुझान

साक्षरता दर बढ़ने की मुख्य वजह सरकारों द्वारा चलाई जा रही योजनाएं, समाजसेवी संगठनों की सक्रियता है। तकनीकी शिक्षा की तरफ भी रुझान बढ़ना चाहिए। 

-प्रो. आफाक अहमद, शिक्षाविद्(राजेश शर्मा,दैनिक भास्कर,भोपाल,13.12.11)

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