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05 दिसंबर 2011

लखनऊ विविः मैथ्स ओलंपियाड परीक्षा के लिए नहीं दी अनुमति

शिक्षकों की आपसी तकरार शैक्षणिक गतिविधियों को भी प्रभावित करने लगी है। हर साल रीजनल मैथ्स ओलंपियाड की परीक्षा लखनऊ विश्वविद्यालय के गणित और कॉमर्स विभाग में कराई जाती रही है लेकिन इस बार गणित विभाग में परीक्षा के लिए कक्ष ही नहीं दिए गए। परीक्षा के दिन ही आननफानन 628 विद्यार्थियों के बैठने का इंतजाम कॉमर्स विभाग में कराया गया। यह हाल तब है जब नेशनल बोर्ड ऑफ हायर मैथमेटिक्स की ओर से हर साल लाखों रुपये का अनुदान दिया जाता है। मैथमैटिक्स ओलंपियाड की परीक्षा क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और फिर विश्व स्तर पर होती है। लखनऊ विवि में पिछले बीस सालों से परीक्षा आयोजित की जा रही है। ज्यादा छात्र गणित विभाग में और कुछ कॉमर्स विभाग में परीक्षा देते हैं। इस परीक्षा के आयोजन के लिए 30,000 रुपये राशि दी जाती है, साथ ही हर साल तीन लाख रुपये का अनुदान भी दिया जाता है। परीक्षा आयोजन के ठीक पहले तक लविवि प्रशासन यह तय नहीं कर पाए कि सैकड़ों विद्यार्थियों को कहां बैठाना है। परीक्षा समन्वयक डॉ.डीपी शुक्ला का कहना है कि विभागाध्यक्ष को पांच दिन पहले पत्र लिखा था लेकिन परीक्षा की इजाजत नहीं दी गई। वहीं विभागाध्यक्ष प्रो.मंजू अग्रवाल का कहना है कि अनुमति छह माह पहले ली जानी चाहिए। परीक्षा की जानकारी दो दिन पहले दी गई। इतनी जल्द इंतजाम करना आसान नहीं था। सूत्रों का कहना है कि दोनों शिक्षकों में आपस में तकरार है और इससे छात्र प्रभावित हुए हैं। अनुदान की है लड़ाई विभागाध्यक्ष प्रो.अग्रवाल का आरोप है कि नेशनल बोर्ड ऑफ हायर मैथमैटिक्स की ओर से अनुदान डॉ.शुक्ला को व्यक्तिगत रूप से दिया जाता है, इससे विभाग को कोई लाभ नहीं होता। अन्य कोई अनुदान विभाग तक नहीं पहुंचता। आरोप है कि डॉ.शुक्ला व्यक्तिगत हित में परीक्षा कराते हैं। वहीं डॉ.शुक्ला का कहना है कि परीक्षा आयोजन के लिए उनके खाते में 30000 रुपये आते हैं बाकी तीन लाख रुपये तक का अनुदान विभाग को मिलता है(दैनिक जागरण,लखनऊ,5.12.11)।

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