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14 दिसंबर 2011

बिहारःफतुहा राजकीय विद्यालय की NCC मान्यता रद्द

राजकीयकृत उच्च विद्यालय फतुहा में महीनों पूर्व सेवानिवृत्त हो चुके एनसीसी के शिक्षकों के पद पर अबतक अन्य शिक्षक की नियुक्ति नहीं हो पायी है। इसके लिए प्रधानाध्यापक को ही जिम्मेवार माना जा रहा है। एनसीसी अधिकारी द्वारा निर्देशित पत्रों से भी यह स्पष्ट होता है कि अबतक उक्त विद्यालय में एनसीसी शिक्षक की पदस्थापना न होने के पीछे प्रधानाध्यापक ही जिम्मेदार हैं। इस बाबत बताया जाता है कि राजकीयकृत उच्च विद्यालय फतुहा के पूर्व एनसीसी अधिकारी अनिल मिश्रा जिन्होंने 25 जनवरी 2011 को 58 वर्ष पूरा होने के बाद इस कार्य से मुिक्त प्राप्त कर ली। जैसा कि 29 बिहार बटालियन एनसीसी के रीजनल डिप्टी डायरेक्टर ने अपने पत्रांक 2011/2338-30 के आलोक में स्कूल के प्रधानाध्यापक को लिखे अपने पत्र में इस पद के लिए विद्यालय के तीन शिक्षकों की सूची भेजने का निर्देश दिया था। लेकिन सूत्र बताते हैं कि विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने सारे नियमों और एनसीसी अधिकारियों के आदेशों को ताक पर रखकर अपने करीबी माने जाने वाले का नाम भेज दिया जवकि इस पद के लिए योग्यता की सभी शत्रे पूरी करने वाले शिक्षक को इस पद हेतु लाभान्वित होने से दर किनार कर दिया गया। इस संदर्भ में क्षेत्रीय उप शिक्षा निदेशक ने अपने पत्रांक 1925 दिनांक 25.11.11 को पुन: एक पत्र प्रधानाध्यापक को भेजा जिसमें स्पष्ट निर्देश दिया कि कम से कम तीन शिक्षकों का नाम योग्यता के आधार पर चयन कर भेजें। इसके बावजूद अविलम्ब कोई कार्रवाई नही करने की सिकथति में राजकीयकृत उच्च विद्यालय फतुहा से 5 दिसम्बर के बाद एनसीसी प्रशिक्षण की सेवा समाप्त कर दी गयी है। इस बात की जानकारी होते ही प्रधानाध्यापक के कायरे पर जहां एक ओर प्रश्नचिन्ह लग रहा है वहीं दूसरी ओर विद्यालय की छात्र-छात्राएं इस बात से काफी आहत हैं तथा उनका गुस्सा कभी भी सड़क पर आन्दोलन के रूप में परिणित हो सकता है। इस संदर्भ में जब विद्यालय के प्रधानाध्यापक से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि एनसीसी अधिकारी के लिये शिक्षक के चयन की प्रक्रिया जारी है तथा जल्द ही उक्त खाली पद पर शिक्षक की पदस्थापना की जायेगी(राष्ट्रीय सहारा,फतुहा,14.12.11)।

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