मुख्य समाचारः

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13 जून 2012

आरटेट के ऑनलाइन आवेदन पत्र कल से

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से 9 सितंबर को ली जाने वाली राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा 2012(आरटेट) के लिए ऑन लाइन आवेदन प्रक्रिया गुरुवार से शुरू हो रही है। 9 जुलाई तक आवेदन किए जा सकेंगे। 

बोर्ड की ओर से गुरुवार से वेबसाइट की सभी लाइनें खोल दी जाएंगी। इसके लिए बोर्ड के सिविल लाइंस स्थित दफ्तर में तैयारियां अंतिम चरण में हैं। आरटेट समन्वयक व बोर्ड सचिव मिरजूराम शर्मा के मुताबिक ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 9 जुलाई है। परीक्षा शुल्क बैंक चालान के माध्यम से 14 जून से 9 जुलाई तक शाम 5 बजे तक जमा कराया जा सकेगा। 

यह रहेगी व्यवस्था 
बोर्ड ने इस बार चालान जमा कराने के लिए चार बैंकों में व्यवस्था की है। इनमें आईसीआईसीआई बैंक के साथ ही बैंक ऑफ बड़ौदा, बड़ौदा राजस्थान ग्रामीण बैंक और एसबीआई की विभिन्न शाखाएं शामिल हैं। आरटेट परीक्षा के लिए परीक्षा शुल्क पूर्व की भांति ही तय किया गया है। केवल एक स्तर की परीक्षा के लिए 400 रुपए और दोनों स्तर की परीक्षा के लिए 600 रुपए शुल्क होगा(दैनिक भास्कर,अजमेर,13.6.12)।

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महाराष्ट्रःआज एक बजे आएगा दसवीं का नतीजा

महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षा मंडल की कक्षा दसवीं के परीक्षा परिणाम बुधवार (13 जून) को घोषित किए जाएंगे। नागपुर विभाग में 2 लाख, 6 हजार 958 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी है। गौरतलब है कि दसवीं की लिखित परीक्षा 1 मार्च से 28 मार्च तक चली थी। नागपुर विभाग में 648 केंद्र बनाए गए थे। विद्यार्थी दोपहर 1 बजे शिक्षा मंडल की वेबसाइट पर परिणाम देख सकते हैं। http://mahresult.nic.in/ http://www.msbshse.ac.in/newsite/newhome.html http://www.mh-ssc.ac.in/ www.sscresult.mkcl.org www.exametc.com परीक्षा में अनुत्तीर्ण या कम अंक पाने वाले परीक्षार्थियों का सही मार्गदर्शन करने के लिए समुपदेशकों की व्यवस्था की गई है। विद्यार्थियों को थोड़ी भी परेशानी होने पर वे सीधे समुपदेशक से संपर्क साध सकते हैं(दैनिक भास्कर,नागपुर,13.6.12)।

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छत्तीसगढ़ में भविष्य निधि पर 8.8 फीसदी ब्याज

प्रदेश सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए भविष्य निधि और अंशदायी भविष्य निधि पर चालू वित्तीय वर्ष में ब्याज दर 8.6 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.8 प्रतिशत करने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इसी महीने यह निर्णय लिया गया था। 

वित्त विभाग ने राजस्व मंडल सहित सभी विभागाध्यक्षों, संभागीय कमिश्नरों और जिला कलेक्टरों को परिपत्र भेजकर कर्मचारी भविष्य निधियों और अंशदायी भविष्य निधियों में अभिदाताओं की कुल जमा राशियों पर 1 अप्रैल 2011 से 30 नवंबर 2011 तक के लिए 8 प्रतिशत, 1 दिसंबर 2011 से 31 मार्च 2012 तक के लिए 8.6 प्रतिशत और 1 अप्रैल 2012 से 31 मार्च 2013 तक के लिए 8.88 प्रतिशत वार्षिक ब्याज निर्धारित किया है। भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने भी इसी अवधि के लिए इसी तरह की दर जारी की है। राज्य सरकार ने केंद्र की दरों के अनुरूप ब्याज दर यथावत रखने का निर्णय लिया है(दैनिक भास्कर,रायपुर,13.6.12)।

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आरएएस-प्री :एक से अधिक आवेदन वालों की परीक्षा एक ही केंद्र पर

राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा गुरुवार को ली जाने वाली आरएएस प्री परीक्षा के लिए एक से अधिक आवेदन पत्र भरने वाले अभ्यर्थियों की एक ही सेंटर पर परीक्षा ली जाएगी। आयोग ने यह कवायद परीक्षा में फर्जी अभ्यर्थी तथा नकल पर प्रभावी रोकथाम के लिए की है। 

आरएएस प्री के लिए प्रदेश के अनेक अभ्यर्थियों ने एक से अधिक आवेदन पत्र भरे हैं। आयोग ऐसे आवेदनों को निरस्त नहीं कर सकता। आयोग सूत्रों का कहना है कि संभव है कुछ अभ्यर्थियों ने फार्म रिजेक्ट न हो, इसके लिए एक से अधिक आवेदन पत्र भरे हों। 

कुछ अभ्यर्थी ऐसे भी हो सकते हैं, जिन्होंने परीक्षा केंद्र निकट का आ जाए, इसके लिए अलग-अलग आवेदन पत्र भरे हों। इन सारी संभावनाओं को देखते हुए आयोग ने इस बार ऐसे आवेदन पत्रों को अलग कराया, जिनके नाम की स्पेलिंग में एकाध लेटर का अंतर है। मसलन जिसका नाम फूलसिंह है। उसने आवेदन पत्र में नाम की स्पेलिंग एफ से शुरू की है या पी एच से भी नाम की स्पेलिंग लिखी हो। पिता जी के नाम में भी इसी प्रकार के अंतर हों या पते एक जैसे मैच कर रहे हों। ऐसे सभी आवेदनों की आयोग ने छंटनी करा ली है। 

ऐसे सभी अभ्यर्थियों की परीक्षा आयोग एक ही जगह लेगा। इसके पीछे आयोग की मंशा यही है कि मूल अभ्यर्थी के स्थान पर कोई फर्जी अभ्यर्थी तो परीक्षा में नहीं बैठा है। आयोग ने सभी वीक्षकों और केंद्राधीक्षकों को भी इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। 'आरएएस प्री में इस बार आयोग ने नई पहल की है। इस परीक्षा में अनेक अभ्यर्थियों ने एक से अधिक आवेदन पत्र भरे हैं। इन सभी की पहचान कर एक ही सेंटर पर परीक्षा ली जाएगी। परीक्षा में मूल परीक्षार्थी के स्थान पर कोई फर्जी अभ्यर्थी परीक्षा नहीं दे रहा है इसका पता लगाया जा सकेगा।' डॉ. के के पाठक, सचिव, राजस्थान लोक सेवा आयोग 

सभी जिलों में कंट्रोल रूम शुरू
राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा आरएएस प्री परीक्षा गुरुवार को ली जाएगी। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं। आयोग समेत प्रदेश के सभी जिलों में कंट्रोल रूम भी शुरू कर दिए गए हैं। 

आयोग सचिव डॉ. के के पाठक के मुताबिक आयोग में भी कंट्रोल रूम शुरू हो गया है। सभी जिला मुख्यालयों पर भी नियंत्रण कक्ष शुरू कर दिए गए हैं। बुधवार तक कंट्रोल रूम सुबह 9.30 बजे से शाम 6 बजे तक कार्यरत रहेंगे। 14 जून परीक्षा वाले दिन कंट्रोल रूम सुबह 7.30 बजे से शुरू हो कर परीक्षा समाप्ति तक कार्यरत रहेंगे। गुरुवार को पहला सत्र सुबह 9 बजे से 11 बजे तक होगा। सामान्य ज्ञान का पेपर इस सत्र में होगा। दूसरा पेपर दोपहर 2 से शाम 4 बजे तक होगा। इसमें वैकल्पिक विषय से संबंधित पेपर होगा। 

जयपुर जिले में सर्वाधिक केंद्र व परीक्षार्थी, जैसलमेर में सबसे कम 
आयोग द्वारा ली जाने वाली आरएएस प्री परीक्षा में 3 लाख 87 हजार 887 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं। इसे देखते हुए आयोग ने अजमेर समेत प्रदेश में 1133 परीक्षा केंद्र बनाए हैं। सबसे कम परीक्षा केंद्र जैसलमेर में मात्र 5 हैं। जबकि जयपुर में सर्वाधिक 310 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। 

किस जिले में कितने केंद्र, कितने परीक्षार्थी 
जिला -परीक्षा केंद -परीक्षार्थी 
अजमेर 57 18700 
अलवर 78 25100 
बांसवाड़ा 19 7100 
बारां 8 3250 
बाड़मेर 14 4500 
भरतपुर 58 16450 
भीलवाड़ा 10 5300 
बीकानेर 41 10950 
बूंदी 13 3900 
चित्तौड़गढ 12 3500 
चूरू 19 6200 
दौसा 23 12550 
धौलपुर 14 4550 
डूंगरपुर 19 5550 
हनुमानगढ 23 8300 
जयपुर 310 115700 
जैसलमेर 5 1650 
जालौर 17 4250 
झालावाड 12 3600 
झुंझुनूं 48 15200 
जोधपुर 52 19700 
करौली 19 5950 
कोटा 51 15850 
नागौर 16 5850 
पाली 14 5400 
प्रतापगढ 6 1850 
राजसमंद 8 2200 
सवाईमाधोपुर 16 5250 
सीकर 55 17350 
सिरोही 17 3650 
श्रीगंगानगर 19 10300 
टोंक 18 5400 
उदयपुर 42 13750(आरिफ कुरैशी,दैनिक भास्कर,अजमेर,13.6.12)

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12 जून 2012

डीयूःअंकों से छेड़छाड़ की तो मुश्किल होगा दाखिला

दिल्ली विश्वविद्यालय में एडमिशन के लिए बारहवीं के अंकों के साथ-साथ छेड़छाड़ इस बार आवेदकों को महंगी पड़ सकती है।

दरअसल, डीयू की ऑनलाइन व ऑफलाइन, दोनों ही माध्यमों से किए गए आवेदन फॉर्म में खासतौर पर छात्रों की ओर से भरे जा रहे बारहवीं के अंकों पर नजर है। ऑनलाइन फॉर्म में जहां अंक निर्धारित व्यवस्था से परे मैन्युअल नंबर भरने पर आवेदन पर विशेष मार्किग हो जाएगी, वहीं ऑफलाइन आवेदन में ओएमआर फॉर्म में गड़बड़ी को स्कैनिंग के दौरान पकड़ा जाएगा। 

डीन छात्र कल्याण प्रो.जेएम खुराना ने बताया कि बीते कुछ सालों में देखने में आया है कि ओएमआर फॉर्म में छात्र बोर्ड का रोल नंबर देने के बाद बाहरवीं में मिले नंबरों से छेड़छाड़ करते हैं। इसके बाद नकली मार्क्‍सशीट के सहारे दाखिला भी पा लेते हैं। बीते साल रामजस कॉलेज में हुए फर्जी दाखिले इसी तरह से अंजाम दिए गए थे।

अंकों से छेड़छाड़ कर फर्जीवाड़ा अंजाम देने की इन अनुचित गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए डीयू प्रशासन अपने स्तर पर हर एक फॉर्म की जांच कर रहा है। आवेदन के समय ही ऐसे छात्रों की पहचान की जा रही है, जिन्होंने प्राप्त अंकों से ज्यादा की घोषणा की है। इतना ही नहीं यदि इस प्रक्रिया से भी कोई छात्र बच निकलता है तो इस बार कॉलेजों को सख्त निर्देश दिए जा रहे हैं कि वह अपने यहां होने वाले हर दाखिले पर बारहवीं के अंकों के स्तर पर संबंधित बोर्ड के नतीजों से गहन जांच को अंजाम दें। 

ऐसे पकड़ रहे हैं फर्जीवाड़ा: डीयू ऑफलाइन में एक-एक आवेदन फॉर्म को स्कैनिंग के दौरान जांचा जा रहा है, जबकि ऑनलाइन आवेदन फॉर्म में उन फॉर्म पर खास नजर रख रहा है, जिनमें सीबीएसई रोल नंबर डालने पर आने वाले अंकों को स्वीकार करने के बजाय अपनी तरफ से नंबर भरे गए हैं। इतना ही नहीं ऑनलाइन आवेदन सुविधा के तहत सिर्फ सीबीएसई के नंबर ही रोल नंबर डालने पर स्वत: उपलब्ध होते है, शेष बोर्ड के अंकों की पड़ताल की जा रही है(शैलेन्द्र सिंह,दैनिक भास्कर,दिल्ली,12.6.12)।

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मध्यप्रदेशःस्टे लाने वाले कॉलेजों की बढ़ सकती है मुसीबत

उच्च शिक्षा विभाग की ऑनलाइन एडमिशन प्रक्रिया के खिलाफ हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ से स्टे लाने वाले 25 से ज्यादा कॉलेजों की मुश्किलें फिर बढ़ सकती है। पिछले डेढ़ सप्ताह के भीतर ही जबलपुर हाई कोर्ट, ग्वालियर खंडपीठ और अब इंदौर खंडपीठ ने भी ऐसे कॉलेजों को स्टे देने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने शासन की ऑनलाइन एडमिशन प्रक्रिया को जायज माना है। कोर्ट से स्टे लाने वाले कॉलेजों ने एडमिशन प्रक्रिया तो शुरू कर दी है, पर कोर्ट के रुख के बाद अंतिम निर्णय क्या पर असमंजस गहरा गया है। इधर, कोर्ट से राहत मिलने के बाद शासन ने इंदौर खंडपीठ में चल रहे मामलों में अपना पक्ष मजबूती से रखने की तैयारी कर ली है। 

छात्रों का क्या होगा? 
माहभर में भीतर हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ऑनलाइन एडमिशन के मामले में फैसला सुना सकती है। स्टे लाने वाले कॉलेजों के लिए भी ऑनलाइन एडमिशन का निर्णय आया तो उन छात्रों को परेशानी आएगी, जिन्होंने इन कॉलेजों में एडमिशन लिया है। 

शासन का पक्ष सही माना 
जबलपुर हाई कोर्ट ने कई कॉलेजों को ऑनलाइन एडमिशन से छूट देने से इंकार करते हुए शासन की प्रक्रिया को सही माना है। इंदौर के जिन कॉलेजों को स्टे मिला है, उसकी सुनवाई चल रही है। उम्मीद है कि फैसला ऑनलाइन एडमिशन के पक्ष में ही आएगा।- डॉ. नरेंद्र धाकड़, अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा(दैनिक भास्कर,इंदौर,12.6.12)

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देवी अहिल्या विविः27 विभागों में पढ़ाई, परीक्षा, रिजल्ट..साथ-साथ

यूनिवर्सिटी के तक्षशिला परिसर के सभी 27 विभागों में अब पढ़ाई साथ-साथ शुरू होगी और परीक्षा भी। लगभग एक साथ ही परीक्षाएं खत्म होंगी और रिजल्ट भी साथ-साथ आएगा। इतना ही नहीं, रिसर्च के लिए समय नहीं निकाल पा रहे प्रोफेसर्स को इसके लिए एक साथ समय मिल पाएगा। यह सब कुछ संभव होगा यूनिवर्सिटी के उस प्लान से, जो सीईटी की काउंसिलिंग के तत्काल बाद लागू हो जाएगा। 

प्लान के मुताबिक सभी विभागों को एक ही दिन कक्षाएं शुरू करना होंगी। 90 दिन की पढ़ाई का सिस्टम भी सख्ती से लागू होगा। इसके बाद यूनिवर्सिटी परीक्षाओं के लिए निश्चित समय सीमा तय करेगी। हालांकि विभाग अपने हिसाब से टाइम-टेबल बनाएंगे, लेकिन उसे फाइनल यूनिवर्सिटी करेगी। एकेडमिक कैलेंडर तो यूटीडी में हर साल बनता था लेकिन ज्यादातर विभाग उसे नजरअंदाज कर देते थे। 

रिसर्च पर दे पाएंगे ध्यान
सेमेस्टर ब्रेक होने पर सभी प्रोफेसर्स को एक साथ रिसर्च के लिए भी समय मिल पाएगा। सिलेबस अपडेशन तथा नए सिलेबस के लिए बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक भी साथ होगी। यूनिवर्सिटी फैकल्टी के सेमिनार, वर्कशॉप आदि के लिए भी समय तय करेगी। 

नैक के सामने पेश किया जाएगा- यूनिवर्सिटी नैक के सामने भी इस स्थिति को आदर्श के तौर पर पेश करेगी। नैक की टीम अगले साल निरीक्षण के लिए आने वाली है। ऐसे में यूनिवर्सिटी इस स्थिति को बेहतर मैनेजमेंट लीडरशिप के गुण के तौर पर पेश करेगी। 

पहले यह होता था 
सीईटी से जुड़े छह विभागों में ही एक साथ पढ़ाई व परीक्षा हो पाती थी। अन्य विभाग अपने शेड्यूल के अनुसार अलग-अलग समय पर प्रवेश परीक्षाएं लेते थे। हर विभाग अलग-अलग समय पर मार्कशीट प्रिंटिंग के लिए भेजता था। इसलिए अलग-अलग रंग की मार्कशीट तैयार होती थी। विभागों में अलग-अलग समय पर प्रैक्टिकल होते थे। मूल्यांकन का सिस्टम भी हर विभाग का अलग-अलग था। 

और अब यह होगा 
सभी 27 विभागों में एक साथ पढ़ाई शुरू होगी। परीक्षा भी साथ होगी। अब सभी विभागों को यूनिवर्सिटी टाइम-टेबल के अनुसार परीक्षा लेना होगी। लगभग सारे रिजल्ट साथ आएंगे। मार्कशीट प्रिंटिंग के लिए एक साथ जाएगी और सभी मार्कशीट एक रंग व डिजाइन की होगी। सभी विभागों में प्रैक्टिकल साथ होंगे। मूल्यांकन व्यवस्था एक जैसी होगी। फैकल्टी इंटरनल मार्क्‍स देने में गड़बड़ करेंगी तो शिकायत पर सीधी कार्रवाई होगी।  

नई व्यवस्था की कर रहे हैं प्लानिंग 
इस बार चूंकि यूटीडी के सारे विभागों की प्रवेश परीक्षा साथ हो रही है। इसलिए हम इस बात को प्लान कर रहे हैं कि सारे विभागों में पढ़ाई, परीक्षा और रिजल्ट सब साथ-साथ तैयार हो, ताकि एक रंग व डिजाइन की मार्कशीट भी दे सकें। - डॉ. राजकमल, प्रभारी कुलपति(दैनिक भास्कर,इंदौर,12.6.12)

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बिहारःपीएमओ पहुंचा केन्द्रीय विवि का मामला

राजधानी पटना व मोतिहारी सेंट्रल यूनिवर्सिटी तथा वैशाली में डीम्ड यूनिवर्सिटी की स्थापना का मामला प्रधानमंत्री तक पहुंच गया है।

राजद के वरिष्ठ सांसद डा. रघुवंश प्रसाद सिंह ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि 12वीं पंचवर्षीय योजना के आकार लेने के समय ही इसका प्रावधान किया जाए। 11वीं पंचवर्षीय योजना में बिहार के हिस्से में एकमात्र केन्द्रीय विवि आया था। गया में सुरक्षा विभाग की जमीन पर इस विश्वविद्यालय की स्थापना की प्रक्रिया शुरू हो गई है। काफी समय से इसकी स्थापना मोतिहारी में किए जाने की मांग होती रही है। राजद सांसद का मानना है कि देश में 44 केन्द्र विवि हैं, जिसमें सिर्फ यूपी में 4 केन्द्रीय व 8 डीम्ड विवि है। इसके विरुद्ध बिहार में एक भी नहीं है। ऐसे में मोतिहारी में भी केन्द्रीय विवि की स्थापना होनी चाहिए। पत्र में पटना विवि को केन्द्रीय विवि का दर्जा दिए जाने की वकालत करते हुए कहा गया है कि उसी के समकक्ष इलाहाबाद को यह दर्जा दे दिया गया। यही नहीं मानव संसाधन मंत्रालय ने लोकसभा में यह गलत तथ्य प्रस्तुत किया कि इससे संबंधित प्रस्ताव उसे नहीं मिला। जबकि, कई बार प्रस्ताव भेजे जा चुके हैं(दैनिक जागरण,मुजफ्फरपुर,12.6.12)।

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ओडिशाःहोमगार्ड कर्मियों का दैनिक भत्ता बढ़ा

आंदोलन कर रहे होमगार्ड कर्मियों को राहत मिल गई है। राज्य सरकार ने होमगार्ड कर्मियों का दैनिक भत्ता 150 रुपये से बढ़ाकर 200 रुपये करने का निर्णय लिया है। यह बढ़ा हुआ भत्ता1 जून से लागू होगा। सरकार के इस निर्णय के उपरान्त राज्य होमगार्ड संघ ने आदोलन वापस लेने की घोषणा कर दी है। इससे राज्य के 17675 होमगार्ड को फायदा पहुंचेगा। गौरतलब है कि दैनिक भत्ता बढ़ाने सहित कई मांगों को लेकर पिछले कुछ दिनों से होमगार्ड आन्दोलन पर थे(दैनिक जागरण,भुवनेश्वर,12.6.12)।

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गोरखपुरःविवि ने आनलाइन अपनाया, कालेजों को आफलाइन भाया

स्नातक कक्षाओं में प्रवेश के लिए विश्वविद्यालय ने आन लाइन को अपनाया है वहीं विद्यार्थियों व महाविद्यालयों को आफ लाइन भा रहा है। विवि में आन लाइन फार्म शत प्रतिशत जबकि कालेजों में आफ लाइन फार्म नब्बे फीसद भरा जा रहा है। आन लाइन फार्म भरने में शहर व ग्रामीण दोनो क्षेत्रों के विद्यार्थियों को असुविधा व परेशानी हो रही है। विवि में विकल्प न होने से आन लाइन फार्म भरना सभी की मजबूरी बन गयी है। सो तमाम झंझावत व कष्ट झेल छात्र न चाहते हुये भी मजबूरन आन लाइन फार्म भर रहे हैं। 

जागरण ने आन लाइन व्यवस्था पर छात्रों से बातचीत की तो उनका दर्द उभर कर सामने आया। विवि व एम.पी. पीजी कालेज जंगल धूसड़ में प्रवेश के लिये बस्ती से आये छात्र ओम प्रकाश तिवारी, संत कबीर नगर के छात्र राजकुमार यादव, नाथनगर के राजेश कुमार त्रिपाठी, धनघटा के रोहित मिश्र, मेहदावल के विष्णुकांत शर्मा, देवरिया के महेन निवासी संजय प्रसाद, सलेमपुर के राधेश्याम, गौरीबाजार के राधेरमण, शिवसरन, चौरीचौरा के घनश्याम तिवारी, राप्तीनगर के पवन पांडेय आदि छात्र आन लाइन फार्म भरे जाने की व्यवस्था से व्यथित थे। उन्होंने कहा कि इसके लिए चार बार महानगर में स्थित कैफे में आना पड़ा। तीन बार सर्वर डाउन होने से फार्म नहीं भर सका। आज चौथी बार आया तो सफल हुआ। फार्म भरे जाने के बाद फीस जमा करने के लिये बैंक जाना पड़ रहा है। 

छात्रा नेहा यादव ने कहा कि विवि को आन लाइन व आफ लाइन दोनो विकल्प देना चाहिये था क्योंकि नब्बे फीसदी छात्र मध्यम वर्गीय परिवारों से जुड़े हैं। पांच दिन लगातार कैफे में जाने के बाद आज फार्म भर पायी लेकिन अब फीस जमा करने के लिये बैंक का चक्कर लगाना पड़ेगा। 

आन लाइन फार्म से होने वाली दिक्कत उन हजारों छात्र-छात्राओं की है जो देहात में रहते हैं। बस्ती, संत कबीर नगर, सिद्धार्थनगर, महराजगंज, कुशीनगर व देवरिया जिला मुख्यालय पर यह सुविधा तो है पर वहां बार-बार सर्वर डाउन होने से दिक्कत बढ़ी है। 

संस्था को लाभ, छात्रों को हानि 
आन लाइन फार्म भरने का लाभ सिर्फ संस्था को है। पहला यह कि संस्था में भीड़ नहीं जुटेगी और दूसरा यह कि तुरंत डाटा बेस तैयार हो जायेगा। हालांकि आन लाइन का सबसे अधिक नुकसान छात्रों व अभिभावकों को है। फार्म भरने के लिए उन्हें कैफे से लेकर बैंक तक चक्कर काटने पड़ रहे हैं। जेब भी ढीली हो रही है और समय भी अधिक खर्च हो रहा है। 

विवि को दोनो विकल्प देना चाहिए : डा. प्रदीप राव 
स्नातक में प्रवेश के लिए विश्वविद्यालय को आन लाइन के साथ ही आफ लाइन का विकल्प भी देना चाहिये। सिर्फ संस्था का डाटा बेस तैयार करने के लिये हजारों छात्रों को कष्ट देना व अभिभावकों पर आर्थिक बोझ लादना उचित नहीं है। ये बातें एम.पी. पी.जी. कालेज के प्राचार्य डा. प्रदीप राव ने कहीं। 

डा. राव ने कहा कि उनके कालेज में नब्बे फीसद विद्यार्थियों ने आफ लाइन को तवज्जो दी है। अभिभावक भी आन लाइन से दु:खी हैं और आफ लाइन फार्म भरने की जिद कर रहे हैं। इस संदर्भ में कुलपति प्रो. पी.सी. त्रिवेदी से वार्ता की कोशिश की गयी पर उन्होंने फोन नहीं उठाया(दैनिक जागरण,गोरखपुर,12.6.12)।

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हरियाणाःपेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते में संशोधन

हरियाणा सरकार ने पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते में बदलाव किया है, जो एक जनवरी से प्रभावी माना जाएगा। राज्य के वित्त विभाग एक प्रवक्ता ने कहा कि महंगाई भत्ता का मासिक संशोधित दर पेंशन एवं फेमिली पेंशन का 139 फीसदी होगी(हिंदुस्तान,चंडीगढ़,12.6.12)।

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यूपीःपुलिसकर्मियों की भत्ता दरें बढ़ी

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विधान सभा सदस्य जगन प्रसाद गर्ग के प्रश्नोत्तर में कहा है कि विशिष्ट महानुभावों की सुरक्षा में लगे शैडो-गनर की यात्रा भत्ता में प्रदेश के समस्त अधिकारियों और कर्मचारियों (पुलिसकर्मियों) के दैनिक भत्ता की दरों में सरकार ने वृद्धि की है। 

उप्र के 537 थाने कंप्यूटरीकरण से वंचित 
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कांग्रेस सदस्य अखिलेश प्रताप सिंह द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में लिखित उत्तर में कहा कि प्रदेश के 537 थानों को अभी तक कंप्यूटरीकृत नहीं किया गया है। 2013 तक इन थानों की क्राम एंड क्रिमनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम के तहत क प्यूटरीकरण किए जाने का लक्ष्य हैश(विजय उपाध्याय,दैनिक भास्कर,लखनऊ,12.6.12)।

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जेएनयू पर एससी-एसटी से भेदभाव का आरोप

डीयू प्रशासन पर एडमिशन के दौरान अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी के छात्रों के साथ भेदभाव किए जाने का आरोप लगा है। 

इसकी शिकायत करते हुए जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर गंगा सहाय मीणा ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग को पत्र लिखा है। इसमें आरोप लगाया गया है कि एडमिशन के लिए एससी/एसटी छात्रों को ऑनलाइन प्रक्रिया से दूर रखा जा रहा है। 

यही नहीं सामान्य व ओबीसी श्रेणी के छात्रों के लिए डीयू में दस केंद्र और बारह पोस्ट ऑफिसों पर फॉर्म खरीदने और जमा करने की व्यवस्था है, जबकि एससी/एसटी छात्रों के लिए कुल मिलाकर चार केंद्र ही बनाए गए हैं। 

यही नहीं अन्य छात्रों को शाम चार बजे तक फॉर्म मिल रहे हैं, जबकि एससी/एसटी छात्रों को दोपहर दो बजे तक ही। उन्हें फॉर्म के साथ अन्य दस्तावेज भी सामान्य श्रेणी की तुलना में कहीं ज्यादा उपलब्ध कराने पड़ रहे हैं(दैनिक भास्कर,दिल्ली,10.6.12)।

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मेरठःतीन दिन बाद पटरी पर लौटी बी.एड. काउंसिलिंग

तीन दिनों तक लगातार कभी सर्वर, कभी सॉफ्टवेयर तो कभी पूरी व्यवस्था ही चौपट होने के बाद चौथे दिन सोमवार से बीएड काउंसिलिंग की प्रक्रिया पटरी पर लौटती नजर आयी। 

सोमवार को सुबह दस बजे से सर्वर ने काम करना शुरू कर दिया। डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन, सीट च्वाइस और एलॉटमेंट में भी देरी नहीं हुई। सर्वर के रफ्तार और समय पर काम शुरू होने का नतीजा रहा कि शाम को पौने छह बजे तक सर छोटूराम इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में काउंसिलिंग की प्रक्रिया पूरी हो गई। 

सरकारी और एडेड कालेजों में सीटें खत्म होने का असर दिखा कि बड़ी संख्या में छात्र अनुपस्थिति रहे। एक-एक केंद्रों पर अनपुस्थिति की संख्या 150 से ज्यादा रही। एक केंद्र पर आय प्रमाण पत्र की अवधि को लेकर कुछ असमंजस की स्थिति पैदा हुई लेकिन नियमों के आधार पर इसे भी शॉर्ट आउट कर लिया गया। कुछ छात्र आय प्रमाण पत्र की अवधि छह माह से बढ़ाकर दो वर्ष तक मान्य किए जाने का तर्क दिया, लेकिन काउंसिलिंग मैनुअल में दर्शाया गया कि एक जनवरी, 2012 के बाद का बना आय प्रमाण पत्र ही वैध होगा। कुल मिलाकर काउंसिलिंग की प्रक्रिया सभी केंद्रों पर समय से निपट गई। 

काउंसिलिंग का हाल 
केंद्र- छात्र -बुलाए- च्वाइस लॉक 
सर छोटूराम कालेज 375 205 
नीलकंठ इंस्टीट्यूट 394 219 
जेपी इंस्टीट्यूट 397 215(दैनिक जागरण,मेरठ,12.6.12)

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दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालयःनेट में शामिल होंगे 7840 अभ्यर्थी

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय केंद्र ने 24 जून को होने वाली विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की नेट-जेआरएफ परीक्षा के लिए सभी तैयारिया पूरी कर ली है। इस परीक्षा में 44 विषयों के कुल 7840 अभ्यर्थी शामिल होंगे। इस बार अभ्यर्थियों की संख्या देते हुए विवि के अलावा सेंट एंड्रयूज कालेज एवं दिग्विजयनाथ पीजी कालेज में केंद्र बनाए गए हैं। मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष जून में होने वाली यूजीसी नेट - जेआरएफ परीक्षा में विश्वविद्यालय केंद्र पर कुल 44 विषयों की परीक्षाएं होनी है जिसमें 7840 अभ्यर्थियों ने अपना पंजीकरण कराया है। इस परीक्षा को संपन्न कराने के लिए विश्वविद्यालय में 6, सेंट ऐंड्रयूज कालेज में 2 तथा दिग्विजयनाथ पीजी कालेज में 1 केंद्र बनाए गये हैं। परीक्षा सुबह 9.30 बजे से शुरू होगी। बता दें कि इस केंद्र पर इतिहास विषय में सर्वाधिक 1170 तथा हिंदी में 1083 अभ्यर्थी परीक्षा देंगे। मालूम हो कि दीक्षा भवन में बने केंद्र पर इतिहास में 1100, हिंदी में 1083 तथा आर्चलाजी में 16 होम सांइस विभाग केंद्र पर दर्शनशास्त्र में 71, इतिहास में 70 और विजुअल आर्ट में 141, विधि संकाय केंद्र पर राजनीतिशास्त्र एवं शिक्षाशास्त्र में क्रमश: 250- 250 तथा मजीठिया व पंत भवन केंद्र पर उक्त विषयों में इतने ही अभ्यर्थी शामिल है। कला संकाय केंद्र पर राजनीतिशास्त्र में 128, समाजशास्त्र में 392, शिक्षाशास्त्र में 315, संगीत में 28, उर्दू में 162, अंग्रेजी में 148, भूगोल में 575, सोशल मेडिसिन एंड कम्यूनिटी हेल्थ में 8, पाली में 2 और टूरिज्म एडमिस्ट्रेशन एंड मैनेजमेंट में 04, वाणिज्य संकाय केंद्र पर कामर्स में 299, मैनेजमेंट 294 तथा भारतीय कल्चर में 4 अभ्यर्थी परीक्षा देंगे। सेंट ऐंड्रयूज कालेज के ला फैकेल्टी भवन केंद्र पर मनोविज्ञान में 176, पापुलेशन स्टडीज में 17, लैब वेल्फ- एचआरएम 60, लिब एडं इंफो साइंस में 56 में, मास क्यूनिकेशन में 48, वूमन स्टडीज 1, कंप्यूटर साइंस में 140, इंटरनेशनल एंड ऐरा स्टडी में 1 तथा प्राकृति में एक अभ्यर्भी परीक्षा देंगे। जब उक्त कालेज के कला एवं विज्ञान भवन केंद्र पर सोसल वर्क में 22, होम साइंस में 488, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में 15, मैथिली में 1, संस्कृत में 382, पर्यावरण विज्ञान में 92, डीवीएनडीसी केंद्र पर अर्थशास्त्र में 192, रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन में 59, अरेबिक व लिंगुस्टीक में 3-3, प्रौढ़ सतत एवं प्रसार शिक्षा में 7, शारीरिक शिक्षा में 49, विधि में 111, बुद्धिस्ट, जैन, गांधी और पीस स्टडीज में 3, संस्कृत टेडिशनल सब्जेक्ट में 25, फोरेसिंक साइंस में 3 तथा इलेक्ट्रानिक साइंस में 45 अभ्यर्थी परीक्षा देंगे। बता दें कि इस बार परीक्षार्थियों को तीनों प्रश्नपत्रों की परीक्षा बहुविकल्पीय आधार पर देना होगा(दैनिक जागरण,गोरखपुर,12.6.12)।

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डीयू दाखिलाःऑनलाइन आवेदन के चलते चढ़ेगा कट-ऑफ का पारा

दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिले की दौड़ में ऑनलाइन आवेदन की सुविधा ने जहां प्रक्रिया को आसान बनाया है वहीं इस सुविधा ने ही छात्रों के बीच प्रतिस्पर्धा को और कड़ा कर दिया है। 

डीयू में दाखिले के लिए पहली बार शुरू हुए ऑनलाइन आवेदन जरिए पहले एक हफ्ते में ही 65 हजार से ज्यादा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। जबकि ऑफलाइन फॉर्म की बिक्री का आंकड़ा भी एक लाख के करीब है। हालांकि जमा किए गए फॉर्म की संख्या अभी 35 हजार के आसपास ही है। 

कुलपति प्रो. दिनेश सिंह का कहना है कि न सिर्फ देश बल्कि विदेशों तक में डीयू अपनी एक अलग पहचान कायम कर चुका है ऐसे में यहां दाखिले के इच्छुक हर छात्र को मौका देने के उद्देश्य से ऑनलाइन आवेदन की सुविधा दी गई है। प्रो. सिंह ने कहा कि इस सुविधा के इस्तेमाल से देश के किसी भी कोने से छात्र अपने घर बैठे ही डीयू में दाखिले के लिए आवेदन कर सकता है। उन्हें ओएमआर फॉर्म भरने के लिए विश्वविद्यालय का रुख करने की जरूरत नहीं है। विश्वविद्यालय इंफॉर्मेशन सेंटर से मिली जानकारी के अनुसार रोजाना ऑनलाइन आवेदन को लेकर सैकड़ों कॉल्स दिल्ली के बाहर से आती है। मुंबई से कॉल करने वाली एक ऐसी ही छात्र से जब पूछा गया कि वह डीयू क्यों आना चाहती है तो उनका कहना था कि एसआरसीसी का खूब नाम सुना है और यदि कटऑफ में नंबर आ गया और हॉस्टल मिल जाता है तो वह डीयू में पढ़ेगी। 

दाखिला प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों की माने तो बीते सालों के मुकाबले इस बार टॉप कॉलेजों में दाखिलों को लेकर जबर्दस्त कम्पीटिशन देखने को मिलेगा। वजह है कि आवेदन प्रक्रिया के लिए व्यक्तिगत तौर पर कैम्पस आने की अनिवार्यता ऑनलाइन आवेदन के चलते खत्म हो गई है। 

कश्मीर से कन्याकुमारी तक देशभर से लगातार ऑनलाइन आवेदन आ रहे हैं। डीयू अधिकारियों व कॉलेज प्रिंसिपलों की माने तो आवेदन की ऑनलाइन सुविधा के चलते इस बार कटऑफ निर्धारण बहुत सोच समझ कर करना होगा क्योंकि ऑफलाइन ओएमआर में हर आधा फीसदी के अंतर 10 से 20 छात्र आते थे तो इस बार यह संख्या दोगुना तक बढ़ सकती है। 

मेल-फीमेल का फर्क नहीं समझ पा रहे हैं छात्र 
ग्रेजुएशन में दाखिले के लिए बारहवीं में आसमान छूती अंक प्रतिशत पाने वाले छात्र-छात्राएं दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉमन प्री-एडमिशन फॉर्म में खूब गलतियां कर रहे हैं। छात्र-छात्राओं की ओर से की जा रही गलतियों में वह बोर्ड का रोल नंबर, रिजल्ट का मौजूदा स्टेट्स (पास, कम्पार्टमेंट या रिजल्ट घोषित नहीं), बारहवीं में पढ़े विषयों के कोड और तो और बोर्ड का नाम तक छात्र सही नहीं भर रहे हैं। जानकर हैरानी होगी कि बारहवीं पास छात्र-छात्राएं न सिर्फ मेल-फीमेल का कॉलम गलत भर रहे है बल्कि छात्र छात्राओं के कॉलेजों में दाखिले के लिए विकल्प भरते नजर आ रहे हैं(दैनिक भास्कर,दिल्ली,11.6.12)।

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हरियाणाःअग्रोहा में बच्चों पर छाया हॉबी कोर्स का जादू

नाना-नानी या दादा-दादी के यहा गर्मी की छुट्टिया बिताना अब बीते जमाने की बात हो चली है। बच्चे अब इन छुट्टियों में अपना मन पसंद कोर्स ज्वाइन कर अपनी योग्यता को ओर अधिक निखारने में जुटे है। ज्यादातर अभिभावक भी यही चाहते है कि उनका बच्चा छुट्टियों में अपनी हॉबी के मुताबिक कोई कोर्स ज्वाइन करे। 

आजकल हॉबी कोर्स का जादू स्कूली बच्चों के सिर चढ़ कर बोल रहा है। कोई बच्चा डास, तो कोई संगीत की क्लास अटेड कर रहा है। कहीं पर्सनैलिटी इंप्रूवमेंट कोर्स चल रहे है, तो कहीं इग्लिश स्पीकिंग कोर्स। हॉबी आर्ट सेंटर में क्ले-माडलिंग, फ्लावर मेकिंग, इटीरियर डेकोरेशन, पॉट डेकोरेशन पेंटिंग और पोस्टर मेकिंग के कोर्स में कई बच्चे प्रशिक्षण ले रहे है। किसी संस्थान में कोई संगीत पर थिरक रहा है, तो कोई व्यंजन बनाना सीखने में जुटा हुआ है। कहीं तरुणिया चित्रों के माध्यम से अपनी कल्पनाओं को मूर्त रूप देने में लगी है, वहीं हालनुमा बड़े कमरे में नन्हे-मुन्ने स्केटिग के जरिये जीवन को रफ्तार देने में मशगूल है। आलम यह है कि शहर के हर तीसरे बच्चे ने हॉबी क्लास ज्वाइन कर रखी है।

कई साल पहले चुनिंदा संस्थानों में ही हॉबी कोर्स चलते थे। अब बच्चों की रुचि व अभिभावकों के रुझान को देखते हुए स्कूल वाले भी पीछे नहीं रहना चाहते। यही वजह है कि आजकल शहर में काफी संख्या में हॉबी कोर्स चल रहे है। संस्थान हॉबी कोर्स का एक माह का पैकेज एक हजार से 2000 रुपये में मुहैया करा रहे है। वहीं स्कूलों में ये कोर्स 500 से 1500 के बीच उपलब्ध है। हॉबी कोर्स ज्वाइन करने वालों में तीन चार साल से लेकर 15-18 साल के किशोर- किशोरी शामिल है। कंप्यूटर सेंटरों के अलावा विभिन्न संस्थानों में बच्चे विभिन्न विधाओं का प्रशिक्षण ले रहे है। आजकल छुट्टियों से स्कूलों में वीरानी सी छाई है, वहीं सेंटरों में रौनक बनी हुई है। व्यक्तित्व में आएगा निखार अभिभावक शशी, अंजू शर्मा, चंद्रकाता, राजीव नंगथला का मानना है कि हॉबी कोर्स शुरू होने से बच्चों के व्यक्तित्व में निखार आएगा। उनका मानना है कि गर्मी की छुट्टियों में इधर-उधर घूमकर व्यर्थ गंवाने से बेहतर है कि समय की महता को समझते हुए, इन दिनों में कुछ हट कर किया जाए(दैनिक जागरण,अग्रोहा,12.6.12)।

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आरएएस प्रीःजयपुर का एक परीक्षा केंद्र निरस्त

राजस्थान लोक सेवा आयोग ने राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएं संयुक्त प्रतियोगी प्रारंभिक परीक्षा 2012(आरएएस प्री) के लिए जयपुर में बनाया गया एक परीक्षा केंद्र निरस्त कर दिया गया है। इसके स्थान पर नया परीक्षा केंद्र बनाया गया है। 

आयोग सचिव डॉ. के के पाठक के मुताबिक गुरुवार को होने वाली आरएएस प्री राज्य के सभी 33 जिला मुख्यालयों पर जिला कलेक्टर के माध्यम से कराई जा रही है। परीक्षा के जयपुर में पूर्व में निर्धारित परीक्षा केंद्र सेंट एंड्रयूज पब्लिक सीनियर सेकंडरी स्कूल, त्रिवेणी नगर को निरस्त कर दिया गया है। 

इसके स्थान पर अब तिलक पब्लिक स्कूल विंग 2, त्रिवेणी नगर को नया परीक्षा केंद्र बनाया गया है। इस केंद्र पर रोल नंबर 707751 से 708250 तक के अभ्यर्थी नए परीक्षा केंद्र पर परीक्षा देंगे(दैनिक भास्कर,अजमेर,12.6.12)।

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बिहार इंटर परीक्षा का परिणाम घोषित

पटना। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष राजमणि प्रसाद सिंह ने सोमवार को इंटरमीडिएट कला, वाणिज्य और व्यावसायिक शिक्षा का परीक्षाफल घोषित किया। एक बार फिर इंटरमीडिएट कला और वाणिज्य के टॉप टेन की सूची में छात्राओं का दबदबा कायम रहा। 

राजमणि प्रसाद सिंह ने बताया कि कला संकाय में 'टॉप 10' में 19 परीक्षार्थियों को जगह मिली है। जिनमें 16 छात्राएं हैं। जबकि वाणिज्य संकाय में टॉप 10 में 15 परीक्षार्थियों में 8 छात्राएं हैं। उन्होंने बताया कि कला परीक्षाफल के टॉप टेन में वैशाली के 13 परीक्षार्थी और वाणिज्य के टॉप टेन में गया के 11 परीक्षार्थी शामिल हैं। 

ये रहे कला के टॉप टेन 

रैंक- नाम- प्राप्तांक- जिला 
1 प्रशांत सिन्हा 82.8 गया 
2 रणवीर सहाय 82.2 गया 
3 मौसमी कुमारी 80.6 गया 3 श्वेता कुमारी 80.6 गया 
4 सोनाली 80.4 पटना 
5 नमिता कुमारी 79.6 गया 
6 श्वेता कुमारी 79.4 पटना 6 रितेश कुमार रिक्की 79.4 गया 
7 दीपा कुमारी 79 पटना 8 कुमार सौरभ 78.8 गया 
8 विवेक कुमार गुप्ता 78.8 गया 9 किशन कुमार 78.6 गया 
9 विनिता 78.6 औरंगाबाद 10 खुशबू कुमारी 78.4 गया 
10 राजू सिंह 78.4 गया(दैनिक भास्कर,पटना,12.6.12)। 


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आईपीयूःअवैध ढंग से दाखिला लेते दो धरे

गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी (आईपी) में जारी दाखिला प्रक्रिया के तहत दो ऐसे मुन्ना भाइयों को पकड़ा गया है, जिन्होंने निर्धारित प्रक्रिया को दरकिनार कर दाखिला पाने की कोशिश की। 

विश्वविद्यालय की ओर से पहली बार लागू तीन स्तरीय दाखिला प्रक्रिया के तहत ये शातिर छात्र पहले दो चरणों में झांसा देकर निकल गए, लेकिन तीसरे व अंतिम चरण में एकेडमिक ब्रांच ने इन्हें दबोच लिया। ज्वाइंट रजिस्ट्रार एकेडमिक कर्नल प्रदीप उपमन्यु ने बताया कि दोनों आरोपी छात्रों की दाखिला प्रक्रिया रद्द कर दी गई और मामले की जांच की जा रही है। 

दाखिले में गड़बड़झाला का यह मामला शनिवार 9 जून को सामने आया। दरअसल, मास्टर इन मास कम्युनिकेशन प्रोग्राम्स में दाखिले के लिए पहले काउंसलिंग प्रक्रिया में दिल्ली के 1 से 115 रैंक तक के अभ्यर्थियों और दिल्ली के बाहर के 1 से 25 रैंक के अभ्यर्थियों को बुलाया गया था। 

दिल्ली से बाहर के छात्रों की सूची में 67 व 87 रैंक पर रहे इन शातिर छात्रों ने बिना किसी बुलावे के ही विश्वविद्यालय का रुख किया और दाखिला प्रक्रिया के पहले दो चरण, दस्तावेजों की जांच और संस्थान के अलाटमेंट से निकल गए। इसके बाद तीसरे चरण में जब फीस का ड्राफ्ट जमा कर एकेडमिक ब्रांच के पास जांच के लिए पहुंचे तो दोनों को पकड़ लिया गया। 

ज्वाइंट रजिस्ट्रार एकेडमिक कर्नल प्रदीप उपमन्यु ने बताया कि दोनों ही छात्रों ने अवैध ढंग से दाखिला पाने का प्रयास किया, जिसकी वजह से इनकी प्रक्रिया रद्द कर दी गई है। इन्हें सूचित कर दिया गया है कि वह अपने ड्राफ्ट वापस ले जाएं। हालांकि इस समूचे प्रकरण में जिस तरह से एडमिशन ऑफिसर की लापरवाही उजागर हुई है विश्वविद्यालय में उनकी भूमिका को भी संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है। विश्वविद्यालय स्तर पर इस घटना की जांच शुरू कर दी गई हैं(दैनिक भास्कर,दिल्ली,11.6.12)।

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राजस्थानः40,000 शिक्षकों की होगी भर्ती

शिक्षक बनने का सुनहरा मौका तलाश रहे युवा पूरी तैयारी के साथ जुट जाएं। आने वाले महीने इस सपने को पूरा करने के लिए बड़ा मौका लेकर आ रहे हैं। करीब 40 हजार शिक्षक भर्तियां सितंबर तक होगी। शिक्षक भर्ती के लिए शेखावाटी के करीब दो लाख स्टूडेंट्स जोर-शोर के साथ तैयारी में जुटेंगे। इस बीच कई निजी स्कूलों के सामने भी बड़ी मुसीबत इस तौर पर सामने आएगी कि उनके शिक्षक इन परीक्षाओं की तैयारी में लगेंगे। दूसरे जिलों से तैयारी के लिए पहुंचने वाले युवाओं की भीड़ भी एक बार फिर जुटेंगी। अन्य जिलों से करीब 20 हजार विद्यार्थी यहां आने की संभावना है। 

आरपीएससी की ओर से जुलाई में 17 हजार पदों के लिए ग्रेड सैकंड शिक्षक भर्ती होगी। इसके बाद तीन हजार पदों के लिए स्कूल व्याख्याता के लिए भी भर्ती परीक्षा आयोजित होगी। इससे पहले आरटेट के लिए अभ्यर्थियों की भीड़ शेखावाटी में उमड़ेगी। एक अनुमान के अनुसार, 60 हजार अभ्यर्थी शेखावाटी से शामिल होंगे। इसकी मोटी वजह है कि ज्यादातर अभ्यर्थी प्रतिशत बढ़ाने और बीएड धारी दोबारा शामिल होंगे। सितंबर में ग्रेड थर्ड शिक्षक भर्ती परीक्षा दोबारा होनी है। इस बार 23 हजार पदों के लिए भर्ती होगी। 

60 हजार का लक्ष्य आरटेट में पास होना 
आरटेट की दौड़ में अभी से 60 हजार अभ्यर्थी गणित बैठाने में जुट गए हैं। इनमें बड़ी संख्या प्रतिशत बढ़ाने वाले व बीएड धारी अभ्यर्थियों की है। लेकिन इस बीच माध्यमिक शिक्षा बोर्ड कक्षा एक से पांच तक की शिक्षक पात्रता के लिए बीएड धारी प्रविष्ट नहीं हो सकेंगे। कक्षा 1 से 5 तक प्रथम के शिक्षक पात्रता के लिए न्यूनतम 50 फीसदी अंकों के साथ उच्चतर माध्यमिक एवं प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र में दो वर्षीय डिप्लोमा में उत्तीर्ण होना आवश्यक है। 

ऐसे अभ्यर्थी जिन्होंने न्यूनतम 45 फीसदी अंकों के साथ उच्चतर माध्यमिक एवं प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र में दो वर्षीय डिप्लोमा में उत्तीर्ण हो वे पात्र होंगे। बोर्ड ने यह भी कहा कि जिन अभ्यर्थियों ने उच्चतर माध्यमिक परीक्षा में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक अर्जित किए हैं, प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र स्नातक, बीएलएड का चार वर्षीय कोर्स किया है, वे भी इसके लिए पात्र होंगे। इन कक्षाओं के शिक्षक पात्रता के लिए बोर्ड ने कहीं भी बीएडधारियों से आवेदन नहीं मांगे हैं। 

बोर्ड ने पिछले साल बीएडधारियों को भी आवेदन मांगे थे लेकिन इसमें ब्रिज कोर्स की शर्त रखी थी। इस बार ऐसा नहीं किया गया है। कक्षा 6 से 8 तक के शिक्षक पात्रता के लिए बीएडधारियों से मांगे आवेदन बोर्ड ने कक्षा 6 से 8 तक के शिक्षक पात्रता के लिए गत वर्ष वाली ही योग्यताएं तय की हैं। इसके अलावा, स्नातक एवं शिक्षा शास्त्र में एक वर्षीय स्नातक एवं न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ उच्चतर माध्यमिक एवं 4 वर्षीय प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र स्नातक बीएलएड में कोर्सेज में से किसी एक में उत्तीर्ण होना आवश्यक है। 

प्राप्तांक सुधार के लिए दे सकेंगे अभ्यर्थी आरटेट 
बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार द्वारा नियुक्त स्थायी नोडल एजेंसी हर साल आरटेट परीक्षा का आयोजन करेगी। इसकी मान्यता प्रमाण पत्र जारी किए जाने की तिथि से सात साल तक रहेगी। परीक्षार्थी यदि चाहे तो गत आरटेट 2011 में प्राप्तांक में सुधार के लिए आरटेट 2012 की परीक्षा दे सकता है। माना जा रहा है कि प्राप्तांक सुधार के लिए भी इस बार बड़ी संख्या में अभ्यर्थी आरटेट में शामिल हो सकते हैं। कारण, गत वर्ष के परिणाम में अपात्र घोषित किए गए अधिकतर अभ्यर्थियों के प्राप्तांक न्यूनतम प्राप्तांक से मामूली कम रह गए थे(दैनिक भास्कर,सीकर,12.6.12)।

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डीटीयूःदाखिले से जुड़े सवाल इन नम्बरों पर पूछिए

दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) ने शैक्षणिक सत्र 2012-13 के लिए विभिन्न अंडर ग्रेजुएट बीटेक पाठ्यक्रमों के लिए दाखिला प्रक्रिया की घोषणा कर दी है। आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी, 13 से 18 जून के बीच ऑनलाइन पंजीकरण व बैंक चालान जमा होगा और उसके बाद 20 से 25 जून के बीच छात्र दाखिले के लिए अपनी पसंद दर्ज कर पाएंगे। 

दाखिला प्रक्रिया के लिए डिप्टी चेयरमैन बनाए गए डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि 13 जून से शुरू हो रही आवेदन प्रक्रिया के तहत छात्रों को वेबसाइट पर लॉगइन करना होगा। उन्होंने बताया कि यहां छात्रों को अपना बैंक चालान तैयार करना होगा। 

इसके लिए उन्होंने बेवसाइट पर उपलब्ध विकल्प पर जाकर एआईईईई का रोल नंबर, नाम, पिता का नाम व रैंक देनी होगी। चालान का भुगतान 1000 रुपये देकर देश में किसी भी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ब्रांच में किया जा सकेगा। शुल्क जमा कराने के बाद 20 से 25 जून के बीच छात्र विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए अपनी च्वाइस दर्ज कराएंगे, जिसके आधार पर उन्हें दाखिले का अवसर मिलेगा। 

विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. पीबी शर्मा ने बताया कि कुल 15 बीटेक पाठ्यक्रमों में इस बार 1531 सीटें उपलब्ध हैं। इन सीटों पर आवेदन प्रक्रिया के बाद 2 जुलाई को पहली दाखिला सूची, 10 जुलाई को दूसरी, 16 जुलाई को तीसरी सूची जारी की जाएगी। 

प्रो.शर्मा ने बताया कि तीन सूचियों के दाखिले अंजाम देने के बाद 20 व 21 जुलाई को शेष आवेदकों को व्यक्तिगत हाजिरी के लिए कैम्पस बुलाया जा रहा है, जिसके आधार पर 24 जुलाई को चौथी व 30 जुलाई को पांचवीं दाखिला सूची जारी की जाएगी। 

हेल्पलाइन नंबर 
दाखिले से जुड़ी हर उलझन के समाधान के लिए दो हेल्पलाइन नंबर छात्रों के लिए उपलब्ध रहेंगे। 9654456584, 9811364542 पर कॉल कर आवेदन में हो रही परेशानी का निदान पा सकते हैं। विदेशी छात्रों को भी ऑनलाइन आवेदन की सुविधा- विदेशी छात्र भी घर बैठे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। विदेशी छात्रों के लिए 48 सीटें उपलब्ध रहेगी। 

कोटे का गणित व मेरिट का आधार- डीटीयू में 85 फीसदी सीटें दिल्ली के छात्रों के लिए आरक्षित हैं जबकि शेष 15 फीसदी सीटें देश के अन्य छात्रों के लिए। छात्र को 12वीं में पीसीएम में कम से कम 60 फीसदी अंक होने चाहिए(दैनिक भास्कर,दिल्ली,11.6.12)।

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10 जून 2012

नवभारत टाइम्स का चलो कैंपस सेमिनार आज

मिशन एडमिशन की रेस शुरू हो गई है। यूनिवर्सिटी , कोर्स और कॉलेजों को लेकर स्टूडेंट्स के मन में कन्फ्यूजन है और उन्हें बेस्ट करियर ऑप्शन की तलाश है। स्टूडेंट्स की तमाम उलझनों को सुलझाने के लिए एनबीटी लगातार पांचवें साल लाइव काउंसलिंग सेमिनार की स्पेशल सीरीज लेकर आ रहा है। ये सेमिनार एनबीटी चलो कैंपस अभियान का खास हिस्सा हैं। 

पिछले सालों में हर सेमिनार में स्टूडेंट्स और पैरंट्स की भारी भीड़ उमड़ी थी। एक्सपर्ट ने स्टूडेंट्स के हर सवाल का जवाब दिया और स्टूडेंट्स की सारी कन्फ्यूजन दूर हुई। हर संडे को दो कॉलेजों में ये सेमिनार आयोजित किए जा रहे हैं। इस बार पहले दो सेमिनार 10 जून को दयाल सिंह कॉलेज ( लोदी रोड ) और रामजस कॉलेज ( नॉर्थ कैंपस ) में होंगे। सेमिनार में एंट्री बिल्कुल फ्री होगी। एनबीटी सेमिनार में डीयू के कॉलेजों के सीनियर प्रिंसिपल , अधिकारी और प्रोफेसर एक्सपर्ट के रुप में मौजूद रहेंगे और स्टूडेंट्स उनसे सीधे सवाल - जवाब भी कर सकेंगे।

एनबीटी चलो कैंपस स्टूडेंट को इंटरनेट के जरिए लाइव चैट का मौका भी मुहैया करा रहा है साथ ही सेमिनार के जरिए स्टूडेंट्स के पास एक्सपर्ट से सीधे रूबरू होने का मौका है। पैरंट्स के लिए भी यह बढि़या मौका है जब वे एक्सपर्ट से सवाल पूछ सकेंगे। 

एनबीटी लाइव काउंसलिंग सेमिनार 
10 जून 
दयाल सिंह कॉलेज , लोदी रोड 

संडे को दयाल सिंह कॉलेज में होने वाले सेमिनार में डीयू इग्जेक्यूटिव काउंसिल के मेंबर और दयाल सिंह ईवनिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ . दीपक मल्होत्रा , डिप्टी डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ . दिनेश वाष्णेर्य , आंबेडकर कॉलेज में कॉमर्स के सीनियर असोसिएट प्रफेसर आर . बी . सोलंकी और अकैडमिक काउंसिल के मेंबर व केमिस्ट्री के सीनियर असोसिएट प्रोफेसर अजय कुमार भागी मौजूद रहेंगे और वे स्टूडेंट्स के सवालों का जवाब देंगे। 

रामजस कॉलेज , नॉर्थ कैंपस
नॉर्थ कैंपस के रामजस कॉलेज में होने वाले सेमिनार में हिंदू कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ . प्रद्युम्न कुमार , कॉमर्स के सीनियर प्रोफेसर जे . एल . गुप्ता , डिप्टी डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ . गुरप्रीत सिंह टुटेजा और स्कूल ऑफ ओपन लनिर्ंग ( एसओएल ) के सीनियर असोसिएट प्रोफेसर जे . खूंटिया मौजूद रहेंगे और स्टूडेंट्स इन एक्सपर्ट के साथ सीधी बातचीत कर सकेंगे। 

टाइम : सुबह 10 बजे से 
रजिस्ट्रेशन : सुबह 9.30 बजे से एंट्री फ्री(नवभारत टाइम्स,दिल्ली)

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09 जून 2012

राजस्थानः पीटीईटी काउंसलिंग सोमवार से

राजस्थान प्री टीचर्स एजुकेशन टेस्ट (पीटीईटी) की काउंसलिंग सोमवार से शुरू होगी। कॉलेजों की सूची संकलित करने के बाद ही सीटें तय हो सकेगी। समन्वयक ने बताया कि सोमवार को सीटें तय हो जाएगी। जेएनवीयू की ओर से गत माह पीटीईटी के परिणाम घोषित किए गए थे। परीक्षा परिणाम घोषित करने के बाद काउंसलिंग का कार्यक्रम घोषित किया गया था। जेएनवीयू व राजस्थान विश्वविद्यालय की सूची नहीं मिली कार्यक्रम घोषित करने के साथ समन्वयक ने सभी विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र भेजकर संबद्ध बीएड कॉलेजों की सूची मांगी थी। अधिकांश विश्वविद्यालय की सूचियां शुक्रवार तक प्राप्त हो गई थी। लेकिन खुद जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय व राजस्थान यूनिवर्सिटी के कॉलेजों की सूची नहीं मिली तथा इन विश्वविद्यालयों के कुलसचिव ने शनिवार शाम तक सूची भेजने का समय मांगा था। शनिवार को सूची मिलने के बाद सोमवार को सूची संकलित की जाएगी, इसके बाद ही सीटें तय हो पाएगी। सोमवार से पीटीईटी की काउंसलिंग भी शुरू हो जाएगी। ये काउंसलिंग 3 जुलाई तक चलेगी(मनोज पुरोहित,दैनिक भास्कर,जोधपुर,9.6.12)।

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यूपीःकई विभागों की वेतन विसंगतियां दूर

वेतन समिति की सिफारिशों को मानते हुए प्रदेश सरकार ने कई विभागों की वेतन विसंगतियों को दूर कर दिया है। इसके अलावा वरिष्ठ लेखा परीक्षा बनने की विभागीय अनिवार्यता को भी खत्म कर दिया गया है। न्यायिक अधिकारियों के लिए चिकित्सा भत्ता और पोशाक भत्ता भी तय कर दिया गया है। गुरुवार को हुई मंत्रि परिषद की बैठक में इसे मंजूरी दे दी गई। 

सूत्रों के अनुसार परिवार कल्याण विभाग के तहत जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को अब 4200 के ग्रेड पे के स्थान पर 4600 ग्रेड पे मिलेगा। इसके साथ ही राज्य एवं परिवार कल्याण संस्थान की सेवा नियमावली भी बनाई जाएगी। प्रदेश के चिकित्सा विश्वविद्यालय, होम्योपैथी, एलोपैथिक, आयुर्वेदिक और यूनानी मेडिकल कालेज में तैनात कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को भी दूर किया गया है। 

इसके अलावा उत्तर प्रदेश वित्त एवं लेखा सेवा स्थानीय लेखा परीक्षा काडर में उप निदेशक (6600 ग्रेडपे) के चार पदों में एक पद को संयुक्त निदेशक के 7600 वाले ग्रेड पे के एक पद में तब्दील किया जाएगा। 5400 ग्रेड पे में सहायक निदेशक के 44 पदों में सोलह पदों को उप निदेशक नाम मिलेगा। 4800 ग्रेड पे में जिला लेखा परीक्षा अधिकारी के 65 पदों को तथा 5400 ग्रेड पे के सहायक निदेशक के 28 पदों को मिलाकर सम्मिलित संवर्ग बनेगा। इनके लिए कंप्यूटर में ओ लेवल डिप्लोमा जरूरी कर दिया गया है। सरकार ने इसी क्रम में वरिष्ठ लेखा परीक्षक वर्ग में 4200 ग्रेडपे वाले पदों के लिए विभागीय परीक्षा का अनिवार्यता खत्म कर दी है। सहायक लेखा परीक्षक को अब 4600 के स्थान पर 4800 ग्रेडपे दिया जाएगा। सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी के पद पर वरिष्ठ लेखा परीक्षकों से शत प्रतिशत प्रोन्नति की व्यवस्था बहाल की जाएगी। सहकारी समितियों व पंचायत संगठन के तहत उप मुख्य लेखा परीक्षक 6600 रुपये के ग्रेडपे के पदों में एक प नद को संयुक्त मुख्य लेखा परीक्षा अधिकारी में प्रोन्नत किया है। 

कैबिनेट ने उच्चतर न्यायिक सेवा नियमावली को भी मंजूरी दे दी है। यह नियमावली न्यायिक अधिकारियों को प्रोन्नति देने के लिए बनाई गई है। न्यायिक अधिकारियों के लिए चिकित्सा भत्ता, पोशाक भत्ता एवं सेवक भत्ते को भी मंजूरी दी गई है(दैनिक जागरण,लखनऊ,9.6.12)।

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हिमाचलःअब कॉलेज में एक बार दाखिला लें और तीन साल पढ़ें

यदि आप कॉलेज छात्र हैं तो अब आपको हर क्लास में दाखिला लेने के लिए एडमिशन फॉर्म नहीं भरना पड़ेगा। प्रदेश विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त प्रदेश भर के कॉलेजों में द्वितीय और तृतीय वर्ष में एडमिशन लेने वाले छात्रों को अब बिना फॉर्म भरे ही इन कक्षाओं में दाखिला मिलेगा। यूनिवर्सिटी ने शिक्षा विभाग की ओर से मिले दिशा निर्देशों के बाद सभी कॉलेजों को इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी है। आरकेएमवी समेत कुछेक कॉलेज इसी शैक्षणिक सत्र से इस प्रक्रिया के तहत दाखिला देकर छात्रों को सुविधा देने जा रहे हैं। 

इसके तहत बीए, बीएससी और बीकॉम के द्वितीय और तृतीय वर्ष में एडमिशन लेने वाले करीब एक लाख 20 हजार अधिक छात्रों को 40 रुपए का प्रोस्पेक्टस नहीं खरीदना पड़ेगा। साथ ही हर साल इस फॉर्म के साथ भरी जाने वाली दूसरी औपचारिकताएं भी नहीं करनी पड़ेंगी। यूनिवर्सिटी प्रशासन के अनुसार सिर्फ प्रथम वर्ष में दाखिला लेने वाले छात्रों को ही आवेदन फॉर्म खरीदकर भरना होगा। अब तक छात्रों को हर साल अगली कक्षा में दाखिला लेने के लिए फॉर्म भरना पड़ता था। 

इस अधिसूचना के अनुसार द्वितीय और तृतीय वर्ष में एडमिशन लेने वाले छात्रों को रोल ऑन बेसिस पर दाखिला दिया जाएगा। यूनिवर्सिटी के अनुसार ये छात्र अपना रोलनंबर बताकर सीधे फीस जमा कराएंगे। इसके बाद फीस स्लिप के आधार पर ये अपना आईकार्ड और लाइब्रेरी कार्ड ले सकते हैं। 

पहले परेशान होते थे 
इससे पहले कॉलेज छात्रों को हर कक्षा में एडमिशन के लिए फॉर्म भरना पड़ता था। छात्रों को न सिर्फ फॉर्म खरीदकर भरना पड़ता था बल्कि इसके साथ अपनी फोटो और दूसरे फॉर्म भी हर साल जमा करवाने पड़ते थे। वहीं, कॉलेजों को भी इस प्रक्रिया के लिए अलग अलग विषय की कमेटियां बनानी पड़ती थी(दैनिक भास्कर,शिमला,9.6.12)।

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यूपी में बीएड काउंसिलिंगःपरीक्षा से कठिन प्रवेश प्रक्रिया

सुल्तानपुर के आकाश सिंह ने बीएड प्रवेश परीक्षा में 973वीं रैंक प्राप्त की है। शुक्रवार सुबह करीब साढ़े छह बजे वह आ‌र्ट्स कालेज स्थित काउंसिलिंग सेंटर पहुंच गए। दो घंटे इंतजार के बाद उन्हें टोकन मिल सका। सर्वर कनेक्टिविटी न मिलने के कारण आकाश दोपहर करीब तीन बजे सीट लॉक कर सके। सिर्फ आकाश ही नहीं उनके जैसे करीब दो हजार विद्यार्थी को काउंसिलिंग के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। घोर अव्यवस्थाओं का खामियाजा दूर दराज से आए अभ्यर्थियों को ही भुगतना पड़ा। डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विवि, फैजाबाद द्वारा आयोजित संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा-2012 की ऑन लाइन काउंसलिंग शुक्रवार से प्रदेश के 27 केंद्रों पर शुरू हुई। राजधानी के आ‌र्ट्स कालेज में काउंसिलिंग के तीन केंद्र बनाए गए हैं। पहले दिन पहली से दस हजार रैंक तक के अभ्यर्थियों को बुलाया गया था। यूं तो काउंसिलिंग शुरू होने का समय सुबह नौ बजे से था, लेकिन विवि प्रशासन ने सभी को सात बजे ही बुला लिया था। खुद अधिकारी आठ बजे के बाद काउंसिलिंग स्थल पर पहुंचे थे। टोकन बांटने में भी अव्यवस्थाएं हावी रहीं। सर्वर कनेक्टिीविटी न मिलने की समस्या हर बार की तरह इस बार भी रही। काउंसिलिंग से जुड़े अधिकारी भी साढ़े ग्यारह बजे तक हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे। करीब बारह बजे शुरू हो सकी काउंसिलिंग में भी बार-बार सर्वर डिसकनेक्ट हो जा रहा था। अभ्यर्थियों के दस्तावेज जांचने और कंप्यूटर कक्ष में सीट लॉक करने में हर अभ्यर्थी को एक घंटे तक का समय लग रहा था। लखीमपुर खीरी से काउंसलिंग के लिए आए सुमित श्रीवास्तव, इलाहाबाद के अजय कुमार व संडीला से आए दिनेश समेत कई अभ्यर्थियों का कहना था कि बीएड प्रवेश परीक्षा से कठिन काउंसलिंग की पूरी प्रक्रिया रहती है। अव्यवस्थाओं के बीच घंटों इंतजार के बाद कहीं नंबर आ पाता है। लखनऊ विवि के प्राक्टर डॉ. पवन अग्रवाल ने बताया कि शुक्रवार को करीब 1750 अभ्यर्थियों को टोकन दिए गए हैं। वहीं देर रात तक अभ्यर्थी काउंसलिंग के लिए लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करते रहे। काउंसिलिंग सेंटर लखनऊ, बुलावा गोरखपुर का : इलाहाबाद के कौशल सिंह की सामान्य रैंक 7373 है। डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्र्वविद्यालय से उन्हें जो बुलावा पत्र भेजा गया, उसमें काउंसिलिंग सेंटर गोरखपुर दर्ज था। शुक्रवार सुबह जब वह गोरखपुर के मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग कालेज पहुंचे तो पता चला कि उनका काउंसिलिंग सेंटर लखनऊ का आ‌र्ट्स कालेज है। दौड़ते-भागते वह किसी तरह दोपहर बाद यहां पहंुच सके। कुछ ऐसा ही हुआ सुलतानपुर के अनिलेश कुमार पांडेय के साथ। काउंसिलिंग लेटर में उनका सेंटर कानपुर दर्ज था लेकिन वहां जाकर पता चला कि उनकी काउंसिलिंग लखनऊ में होगी(दैनिक जागरण,लखनऊ,9.6.12)

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डीयूःवोकेशनल का फैशन

डीयू में अंडरग्रैजुएट लेवल पर ल के बीए (वोकेशनल स्टडीज) कोर्स की पढ़ाई कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज में होती है। यह कोर्स सात स्ट्रीम में है और हर स्ट्रीम के लिए अलग-अलग कट ऑफ आती है। बीए (वोकेशनल स्टडीज) में बेस्ट ऑफ फोर के बेस पर एडमिशन होता है और 2 वोकेशनल सब्जेक्ट और दो अकैडमिक सब्जेक्ट के मार्क्स की कैलकुलेशन देखी जाती है। हर स्ट्रीम में वोकेशनल सब्जेक्ट की डिमांड अलग-अलग होती है। वोकेशनल स्टडीज के इन कोसेर्ज के बारे में बता रहे हैं भूपेंद्र : 

अगर किसी स्टूडेंट्स ने 12वीं में इंश्योरेंस सब्जेक्ट पढ़े हैं तो उसे मैनेजमेंट एंड माकेर्टिंग ऑफ इंश्योरेंस कोर्स में एडमिशन मिलेगा। इसी तरह से टूरिज्म के सब्जेक्ट पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को टूरिज्म स्ट्रीम में एडमिशन मिलेगा। स्ट्रीम से रिलेटिड वोकेशनल सब्जेक्ट को ही देखा जाएगा। - डॉ. इंद्रजीत , प्रिंसिपल , कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज 

ये सब्जेक्ट नहीं होते काउंट 
इस कोर्स में 10 सब्जेक्ट्स को बेस्ट ऑफ फोर में काउंट नहीं किया जाता। इंजीनियरिंग ड्रॉइंग , होम साइंस , फाइन आर्ट्स , एग्रीकल्चर , फिजिकल एजुकेशन , म्यूजिक , डांस , बायोटेक्नॉलजी , फैशन स्टडीज और वेब एंड मल्टीमीडिया टेक्नॉलजी को बेस्ट ऑफ फोर में शामिल नहीं किया जाता। डॉ. इंदजीत ने बताया कि वोकेशनल स्टडीज की जो सात स्ट्रीम हैं , उनमें ये सब्जेक्ट फिट नहीं होते। दो अकैडमिक सब्जेक्ट में एक लैंग्वेज के मार्क्स काउंट किए जाते हैं। 

इन कोर्स की होती है पढ़ाई 
-ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट (एचआरएम) 

-ऑफिस एडमिनिस्ट्रेशन एंड सेक्रेटरियल प्रैक्टिस(ओएएसपी) 

-मैनेजमेंट एंड माकेर्टिंग ऑफ इंश्योरेंस 

-स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एसएमई) 

-माकेर्टिंग मैनेजमेंट एंड रिटेल बिजनेस (एमएमआरबी) 

-मटीरियल मैनेजमेंट (एमएम) 

टूरिज्म : 539 सीटें 
बीए (वोकेशनल स्टडीज) में 539 सीटें हैं और हर स्ट्रीम में 77-77 सीटें हैं। ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट (एचआरएम) की सबसे अधिक डिमांड है और सबसे हाई कट ऑफ भी इसी कोर्स में रहती है। 

सेंट्रलाइज्ड फॉर्म से करें अप्लाई 
डीयू के सेंट्रलाइज्ड फॉर्म से इन कोर्सेज के लिए अप्लाई किया जा सकता है। डीयू के फॉर्म में इन सभी कोर्सेज का ऑप्शन दिया गया है। डीयू के इसी कॉलेज में बीए (वोकेशनल स्टडीज) की पढ़ाई होती है। सीबीएसई की वोकेशनल स्ट्रीम से 12वीं करने वाले स्टूडेंट्स बड़ी संख्या में इन कोसेर्ज के लिए अप्लाई करते हैं। ऐप्लीकेशन के बेस पर कॉलेज कट ऑफ जारी करता है। कॉलेज का मानना है कि इस बार सीबीएसई का रिजल्ट पिछले साल की तुलना में बेहतर रहा है और इस हिसाब से कट ऑफ में भी इजाफा होने की पूरी संभावना है। 

जॉब के अच्छे चांस
कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज में स्टूडेंट्स वोकेशनल स्टडीज में डिग्री कोर्स करते हैं जबकि बाकी कॉलेजों में बीए प्रोग्राम में स्टूडेंट्स वोकेशनल सब्जेक्ट ले सकते हैं। ग्रैजुएशन लेवल पर ये कोर्स करने के बाद स्टूडेंट्स की अलग-अलग कंपनियों में प्लेसमेंट हो जाती है। एचआरएम कोर्स करने के बाद स्टूडेंट्स एचआर में एमबीए करते हैं और उनकी डिमांड कई गुना बढ़ जाती है क्योंकि बीए लेवल पर भी इन स्टूडेंट्स ने एचआर की पढ़ाई की होती है। इसी तरह से टूरिज्म इंडस्ट्री में भी यह डिग्री कोर्स करने वाले स्टूडेंट्स को प्राथमिकता मिलती है। जो स्टूडेंट्स टूरिज्म , एचआएम , माकेर्टिंग जैसी फील्ड में करियर बनाना चाहते हैं , उनके लिए बीए वोकेशनल की यह डिग्री काफी फायदेमंद है। 

ट्रेनिंग , प्रोजेक्ट के अलग-अलग पेपर 
सेमेस्टर सिस्टम में बीए (वोकेशनल स्टडीज) कोर्स में भी चेंज किए गए हैं और अब इस कोर्स में ट्रेनिंग और प्रोजेक्ट को सिलेबस का हिस्सा बना दिया गया है। ट्रेनिंग और प्रोजेक्ट के अलग-अलग पेपर रखे गए हैं। एचआरएम कोर्स की कट ऑफ सबसे अधिक रहती है। उसके बाद माकेर्टिंग मैनेजमेंट एंड रिटेल बिजनेस (एमएमआरबी) का नंबर आता है। मैनेजमेंट एंड माकेर्टिंग ऑफ इंश्योरेंस (एमएमआई) , टूरिज्म , मटीरियल मैनेजमेंट (एमएम) , स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एसएमई) , ऑफिस एडमिनिस्ट्रेशन एंड सेक्रेटरियल प्रैक्टिस स्ट्रीम में स्टूडेंट्स एडमिशन लेते हैं। 

1.25 पर्सेंट का बोनस 
कॉलेज प्रिंसिपल ने बताया कि अगर स्टूडेंट ने 12वीं में इंश्योरेंस स्ट्रीम के सब्जेक्ट पढ़े हैं और वह इसी स्ट्रीम में एडमिशन लेना चाहता है तो उसे 1.25 पर्सेंट का बोनस मिलेगा। इंश्योरेंस कोर्स के लिए भी यही फॉर्म्युला लागू होगा। मसलन अगर किसी कोर्स की कट ऑफ 80 जाती है तो बोनस पाने वाले स्टूडेंट्स के लिए कट ऑफ 78.75 रहेगी(नभाटा,दिल्ली,8.6.12)।

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हरियाणाःनिजी तकनीकी संस्थानों में दाखिले के लिए एक्ट पर निर्णय शुक्रवार को

हरियाणा तकनीकी शिक्षा विभाग निजी तकनीकी शिक्षण संस्थानों में दाखिला और फीस निर्धारण के लिए हरियाणा निजी तकनीकी शिक्षण संस्थान (दाखिला एवं फीस निर्धारण विनियमन) अधिनियम, 2012 बनायेगा। यह निर्णय शुक्रवार को मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता में यहां हरियाणा निजी व्यवसायिक तकनीकी शिक्षण संस्थान (दाखिला एवं फीस निर्धारण विनियमन) के संबंध में आयोजित बैठक में लिया गया।

बैठक में तय हुआ कि राज्य सरकार तकनीकी पाठ्यक्रम उपलब्ध करवा रहे सभी विश्वविद्यालयों, इंजीनियरिंग कॉलेजों, पॉलीटेक्नीक और अन्य तकनीकी शिक्षा संस्थानों चाहे वह सरकारी अथवा निजी क्षेत्र के हो, में दाखिला एवं फीस के विनियमन के लिए एक कमेटी गठित करेगी। कमेटी के पास सिफारिशों के उल्लंघन के मामले में कम से कम 5 लाख रुपये एवं 10 लाख रुपये तक जुर्माना लगाने की शक्तियां होंगी। 

बैठक में मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. केके खण्डेलवाल व शिव रमन गौड़, उप प्रधान सचिव आरएस दून, तकनीकी शिक्षा विभाग के वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव धनपत सिंह, वित्त विभाग के वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव संजीव कौशल तथा तकनीकी शिक्षा विभाग के निदेशक राम पाल केशवर भी उपस्थित थे(दैनिक भास्कर,चंडीगढ़,9.6.12)।

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पानीपत के कॉलेजों में सीटें कम, विद्यार्थी ज्यादा

12वीं पास कर दस हजार आठ सौ विद्यार्थी कालेज में दाखिला लेने के लिए तैयार हैं, जबकि जिले के कालेजों में उनके हिसाब से 40 फीसदी सीट भी उपलब्ध नहीं हैं। शहर में राजकीय समेत चार कालेजों के पास इन विद्यार्थियों के लिए सीटें करीब 7116 हैं। ऐसे में लगभग चालीस फीसदी विद्यार्थी इस बार भी दाखिले के लिए परेशान रह सकते हैं। 

जिले के ज्यादातर निजी कालेजों में 15 जून से प्रॉस्पेक्टस वितरण की शुरुआत होगी। जबकि राजकीय कालेजों में 20 और 25 जून से यह कार्य शुरू होगा। 17 जून से सभी कॉलेजों में कक्षाएं प्रारंभ हो जाएंगी। सभी कॉलेजों ने इस दफा भी मेरिट के आधार पर ही दाखिला लेने का दावा किया है। 

आर्य गर्ल्स कालेज मतलौडा कोर्स सीट बीए 450 बीकाम 280 बीएससी कंप्यूटर साइंस 60 बीसीए 60 बीबीए 60 बीएससी नान मेडि. 60 

कालेजों में कट आफ लिस्ट की स्थिति 
आर्य पीजी कालेज, एसडी कालेज और आईबी कालेज पानीपत और समालखा के वैश्य कालेज और आंधी आदर्श कालेज में पहली कट आफ लिस्ट 2 जुलाई को लगेगी। दूसरी कट आफ 8 को और तीसरी कट आफ 13 जुलाई को चस्पा करने की बात कही गई है। जबकि मतलौडा के आर्य गर्ल्स कालेज में पहली कट आफ 5 जुलाई को, दूसरी 10 को और तीसरी कट आफ लिस्ट 15 जुलाई को लगाई जाएगी। 

इन तिथियों के बीच में ही दाखिले किए जाएंगे। इसराना के आर्य गल्र्स कालेज में पहली कट आफ 2 जुलाई को, दूसरी 7 को और तीसरी कट आफ लिस्ट 13 जुलाई को लगेगी। जबकि प्रॉस्पेक्टस की शुरूआत 25 जून से होगी। 28 जून को फार्म जमा करने की अंतिम तिथि है। दो से 16 जुलाई तक दाखिले होंगे। 

ये रहेंगी सीटों की स्थिति 
आर्य पीजी कॉलेज कोर्स सीट बीए 320 बीकॉम 430 बीएससी 240 बीएससी नान मेडि. 240 बीएससी मेडि. 80 बीएससी बायोटेक 60 बीबीए 120 बीसीए 60 बीबीआई 60 बीटीएम 60 बीएमसी 60 

आईबी कालेज बीए 400 बीकॉम 410 बीएससी नान मेडि. 80 बीएससी मेडिकल 30 बीएससी बायोटेक 30 बीबीए 130 बीसीए 80 

वैश्य कालेज समालखा बीए 320 बीकाम 60 बीबीए 30 

एसडी कालेज बीकॉम 480 बीए 480 बीएससी 240 बीएससी बायोटेक 50 बीबीए 80 

राजकीय कालेज, पानीपत बीए 80 बीकॉम 160 

राजकीय कालेज, इसराना बीए 300 बीकॉम 66 

कालेज में 20 जून से प्रॉसपेक्टस वितरण शुरू होगा। 30 जून फार्म जमा करने की अंतिम तिथि होगी। इसके बाद 2 से 16 जुलाई तक दाखिले होंगे। यदि कोई सीट बचती है तो इसके बाद सौ रुपए विलंब शुल्क के साथ 23 जुलाई तक दाखिले होंगे। जबकि 24 से 31 जुलाई तक सौ रुपए प्रतिदिन के हिसाब से विलंब शुल्क लगेगा। पहली कट आफ लिस्ट 3 जुलाई को लगेगी। दूसरी कट आफ 9 जुलाई को और तीसरी 13 जुलाई को लगेगी। डा. आरपी सिंह, प्राचार्य, लाला देशबंधु गुप्ता राजकीय कालेज(दैनिक भास्कर,पानीपत,9.6.12)

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महाराष्ट्रःगोंदिया में स्कूल तो बहुत हैं लेकिन कोई पढ़ने वाला नहीं!

भले ही सरकार ने हर तबके के बच्चों को शिक्षा की धारा में प्रवाहित करने के लिए जगह-जगह शालाएं खोल रखी हों, पर सच तो यह है सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयास नाकाम साबित हो रहे हैं। 

इसी का अंदाजा हाल ही में शिक्षा विभाग, पुणे द्वारा गोंदिया की विभिन्न शालाओं की छात्र संख्या संबंधी जारी की गई रिपोर्ट से लगाया जा सकता है। इस रिपोर्ट के अनुसार जिले में शालाएं बेशुमार हैं पर यहां पाठ पढ़ने वाले विद्यार्थियों का अकाल देखा जा रहा है। 

बता दें कि शिक्षा विभाग, पुणे की ओर से जिले में विद्यार्थियों की संख्या जांच के बारे में गोंदिया शिक्षा विभाग को बताया है कि जांच के दौरान जिले की 28 शालाओं में 50 प्रतिशत से कम छात्र संख्या पाई गई है। जबकि, जिले की 82 शालाओं में दाखिला की प्रक्रिया पूरी करने वाले छात्रों की भी संख्या कम होने की जानकारी जांच दल ने दी है। 

बता दें कि निजी शिक्षण संस्था द्वारा संचालित शालाएं, आश्रमशालाएं, अनुदानित, बगैर अनुदानित शालाएं तथा जिला परिषद की शालाओं में राज्य शासन के शालेय शिक्षा व क्रीड़ा विभाग ने 19 सितंबर 2011 को आदेश पारित कर नांदेड़ पेटर्न के आधार पर फर्जी छात्रों की जांच करने के आदेश गोंदिया शिक्षा विभाग दिए थे। 

गोंदिया शिक्षा विभाग ने गत वर्ष 3 से 5 अक्टूबर के दरम्यान 800 अधिकारियों के 157 जांच दल बनाकर जिले की सभी अनुदानित बिना अनुदानित, जिला परिषद की शाला, आश्रामशाला व निजी शिक्षण संस्था द्वारा संचालित शालाओं की जांच की। 

उक्त दल ने जिले की शालाओं की स्थिति के बारे में जानकारी पुणो शिक्षा विभाग को भिजवाई थी। पुणो के शिक्षा विभाग ने हाल ही में गोंदिया शिक्षा विभाग को छात्र संख्या ने इस संबंध में रिपोर्ट भेजी है जिसमें बताया गया है कि जिले की 82 शालाओं में 20 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक जांच दल को शाला में दाखिल छात्रों की संख्या कम मिली है। जबकि, 28 शालाओं में दाखिला लिए 50 प्रतिशत छात्रों के दस्तावेजों पर नजर डाली गई तो इसमें भी छात्रों की संख्या कम होने की बात सामने आई है(दैनिक भास्कर,गोंदिया,9.6.12)।

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झारखंडःकोल्हान विश्वविद्यालय के वीसी पर प्रोवीसी ने लगाये संगीन आरोप

कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलपति (वीसी) डॉ. सलिल कुमार राय और प्रतिकुलपति (प्रोवीसी) डॉ. लक्ष्मीश्री बनर्जी का विवाद अब सीमा तोडऩे लगा है। दोनों एक-दूसरे पर मर्यादा खराब करने की कोशिश का आरोप लगा रहे हैं। 

दोनों के बीच का विवाद दो साल पुराना है। 16 नवंबर 2010 को डॉ. सलिल कुमार राय वीसी बने थे, तभी से कलह शुरू हो गया था। लेकिन 4 जून 2012 को राज्यपाल को लिखे पत्र में डॉ. लक्ष्मीश्री बनर्जी ने कहा, ‘कुलपति बनने के बाद से ही डॉ. सलिल कुमार राय मुझ पर सैक्रिलिजस (अपवित्रीकारी, देवद्रोही, धर्मविरोधी) आक्रमण कर रहे हैं।’ 

अंग्रेजी में लिखे एक पेज के पत्र में डॉ. बनर्जी ने कहा है:‘डॉ. राय इसलिए प्रताडि़त कर रहे हैं कि मैं थक-हार कर शरीर सौंपने के लिए तैयार हो जाऊं’(...सो दैट आई मे बी पुट टू सेक्सुअल ह्रासमेंट एंड एक्सप्लाइटेशन आलसो)

वीसी ने भास्कर से कहा कि वे विश्वविद्यालय को आगे ले जाने की दिन रात कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में काम न करने वाले लोग उनपर आरोप लगा कर माहौल खराब कर रहें है। 

सुर्खियों में रहने वालीं डॉ. लक्ष्मीश्री बनर्जी प्रोवीसी बनने से पहले जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज में पदस्थापित थीं, जहां क्लास नहीं लेने के कारण प्रिंसिपल से उनकी नहीं बनती थी। इसके अलावा प्रोवीसी पर जन्म तिथि में छेड़छाड़ करने के आरोप लगे हैं। इस मामले में छह माह तक उनके वेतन पर भी रोक लगी थी। प्रोवीसी यूजीसी की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. रत्नावली बनर्जी की बहन हैं। 

पैसे की हेराफेरी के भी लग चुके हैं आरोप: महालेखाकार द्वारा विवि का ऑडिट कराया गया। इसके आधार पर प्रोवीसी समेत विवि के अन्य पूर्व अधिकारियों पर पैसे की हेराफेरी की शिकायत की गई थी। 

राज्यपाल से दो बार मिला है शो-कॉज: 
वीसी की शिकायत के बाद राजभवन द्वारा दो अलग-अलग कमेटी बनाकर मामले की जांच कराई गई। अब तक प्रोवीसी को दो बार शो-कॉज जारी कर जवाब मांगा गया है। वह मेरी मर्यादा पर आघात कर रही हैं "डॉ. लक्ष्मीश्री बनर्जी क्या हैं, यह दुनिया जानती है। उनके कह देने से मैं गलत नहीं हो जाऊंगा। वे काम नहीं करती हैं। विश्वविद्यालय नहीं आती हैं। मेरी उनसे मुलाकात सिर्फ मीटिंग में होती है। आरोप बेबुनियाद व गलत है। वे मेरी मर्यादा पर आघात कर रही हैं।" - (डॉ. सलिल कुमार राय,जैसा भास्कर से कहा).(संतोष मिश्रा,दैनिक भास्कर,जमशेदपुर,9.6.12)

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हरियाणाःएजुसेट प्रोजेक्ट का निकला दम

हरियाणा में स्कूल कॉलेज के बच्चों को सैटेलाइट के जरिए पढ़ाने के एजुसेट प्रोजेक्ट का दम निकल रहा है। यह प्रोजेक्ट करीब 12 हजार संस्थानों में लागू है और इनमें तकरीबन 60 फीसदी सिस्टम खराब पड़े हैं। कहीं बैकअप के लिए बैटरियां खराब और कहीं यूपीएस काम नहीं कर रहे हैं। कई जगह स्पेयर पार्ट्स के अभाव में सैटेलाइट इंटरेक्टिव टर्मिनल (सिट) बंद पड़े या सिस्टम न चलने के लिए अन्य कारण जिम्मेदार हैं। 

नतीजा ये है कि एजुसेट के पंचकूला स्थित चार स्टूडियोज से सप्ताह में छह दिन सैटेलाइट से तय टाइम टेबल के अनुसार सुबह 8.20 से शाम 4 बजे के बीच लेक्चर डिलीवर किए जाते हैं जो तकनीकी फेल्योर के चलते सभी संस्थानों तक नहीं पहुंचते हैं। यानी विभिन्न विषयों पर अच्छी पकड़ के लिए सिलेक्टिव चैप्टर पढ़ाने की हाई प्रोफाइल स्कीम का लाभ कहीं डेढ़ साल से और कई जगह पिछले कई महीनों से हजारों बच्चों को नहीं मिल रहा है। 

इसलिए है दिक्कत : 
एजुसेट का प्रोजेक्ट इसरो के कमर्शियल विंग अंतरिक्ष विंग के जरिए शुरू किया गया था। इसके लिए हरियाणा के शिक्षा विभाग ने उत्कर्ष सोसायटी बनाई थी। सिस्टम के रखरखाव के लिए दो साल का एग्रीमेंट किया गया। नतीजतन इसरो ने प्रोजेक्ट में रुचि लेनी कम कर दी है। इसी वजह से सिट के लिए कई स्पेयर पार्ट्स विदेश से मंगाए जाने में देरी हो रही है। दूसरी तरफ उत्कर्ष ने पिछले साल राज्य सरकार से 14 हजार बैटरियां मांगी थीं लेकिन सरकार की हाई पॉवर परचेज कमेटी ने सिर्फ चार हजार बैटरियां खरीदने की ही मंजूरी दी जबकि हरेक सिस्टम को दो बैटरियां लगती हैं। 

 -बैकअप के लिए बैटरियां खराब। 

 -यूपीएस काम नहीं कर रहे हैं। 

इसरो का था यह प्रोजेक्ट 
यह प्रोजेक्ट इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन(इसरो) के मार्गदर्शन में वर्ष 2005 से 2007 के बीच शुरु किया गया था। इस प्रोजेक्ट को मूर्त रूप देने पर राज्य सरकार ने करीब 80 करोड़ रुपए खर्च किए थे। उसके बाद करीब 10 करोड़ रुपए प्रोजेक्ट के चैप्टर तैयार कराने व सिस्टम्स के रखरखाव आदि पर खर्च किए जा चुके हैं। एजुसेट का प्रोजेक्ट इसरो के कमर्शियल विंग अंतरिक्ष विंग के जरिये शुरू किया गया था। 

क्या है प्रोफाइल 
हरियाणा में पहली से 12वीं क्लास के बच्चों को किताबी पाठ्यक्रम के साथ चुनिंदा चैप्टर सैटेलाइट से (विजुअल और साउंड सहित सहित) पढ़ाने का प्रावधान है। इसी तरह कालेज व पॉलीटेक्निक के स्टूडेंट्स को एक्सपर्ट्स का मार्गदर्शन दिया जाता है। इसके लिए करीब नौ हजार प्राइमरी व 13सौ स्कूलों में आरओटी(रिसीव ओनली टíमनल) और 500 कालेजों, पालीटेक्निक, सभी बीईओ, डीईओ, डाइट ऑफिसेज और चुनिंदा स्कूलों में सैटेलाइट इंटरेक्टिव टर्मिनल(सिट) लगे हैं। 

एजुसेट प्रोजेक्ट के तहत कुछ और बैटरियां खरीदने की प्रक्रिया चल रही है। इस तरह सिट के लिए स्पेयर पार्ट्स आयात किए जा रहे हैं जिसके अगले दो माह में मिलने की उम्मीद है। एजुसेट के सभी खराब सिस्टम्स जल्द चालू कराने की कोशिश हो रही है। सुरीना राजन, वित्तायुक्त व प्रधान सचिव(कपिल चड्ढा,दैनिक भास्कर,चंडीगढ़,9.6.12ः

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हिमाचलःअपने घरों में टॉयलेट न बनाने वाले 1093 कर्मचारियों को चार्जशीट

सरकारी फरमान के बावजूद अपने घरों में टॉयलेट न बनाने वाले मंडी के 1093 सरकारी कर्मचारियों पर जिला प्रशासन की गाज गिरी है। डीसी मंडी देवेश कुमार ने जिला के 31 विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को चार्जशीट किया है। डीसी मंडी ने सभी विभागों के अध्यक्षों को आदेश दिए हैं कि उक्त कर्मचारियों के खिलाफ एक माह के अंदर कार्रवाई की जाए। 

डीसी मंडी ने यह कार्रवाई साक्षरता एवं जन समिति मंडी के सर्वे की रिपोर्ट के बाद की है। सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक मंडी जिला के 1093 सरकारी कर्मचारियों के यहां टॉयलेट नहीं हैं। मंडी में स्वच्छता अभियान की शुरुआत 2005 में हुई थी। सरकार की ओर से यह दावा किया गया है कि मंडी जिला संपूर्ण स्वच्छ है। 142 पंचायतों को निर्मल पुरस्कार के लिए चिह्न्ति किया गया है। इसी बीच साक्षरता एवं जन समिति मंडी के सर्वे ने सरकार और जिला प्रशासन के उन तमाम दावों की पोल खोल दी है(विनोद भावुक,दैनिक भास्कर,मंडी,9.6.12)।

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उप्र मदरसा बोर्ड की परीक्षा आज से

प्रदेश मदरसा बोर्ड की परीक्षा शनिवार से शुरू हो रही है। 2 लाख 22 हजार 498 छात्र व छात्राएं परीक्षा में शामिल होंगे। प्रदेश में 403 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। 15 जून को आखिरी पेपर होगा। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी एचपी अंबेडकर के मुताबिक लखनऊ में 14 परीक्षा केंद्र हैं, जिसमें सात हजार पांच सौ छात्र परीक्षा देंगे। परीक्षा संबंधी सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मदरसा शिक्षा परिषद की अरबी, फारसी परीक्षाएं इस वर्ष पहली बार नए पाठ्यक्रम से होंगी। मुंशी, मौलवी, आलिम और फाजिल की परीक्षाएं शनिवार से होनी है। मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार जावेद असलम के मुताबिक सभी केंद्रों पर परीक्षा के दौरान सख्त निगरानी रखी जाएगी(दैनिक जागरण,लखनऊ,9.6.12)।

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यूपीःहिंदी में फेल हो गए सवा तीन लाख परीक्षार्थी

यूपी बोर्ड की हाईस्कूल की परीक्षा में इस साल हिंदी विषय में सवा तीन लाख परीक्षार्थी अनुत्तीर्ण घोषित किए गए। लिहाजा ऐसे परीक्षार्थी पूरे परीक्षाफल में फेल हो गए हैं। हिंदी विषय का परीक्षाफल 90.87 फीसद रहा है। इस वर्ष हाईस्कूल में 37,10529 परीक्षार्थियों ने हिंदी विषय में पंजीकरण कराया था। इनमें से 35,73266 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए और 32,47160 परीक्षार्थी उत्तीर्ण घोषित किए गए। इस बार दसवीं की बोर्ड परीक्षा के लिए 37,41380 परीक्षार्थियों में 37,10529 ने हिंदी को बतौर विषय चुना। 30,851 ने हिंदी से परहेज किया। इसके अलावा वैकल्पिक हिंदी में 1393 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। इनमें से 1273 परीक्षा में शामिल हुए, लेकिन 1142 परीक्षार्थी ही सफल हो सके। इस तरह 131 को हिंदी में असफल घोषित किया गया(दैनिक जागरण,इलाहाबाद,9.6.12)।

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मेडिकल कॉलेज पटियाला और अमृतसर में बढ़ सकती हैं एमबीबीएस सीटें

राज्य के सरकारी मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस सीटें बढ़ने की उम्मीद एक बार फिर जगी है। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने मेडिकल कॉलेज पटियाला और अमृतसर में सीटें बढ़ाने को लेकर आखिरकार प्रस्ताव मांग लिया है। 

इसमें पर्याप्त स्टाफ, इंफ्रास्ट्रक्चर, इक्यूपमेंट, कांफ्रेंस हाल का पूरा ब्योरा मांगा गया है। दोनों मेडिकल कालेजों ने फिलहाल अपना प्रपोजल एमसीआई को भेज दिया है। यदि एमसीआई की ओर से प्रपोजल को हरी झंडी मिल जाती है तो संभवत: अगले सेशन में सीटें बढ़ सकती हैं। 

स्टाफ की कमी समस्या बताया जा रहा है कि दोनों मेडिकल कालेजों में इस समय सबसे बड़ी समस्या स्टाफ की सामने आ रही है। मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया की ओर से स्टाफ की समस्या दूर करने के लिए पहले भी पत्र जारी किया जा चुका है। इसके लिए मेडिकल शिक्षा और खोज की ओर से जुलाई या फिर अगस्त माह में विभागीय तरक्की कमेटी (डीपीसी) करने की योजना है। इसमें लंबे समय पर पदोन्नति की राह पर खड़े डाक्टरों को राहत मिल सकती है। 

आधी सीटें आरक्षित 
 मेडिकल कालेज पटियाला और अमृतसर में मौजूदा समय के दौरान 150-150 सीटें हैं। इतने बड़े राज्य के लिहाज से ये सीटें काफी कम हैं। इनमें से आधी सीटें आरक्षित के तौर पर चली जाती हैं। 

लंबे समय से सीटें नहीं बढ़ने के कारण डॉक्टर बनने की चाह रखने वाले विद्यार्थियों को एमबीबीएस करने के लिए लाखों रुपए खर्च करके प्राइवेट कालेजों में दाखिला लेना पड़ता है या फिर बाहरी राज्यों में जाना पड़ता है।
दोनों मेडिकल कालेजों की ओर से एमबीबीएस की 100-100 सीटों की बढ़ोतरी को लेकर प्रपोजल भेजा गया है।

432 पोस्टों पर मात्र 250 डॉक्टर मेडिकल शिक्षा व खोज विभाग की ओर से एमबीबीएस सीटों में बढ़ोतरी करने को लेकर मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया को प्रपोजल भेजा गया था, लेकिन विभाग के सामने मुख्य समस्या स्टाफ को लेकर है। दोनों मेडिकल कालेजों में स्टाफ की स्थिति बहुत ही दयनीय है। 

यहां कुल प्रोफेसर, एसोसिएट व अस्सिटेंट प्रोफेसर, लेक्चरारों के मंजूरशुदा पद 432 हैं, लेकिन इनकी जगह में 250 डॉक्टर ही काम कर रहे हैं। मेडिकल कालेजों में 19 फीसदी प्रोफेसर, 83 फीसदी एडिशनल प्रोफेसर, 33 फीसदी एसोसिएट, 55 फीसदी असिस्टेंट तथा 45 फीसदी लेक्चरर के पद खाली पड़े हुए हैं। 

अगले सत्र से बढ़ोतरी की उम्मीद 
एमबीबीएस सीटों में बढ़ोतरी को लेकर एमसीआई की ओर से प्रपोजल बनाकर भेज दिया है। मेडिकल कॉलेज की ओर से यह प्रस्ताव भेजा गया है। उम्मीद है कि अगले सेशन में सीटों में बढ़ोतरी हो जाएगी। मेडिकल कालेजों में स्टाफ की कमी है, आने वाले दिनों में स्टाफ की कमी भी दूर कर ली जाएगी। -डा. केडी सिंह, प्रिंसिपल मेडिकल कॉलेज, पटियाला(सोबन गुसाईं,दैनिक भास्कर,पटियाला,9.6.12)


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डीयू से बीबीएः 1 सीट के लिए 6 कैंडिडेट्स को कॉल

डीयू के प्रफेशनल कोर्सेज बैचलर ऑफ बिजनेस स्टडीज (बीबीएस), बैचलर ऑफ फाइनैंशल एंड इन्वेस्टमेंट एनालिसिस (बीएफआईए) और बीए ऑनर्स इन बिजनेस इकनॉमिक्स (बीबीई) में एडमिशन के लिए 3 जून को जॉइंट एंट्रेंस टेस्ट कंडक्ट किया गया था। बीबीएस व बीएफआईए कोर्स का रिजल्ट संडे सुबह तक जारी कर दिया जाएगा और बीबीई का रिजल्ट 20 जून के बाद आएगा। 

जानकारी के मुताबिक बीबीएस का रिजल्ट तैयार कर लिया गया है और 1 सीट के लिए 6 कैंडिडेट को इंटरव्यू व ग्रुप डिस्कशन के लिए बुलाया जा रहा है। बीबीएस कोर्स में कुल 275 सीटें हैं और इन सीटों के लिए 1647 कैंडिडेट को इंटरव्यू कॉल भेजी जा रही है। वहीं बीएफआईए कोर्स में 62 सीटें हैं और इस कोर्स में एक सीट के लिए 6 से ज्यादा कैंडिडेट को इंटरव्यू कॉल भेजी जा सकती है। 13 जून से इंटरव्यू का प्रोसेस शुरू होगा, जो 22 जून तक चलेगा। 27 जून को फाइनल मेरिट लिस्ट आएगी। 

एंट्रेंस, 12वीं के मार्क्स, इंटरव्यू पर सिलेक्शन 
बीबीएस व बीएफआईए कोर्स में एंट्रेंस टेस्ट, 12वीं के मार्क्स, इंटरव्यू व ग्रुप डिस्कशन के बेस पर फाइनल लिस्ट बनती है। 50 पर्सेंट वेटेज टेस्ट की, 30 पर्सेंट 

12वीं के मार्क्स की और 10-10 पर्सेंट वेटेज ग्रुप डिस्कशन और इंटरव्यू की होती है। बीबीएस कोर्स शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज, केशव महाविद्यालय और दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज में है। बीबीएस कोर्स की कुल 275 सीटें हैं। 

शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज में 185 सीटें हैं, जबकि डीडीयू व केशव कॉलेज में 45-45 सीटें हैं। इन दोनों कोसेर्ज में इंटरव्यू व ग्रुप डिस्कशन की काफी अहमियत होती है। स्टूडेंट्स की कम्यूनिकेशन स्किल्स को परखा जाता है। 

बीबीएस कोर्स में जनरल कैटिगरी की कुल 139 सीटें हैं और 847 स्टूडेंट्स को इंटरव्यू व ग्रुप डिस्कशन फेस करना होगा। वैसे तो 139 सीटों का छह गुना 834 होता है लेकिन 834 पोजिशन पर कुछ ऐसे स्टूडेंट्स हैं, जिनके एक जैसे मार्क्स हैं और उन सभी स्टूडेंट्स का नाम इंटरव्यू लिस्ट में शामिल किया गया है। वहीं एससी कैटिगरी में 42 सीटें हैं और 258 स्टूडेंट्स के नाम इंटरव्यू व ग्रुप डिस्कशन की लिस्ट में शामिल है। ओबीसी कैटिगरी में बीबीएस कोर्स की 74 सीटें हैं और 445 स्टूडेंट्स को इंटरव्यू देने का मौका मिलेगा। 

टेस्ट और 12 वीं के मार्क्स की वेटेज 50-50 पर्सेंट 
बीबीई कोर्स में इंटरव्यू व ग्रुप डिस्कशन नहीं होता। टेस्ट और 12वीं के मार्क्स की वेटेज 50-50 पर्सेंट होती है। इस कोर्स में 554 सीटें हैं। यह कोर्स दस कॉलेजों में है, जिनमें भीमराव आंबेडकर कॉलेज, कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज, गार्गी कॉलेज, लक्ष्मीबाई कॉलेज, महाराजा अग्रसेन कॉलेज, रामलाल आनंद कॉलेज, ईवनिंग शिवाजी कॉलेज, श्री गुरु गोबिंद सिंह कॉलेज ऑफ कॉमर्स, श्री गुरु नानक देव खालसा कॉलेज और श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज शामिल हैं। 

जॉइंट एंट्रेंस टेस्ट कमिटी के को-ऑडिर्नेटर डॉ. विभु प्रसाद साहू ने बताया कि बीबीई कोर्स में अप्लाई करने वाले स्टूडेंट्स को 12 जून तक अपने 12वीं के मार्क्स फिल करने का मौका दिया जा रहा है। दरअसल जॉइंट एंट्रेंस टेस्ट के लिए अप्लाई करने की लास्ट डेट 5 मई थी और सीबीएसई की 12वीं क्लास का रिजल्ट 28 मई को आया था। ऐसे में स्टूडेंट्स को रिजल्ट आने के बाद अपने मार्क्स की डिटेल फिल करनी है। उसके बाद मार्क्स की वेरिफिकेशन होगी और फाइनल लिस्ट तैयार की जाएगी। स्टूडेंट्स ने जो ऑनलाइन फॉर्म भरा था, उसी में 12वीं के मार्क्स फिल करने हैं। 

पिछले साल एडमिशन का क्या सीन था
पिछले साल जनरल कैटिगरी में नंबर वन पॉजिशन हासिल करने वाले कैंडिडेट का स्कोर 77.57 था, जबकि ओबीसी कैटिगरी में टॉप करने वाले स्टूडेंट ने 71.46 स्कोर किया था। कुल मिलाकर 100 मार्क्स होते हैं और मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है(भूपेंद्र,नभाटा,दिल्ली,9.6.12)।

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यूपीःइंटर में भी होगी दाखिले की मार

यूपी बोर्ड ने इस बार हाईस्कूल में 83.75 फीसद छात्रों को पास कर अपनी पीठ जरूर थपथपाई है लेकिन आगे पढ़ाई के लिए इन्हें कहां प्रवेश मिलेगा, यह यक्ष प्रश्न उठ खड़ा हुआ है। राज्य में इंटर स्तर के स्कूलों की संख्या लगभग दस हजार है जिनमें इतने छात्रों को खपा पाना मुश्किल है। इस बार हाईस्कूल से इंटर में प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्या में इजाफा इसलिए भी होगा क्योंकि राज्य सरकार ने दसवीं पास छात्रों को टैबलेट देने की घोषणा कर रखी है। टैबलेट उन्हीं को मिलेगा जो कहीं न कहीं पंजीकृत होंगे। इंटर में ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों में छात्रों की संख्या हमेशा क्षमता से अधिक रही है। शहरी क्षेत्रों के शासकीय और कुछ पुराने अशासकीय विद्यालयों में छात्रों की कमी जरूर देखी गई है लेकिन टैबलेट के लालच में छात्र बढ़ सकते हैं। इस बीच सरकार ने राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत चार सौ दस नए विद्यालय खोलने का फैसला भी कर रखा है। लेकिन विद्यालयों की यह संख्या हाईस्कूल परीक्षा पास करनेवाले 29 लाख 80 हजार छात्रों को देखते हुए ऊंट के मुंह में जीरा जैसी साबित होगी(दैनिक जागरण,लखनऊ,9.6.12)।

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आईआईएम,इंदौर के डायरेक्टर पर गंभीर आरोप

आईआईएम इंदौर के सात प्रोफेसरों द्वारा अभद्र व्यवहार के मामले में डायरेक्टर को कोर्ट में लाने के बाद एक नया विवाद हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ पहुंच गया है। विदेशी ट्रेनिंग प्रोग्राम में भेजने में हो रहे वरिष्ठता क्रम के उल्लंघन को लेकर एक सीनियर प्रोफेसर ने कोर्ट से न्याय की गुहार लगाई है। कोर्ट ने दो सप्ताह में डायरेक्टर को जवाब पेश करने का आदेश दिया है। आईआईएम में कार्यरत सीनियर प्रोफेसर डॉ. डी. एल. सुंदर ने डायरेक्टर एन. रविचंद्रन के खिलाफ 18 मई को परिवाद दायर किया कि श्री रविचंद्रन वरिष्ठता क्रम का उल्लंघन कर उन्हें हॉवर्ड यूनिवर्सिटी के ट्रेनिंग प्रोग्राम में न भेजकर अपने चहेते प्रोफेसरों को भेज रहे हैं, जो संस्थान के नियमों के खिलाफ है। जस्टिस एन.के. मोदी की कोर्ट ने डायरेक्टर को आदेश दिया था कि प्रोफेसर की शिकायत सुनें और दो सप्ताह में निराकरण कर जवाब पेश करें। उक्त आदेश को लेकर गुरुवार को श्री रविचंद्रन की ओर से रिव्यू पिटीशन पेश की गई। पिटीशन में डायरेक्टर की ओर से कहा गया कि जवाब पेश करने के लिए उन्हें और वक्त दिया जाए। जस्टिस मोदी की कोर्ट ने रिव्यू पिटीशन को लेकर यह कहते हुए हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया कि यह इमरजेंसी मामला नहीं है। इसलिए कोर्ट इस पर छुट्टियों के बाद (17 जून) सुनवाई करेगी। रिव्यू पिटीशन पर कोर्ट ने विचार नहीं किया है, इसलिए हाई कोर्ट का पुराना आदेश ही लागू रहेगा। इसके तहत दो सप्ताह के अंदर जवाब पेश नहीं करने पर कोर्ट की अवमानना का केस डायरेक्टर के खिलाफ बन सकता है। डॉ बी.एल. सुंदर की ओर से पैरवी एडवोकेट राहुल सेठी के की, जबकि श्री रविचंद्रन की ओर से रिव्यू पिटीशन एडवोकेट ए.के. चितले ने पेश की। गौरतलब है कि एक अन्य मामले में डायरेक्टर पर सात प्रोफेसरों ने गाली-गलौज और अभद्र व्यवहार करने की याचिका दायर की है। उस पर कोर्ट ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को जांच के आदेश दिए हैं(दैनिक भास्कर,इंदौर,8.6.12)।

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एचपी यूनिवर्सिटी में रिजल्ट लीक पर हंगामा

एचपी यूनिवर्सिटी की ओर से ली गई केमिस्ट्री विषय की प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट लीक हो गया है। रिजल्ट लीक होने के बाद एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को यूनिवर्सिटी में जमकर हंगामा किया। विभाग और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्यकर्ताओं ने पहले डीएस ऑफिस में तोडफ़ोड़ कर डाली। फिर वीसी ऑफिस के गेट को भी नुकसान पहुंचाया। एबीवीपी का आरोप है कि विभाग के कर्मचारियों ने विभागाध्यक्ष और डीएस की अनुमति के बिना ही कुछ छात्रों को रिजल्ट दे दिया। बाद में इस रिजल्ट को वेबसाइट पर भी डाल दिया गया। 

सुबह करीब साढ़े 11 बजे एबीवीपी कार्यकर्ता केमिस्ट्री विभागाध्यक्ष के कार्यालय में घुस गए। कार्यकर्ताओं ने यहां अध्यक्ष प्रो. डीके शर्मा से इस बारे में जवाब मांगा। अध्यक्ष से जवाब मिलने पर सभी कार्यकर्ता डीएस कार्यालय में घुस गए और नारेबाजी करने लगे। यहां डीन ऑफ स्टडीज प्रो. एचएस बन्याल को न पाकर पहले तो छात्रों ने करीब एक घंटे तक इंतजार किया। लेकिन इसके बाद भी जब डीएस कार्यालय नहीं पहुंचे तो गुस्साए कार्यकर्ताओं ने तोडफ़ोड़ शुरू कर दी। कुल 11 कुर्सियों को नुकसान पहुंचाया गया। 

गठित की जांच कमेटी 
कुलपति ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया है। इसमें परीक्षा नियंत्रक डॉ. नरेंद्र अवस्थी, प्रो. जेवी नड्डा और प्रो. एसके शर्मा को एक हफ्ते के भीतर मामले की जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। कुलपति प्रो. एडीएन वाजपेयी का कहना है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह भी पता किया जाएगा कि वेबसाइट तक रिजल्ट पहुंचा कैसे। 

डीएस इस्तीफा दें: एनएसयूआई 
एनएसयूआई प्रदेश कार्यकारिणी के वरिष्ठ कार्यकर्ता संदीप वालिया ने इस मामले में डीएस के इस्तीफे की मांग की है। साथ ही कुलपति से इस पूरे मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

तोडफ़ोड़ की जांच हो 
एसएफआई कैंपस सचिव खुशी वर्मा ने डीएस और वीसी ऑफिस हुई तोडफ़ोड़ और इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उधर, प्रशासन ने भी दोषी कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई के संकेत दे दिए हैं। 

सुरक्षाकर्मियों से भिड़े छात्र 
बाद में सभी छात्र कुलपति कार्यालय के गेट पर जमा हो गए और भीतर घुसने का प्रयास करने लगे। यहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने जब इन्हें रोकने का प्रयास किया तो छात्रों ने बहसबाजी शुरू कर दी। गेट को नुकसान पहुंचाते हुए सभी कार्यकर्ता जबरदस्ती वीसी ऑफिस में घुस गए। यहां पर परिषद अध्यक्ष मनदीप चंदेल ने कुलपति को इस मामले से अवगत करवाया और मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। 
जांच के दौरान यदि रिजल्ट लीक की बात स्पष्ट हो जाती है तो यह परीक्षा रद्द भी की जा सकती है। कुलपति के अनुसार जांच रिपोर्ट के बाद परीक्षा को कैंसिल करने का फैसला लिया जा सकता है। तय कार्यक्रम के अनुसार इसका रिजल्ट 11 जून को घोषित होना था। 

विभागाध्यक्ष को पता नहीं 
केमिस्ट्री विभाग के अध्यक्ष प्रो. डीके शर्मा ने बताया कि किसने रिजल्ट छात्रों को दिया और वेबसाइट पर डाला, इसका जांच के बाद पता चल जाएगा। मुझे पता नहीं था कि रिजल्ट वेबसाइट पर डाल दिया गया है(दैनिक भास्कर,शिमला,9.6.12)।

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यूपीःमेधावियों ने दसवीं में रच दिया इतिहास

माध्यमिक शिक्षा परिषद के दसवीं के परीक्षार्थियों ने इस बार इतिहास रच दिया। दो साल से 70 फीसद पर रुका रिजल्ट इस बार 83.75 फीसद तक गया है। बाराबंकी की पूजा यादव व आकांक्षा सिंह ने 96.50 प्रतिशत अंक हासिल कर प्रथम स्थान पाया है, इसी जिले के अन्ना यादव भी इतने ही अंक हासिल कर प्रथम स्थान पर रहे। पूजा यादव बाराबंकी के उसी कॉलेज की छात्रा है, जहां की दो अन्य छात्राओं ने इंटर में यूपी टॉप किया था। हाईस्कूल परीक्षा में छात्रों का उत्तीर्ण प्रतिशत 79.61 व छात्राओं का 88.95 रहा। माध्यमिक शिक्षा परिषद के सभापति बासुदेव यादव ने शुक्रवार को बताया कि पूजा यादव, आकांक्षा सिंह व अन्ना यादव ने संयुक्त रूप से 579/600अंक हासिल किए हैं। पूजा, महारानी लक्ष्मीबाई मेमोरियल इंटर कॉलेज, बाराबंकी की छात्रा हैं। इसी कॉलेज की अभिलाषा यज्ञ सैनी व अपूर्वा वर्मा ने पांच जून को घोषित इंटरमीडिएट परीक्षा में 96.20 फीसद अंक हासिल कर संयुक्त रूप से टॉप किया था। आकांक्षा सिंह सरस्वती विद्यामंदिर इंटर कॉलेज बाराबंकी की छात्रा हैं। बालकों में टॉपर अन्ना यादव बीआरजीपी हायर सेकेंड्री स्कूल, बरैया मूरतगंज बाराबंकी के छात्र हैं। संस्थागत परीक्षार्थियों का रिजल्ट 84.36 और व्यक्तिगत का उत्तीर्ण प्रतिशत 83.75 फीसद रहा। हाईस्कूल परीक्षा में कुल 37 लाख 41 हजार 380 परीक्षार्थी पंजीकृत हुए, जिसमें से 35 लाख 59 हजार 196 विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए थे(दैनिक जागरण,इलाहाबाद,9.6.12)। 

पापा से दोगुना. बोर्ड की माया है! 
समय आगे बढ़ चुका है और पैदा हो गए हैं, नए समीकरण..। बेटे से कुछ ज्यादा की इच्छा रखने वाले पापा यूपी बोर्ड के दसवीं इम्तहान में फ‌र्स्ट डिवीजन भी नहीं ला पाए थे, जबकि उनके सुपुत्र दोगुने अंकों से आगे निकलते हुए सुनहरे भविष्य की ओर कदम बढ़ा चुके हैं। यह सब कुछ उनकी मेधा के साथ ही यूपी बोर्ड के बदले स्वरूप के कारण हुआ है। निश्चित रूप से तब आज की तरह समय नहीं था, पर..। यही नहीं सूचना क्रांति के इस दौर में तुरंत मार्कशीट का प्रिंट आउट पा जाने वाले बेटे-बेटियों के पापा को तो अपना रिजल्ट ही कुछ दिनों बाद जान सके थे! चौंकिए नहीं, हकीकत है ये..। नब्बे फीसद अंक लाने वाले वरुण शुक्ला के पिता रमेश चंद्र शुक्ला के हाई स्कूल में पचास फीसद अंक थे। उन्होंने 1985 में दसवीं की परीक्षा पास की थी। उस दौर को याद करते हुए वह कहते हैं-तब का जमाना और था। माता-पिता भी रिजल्ट को लेकर इतने जिज्ञासु नहीं थे। बस उन्हें इतना पता चल जाता कि पास हो गए हैं, तो सब ठीक है। शुक्ल जी बताते हैं, मैं तो पहले ही प्रयास में पास हो गया था, पर मेरे भाई लोग तो दो-तीन प्रयासों के बाद हाईस्कूल की बाधा लांघ पाए थे। 91.9 फीसद अंक पाने वाली आकांक्षा के पिता कुलदीप मौर्या ने भी 1982 में हाईस्कूल में 54 फीसद अंक पाए थे। बताते हैं-तीसरे दिन जान पाया था कि पास हुआ या नहीं। पेपर से ही रिजल्ट पता होता था। ऐसा ही कुछ श्रद्धा सिंह यादव के पिता संजय सिंह यादव और श्रायति श्रीवास्तव के पिता शांभवी प्रकाश श्रीवास्तव भी बताते हैं। मानस्वी के पिता राजेश सिंह को तो एक सप्ताह बाद अपना परिणाम जानने को मिला था। असल में ये पिता उस समय के हैं, जब यूपी बोर्ड में मिठाइयों की तरह नंबर नहीं बंटते थे। बहुत ही कम लोग पास होते थे और गिने-चुने लोग फ‌र्स्ट डिवीजन निकलते थे। इस बारे में भी रमेश चंद्र शुक्ल बताते हैं-वह दौर आज से बिल्कुल अलग था। कहीं कोई सपोर्ट नहीं होता था। जो भी मिल गया, बस ठीक था। अब तो सारी मारकाट ही प्रतिशत को लेकर है(रोहित मिश्र,दैनिक जागरण,लखनऊ,9.6.12)। 

छोटे जिलों ने किया बड़ा कमाल 
गंगा किनारे बसे वाराणसी को हाईस्कूल के परीक्षार्थियों ने प्रदेश में पहला स्थान दिला दिया। यहां 92.13 फीसद परीक्षार्थियों ने सफलता हासिल की। बीते साल यह सूबे में 25वें पायदान पर था। पिछले साल वाराणसी का परीक्षाफल 73.75 प्रतिशत रहा। वर्ष 2012 की परीक्षा में वाराणसी जिले में कुल 73 हजार 567 परीक्षार्थी पंजीकृत हुए थे, जिसमें 68 हजार 368 छात्र-छात्राएं शामिल हुई और 62 हजार 987 परीक्षार्थी सफल घोषित हुए। यही नहीं हाईस्कूल परीक्षा में छोटे जिलों ने बड़ा कमाल दिखाया। यदि वाराणसी और गाजियाबाद को छोड़ दें तो दूसरे से लेकर 10वें पायदान तक आर्थिक और शैक्षणिक दृष्टिकोण से पिछड़े जिलों के परीक्षार्थियों ने परचम लहराया। जिलों की टॉप टेन सूची में महराजगंज, बागपत, फैजाबाद, सिद्धार्थनगर शामिल हैं। क्षेत्रीय कार्यालयों में बरेली आगे : यूपी बोर्ड के चार क्षेत्रीय कार्यालयों में बरेली का झंडा बुलंद रहा। इसके अंतर्गत आने वाले जिलों के विद्यालयों का रिजल्ट 84.52 फीसद रहा। इसमें 80.52 प्रतिशत बालक और 90.06 फीसद बालिकाएं सफल रहीं। बीते साल बरेली क्षेत्रीय कार्यालय के जिले चौथे स्थान पर थे। दूसरे स्थान पर मेरठ क्षेत्र है। यहां के 84.34 फीसद परीक्षार्थी उत्तीर्ण हैं। इनमें बालिकाओं का प्रतिशत 91.16 और बालकों का 79.98 रहा। इस सूची में वाराणसी तीसरे पायदान पर है। यहां का रिजल्ट 84.22 फीसद है। इलाहाबाद 82.38 फीसद के साथ अंतिम स्थान पर है। बीते साल मेरठ पहले, वाराणसी दूसरे, इलाहाबाद तीसरे स्थान पर था(दैनिक जागरण,इलाहाबाद,9.6.12)।

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