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11 दिसंबर 2010

थलसेना में 11,456 अधिकारियों की कमी

थलसेना में 11,456 अधिकारियों की कमी का उल्लेख करते हुए संसद की एक स्थाई समिति ने कहा कि मंत्रालय भूतपूर्व सैनिकों में से ‘अधिकारी पूल’ बनाने पर विचार करे।

संसद के दोनों सदनों में रक्षा मंत्रालय से जुड़े स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि थल सेना और नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारियों के प्रशिक्षण कार्य के लिए अनिच्छुक होने के कारणों का पता लगाया जाये।

समिति ने रक्षा मंत्रालय के उस कदम की सराहना की है जिसमें रक्षा सेवाओं में अधिकारियों की कमी को पूरा करने के लिए सेना की बेहतर छवि बनाने, प्रचार अभियान करना, विद्यालयों, महाविद्यालयों, एनसीसी शिविरों परिचर्चा आयोजित करने, मीडिया में विज्ञापन देने जैसे उपाये किए जाने का उल्लेख किया गया है।


समिति महसूस करती है कि इस दिशा में और प्रभावी कदम उठाए जाने की जरूरत है। समिति ने कहा कि पर्यवेक्षण कर्मियों की कमी की मूल समस्या के बारे में अपेक्षित ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

समिति ने अपनी सिफारिशों में कहा कि मंत्रालय भूतपूर्व सैनिकों में से ‘अधिकारी पूल’ बनाने पर विचार करें और जिससे तीनों सेनाओं के सेवानिवृत अधिकारियों को उस पूल में शामिल किया जा सके। इसके अलावा वायु सेना और तटरक्षक संगठन के सेवानिवृत्त अधिकारियों के पुनर्नियोजन के लिए प्रावधान नहीं किए जाने के कारणों का पता लगाया जाये(दैनिक ट्रिब्यून,दिल्ली,11.12.2010)।

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