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24 जनवरी 2011

उत्तराखंडःबेरोजगारों के भविष्य से खिलवाड़

सूबे में बेरोजगार युवाओं के साथ सरकार व शासन खिलवाड़ कर रहे हैं। इसी का नमूना है कि ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के पद पर नौकरी पाने वाले लगभग एक लाख युवाओं का सपना फाइलों में ही दफन है। जुलाई 2008 में फार्म जमा करने के बाद आज तक अभ्यर्थी परीक्षा का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन ढाई साल बाद भी उनको परीक्षा का बुलावा नहीं आया। विभाग से जानकारी मांगने पर परीक्षा की कार्रवाई गतिमान है का जवाब मिल रहा है। विभाग ने वर्ष 2008 में सूबे में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के 1923 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए। आवेदन की अंतिम तिथि 21 जुलाई 2008 थी। रिक्त पदों के लिए एक लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया। इसके लिए सौ रुपये का बैंक ड्राफ्ट और 25 रुपये का स्टांप लगाया था। पूरे ढाई साल बीतने के बाद भी परीक्षा संपन्न होने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं। आवेदन कर चुके अभ्यर्थी जब इंतजार कर थक गए तो उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत मार्च 2010 को इस संबंध में जानकारी मांगी। जिला पंचायत राज अधिकारी व निदेशालय पंचायती राज ने एक ही जवाब दिया कि कार्रवाई शासन में गतिमान है। अब मार्च 2011 आने वाला है और कार्रवाई अभी तक चल रही है। आवेदन करने वाले संतोष नैनवाल व दिनेश चंद्र का कहना है कि ढाई साल से वह परीक्षा का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन परीक्षा अभी तक नहीं हुई है(दैनिक जागरण,देहरादून,24.1.11)।

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