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25 जनवरी 2011

दाखिला फॉर्म में इस बार छिपे निशान बनाएगा आइपी विवि

आईपी विश्वविद्यालय ने वर्ष 2011 की दाखिला प्रक्रिया में नकली फार्म के फर्जीवाड़े से बचने के लिए इस बार अपने फार्म में कुछ छिपे हुए निशान बनाए हैं। इसके आधार पर जमा हुए फार्म का पता लगाया जा सकेगा कि वह असली है या नकली। आईपी विवि कुलपति प्रो. डी.के.बंधोपाध्याय ने इस बाबत बताया कि फार्म पर किसी प्रकार के मोनोग्राम का उपयोग नहीं किया जा रहा है। क्योंकि मोनोग्राम या लोगो की नकल आसानी से हो जाती है। इस बारे के दाखिले फार्म पर 500 व 1000 रुपये के नोट की तरह कई छिपे हुए निशान (हिडन आईकन) लगाए गए हैं। इनका खुलासा दाखिला प्रक्रिया के दौरान ही होगा। उन्होंने बताया कि दाखिला प्रक्रिया फरवरी माह के मध्य में शुरू होगी। विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी नलिन रंजन कहते हैं कि दाखिला फार्म में हिडन आईकन लगाने का प्रयोग आईपी विवि द्वारा किया जा रहा है। ऐसा करने वाला यह पहला विवि होगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2010 में विवि में जमा हुए काफी फार्म नकली थे। दिल्ली पुलिस ने नकली फार्म बेचने और छापने वालों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया था। विवि द्वारा किताब घरों को भी दाखिला फार्म बिक्री के लिए दिए जाते हैं। ऐसे में अधिक मुनाफा कमाने के लिए लक्ष्मी नगर, जामिया और गांधी नगर के कुछ बुक डिपो पर फर्जी दाखिला फार्म जब्त किए गए थे। विवि में फार्म जमा होने के दौरान जब कई फार्म नकली पाए गए तो विद्यार्थियों को दोबारा फार्म खरीदने पड़े। इस बार फार्म का प्रारूप भी बदला गया है। इसमें विद्यार्थी के हस्ताक्षर के साथ अंगूठे की भी छाप ली जाएगी(दैनिक जागरण,दिल्ली,25.1.11)।

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