दामन पर उछाले गए भ्रष्टाचार के छींटों ने लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षकों को झकझोर दिया है। इस तोहमत से उबरने के लिए शिक्षकों ने अब अपना रास्ता खुद चुना है। निर्णय लिया गया है कि विश्वविद्यालय के पांच सबसे भ्रष्ट शिक्षकों को छांटा जाएगा ताकि सभी की बदनामी न हो। इन भ्रष्ट शिक्षकों पर कार्रवाई के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (लूटा) अपनी संस्तुति करेगा। लूटा की आमसभा में सोमवार को इस बारे में निर्णय होगा।
विश्वविद्यालय के शिक्षकों पर समय-समय पर भ्रष्ट और बेईमान होने के आरोप लगते रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक कुलपति प्रो.मनोज कुमार मिश्र ने भी अब कई आरोप शिक्षकों पर लगाए हैं। अर्थशास्त्र विभाग के शिक्षक डॉ.विनोद सिंह ने बताया कि कुलपति ने शिक्षकों की आलोचना की तो जाहिर है अंगुलियां सभी शिक्षकों की ओर उठी हैं। इस लांछन को तभी खत्म किया जा सकता है जब भ्रष्ट शिक्षकों को अलग-थलग करके उन पर कार्रवाई कराई जाए। उन्होंने बताया कि सोमवार को लूटा की आमसभा में यह मुद्दा प्रमुख रूप से उठाया जाएगा। यह तो तय हो चुका है कि पांच शिक्षकों को छांटा जाएगा बस यह तय होना बाकी है कि इसकी प्रक्रिया क्या होगी? सोमवार को आमसभा में यदि तुरंत सहमति बनाकर कोई रास्ता निकाल लिया जाता है और पांच नाम तय कर दिए जाते हैं तुरंत अग्रिम कार्यवाही शुरू की जाएगी। वहीं यदि आमसभा में निर्णय नहीं हो पाता है तो शिक्षकों के नामांकन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसमें सभी शिक्षकों को अधिकार दिया जाएगा पांच भ्रष्ट शिक्षक छांटने का। इस प्रक्रिया से सामने आने वाले नामों में उन शिक्षकों को छांटा जाएगा जिनको सर्वाधिक लोग कठघरे में खड़ा करेंगे। इस प्रक्रिया में कुछ दिन का समय लगेगा। उन्होंने बताया कि शिक्षकों की छंटनी के बाद उन पर कार्रवाई के लिए लूटा संस्तुति करेगा। हालांकि नामांकन प्रक्रिया में इस बात को तय करना मुश्किल होगा कि कहीं दुर्भावनावश किसी शिक्षक को नामांकित न कर दिया जाए(पारितोष मिश्र,दैनिक जागरण,लखनऊ,24.1.11)।
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