गढ़वाल विवि प्राइवेट परीक्षाओं को फेजवाइज समाप्त करेगा। प्राइवेट परीक्षार्थियों को ओपन विवि में ट्रांसफर किया जाएगा। इनके लिए गढ़वाल विवि में भी डिस्टेंस एजुकेशन के विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है।गढ़वाल विवि के कुल छात्र-छात्रओं में हर चौथा पंजीकरण प्राइवेट है। यूजीसी और डिस्टेंस एजुकेशन कौंसिल दो साल पहले प्राइवेट परीक्षाओं को बंद करने का आदेश दे चुकी हैं, लेकिन गढ़वाल विवि में बीए, एमए, बीकॉम, एमकॉम की प्राइवेट परीक्षाओं का सिलसिला जारी है। केंद्रीय विवि बनने के बाद यह संभावना जताई जा रही थी कि इन परीक्षाओं को बंद कर दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
अब, विवि इन परीक्षाओं के लिए कई विकल्पों पर विचार कर रहा है। सबसे पहली बात तो यह है कि इन परीक्षाओं को फेजवाइज बंद किया जाएगा। यानी जो छात्र इस वक्त प्राइवेट तौर पर पंजीकृत हैं, वे अपनी उपाधि इसी विवि से पूरी करेंगे। जिन विषयों में गिने-चुने छात्र हैं, उनमें नए पंजीकरण बंद किए जाएंगे। इसके बाद पीजी और यूजी, दोनों स्तरों पर प्राइवेट में विषयों की संख्या घटाई जाएगी।
इसी अवधि में विवि में डीयू की दर्ज पर सांयकालीन या डिस्टेंस मोड का इंतजाम किया जाएगा। प्राइवेट के छात्र-छात्रओं को सांयकालीन या डिस्टेंस में शिफ्ट कर दिया जाएगा। कुलपति प्रो. एसके सिंह का कहना है कि प्राइवेट परीक्षाएं कई कारणों से महत्त्वपूर्ण मामला है। प्राइवेट परीक्षाओं को एक झटके में बंद नहीं किया जा सकता, क्योंकि इन परीक्षाओं में ज्यादातर कमजोर वर्ग के छात्र-छात्रएं, नौकरीपेशा लोग और महिलाएं शामिल हैं। इनके मामले में सरकार से भी आग्रह किया है कि इन्हें डिस्टेंस मोड में ट्रांसफर किया जाए। इस जिम्मेदारी को संभालने के लिए प्रदेश में ओपन विवि बन चुका है।
(हिंदुस्तान,उत्तराखंड संस्करण,17.5.2010)
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