कभी कैंपस के कॉलेज में ऐडमिशन चाहने वाले स्टूडेंट्स की पहली चॉइस नॉर्थ कैंपस के कॉलेज ही होते थे। इसकी वजह थी नॉर्थ कैंपस के कॉलेजों का बड़ा रुतबा। लेकिन पिछले कुछ सालों में यहां बड़ा बदलाव देखने को मिला है। अब साउथ कैंपस के कॉलेजों में ऐडमिशन पाना भी अपने आप में खास हो गया है। दरअसल अब साउथ कैंपस में कई कोर्सेज की कट ऑफ नॉर्थ कॉलेज के कॉलेजों से भी ज्यादा हो रही है। इसकी एक वजह है सुविधाओं के मामलों में भी साउथ कैंपस का आगे निकलना। इसीलिए बहुत से अच्छे स्टूडेंट्स नॉर्थ कैंपस में ऐडमिशन मिलते हुए भी साउथ कैंपस के कॉलेजों का रुख कर रहे हैं। पिछले साल साउथ कैंपस के लेडी श्रीराम कॉलेज में बीकॉम ऑनर्स और इकनॉमिक्स ऑनर्स कोर्स की लास्ट कट ऑफ 94.50 रही थी, जो नॉर्थ कैंपस के कई कॉलेजों से ज्यादा है। श्री वेंकटेश्वर कॉलेज में भी बीकॉम ऑनर्स में 93.5 पर्सेंट से कम लाने वाले स्टूडेंट्स को जनरल कैटिगरी में ऐडमिशन नहीं मिला था। साउथ के गार्गी कॉलेज, कमला नेहरू कॉलेज में भी एक-एक सीट के लिए टफ फाइट होती है। यह दिखाता है कि साउथ कैंपस के कॉलेज अब नॉर्थ कैंपस से किसी मायने में पीछे नहीं है। हॉस्टल के मामले में नॉर्थ कैंपस के कॉलेज आगे हैं। डीयू के जिन 11 कॉलेजों में हॉस्टल हैं, उनमें से 9 कॉलेज नॉर्थ कैंपस में हैं। साउथ कैंपस में लेडी श्रीराम और श्री वेंकटेश्वर कॉलेज में ही स्टूडेंट्स को हॉस्टल की सुविधा मिलती है। साउथ कैंपस के कॉलेजों के लिए भी इस बार रेकॉर्ड ऐप्लीकेशन आ रही हैं। नॉर्थ कैंपस के साथ-साथ साउथ कैंपस के कॉलेजों की डिमांड में भी कोई कमी नहीं है। कट ऑफ के लिहाज से देखें या फिर सुविधाओं के मामले में, साउथ कैंपस के कॉलेज भी काफी आगे हैं। लेडी श्रीराम कॉलेज की मीडिया को-ऑर्डिनेटर कनिका खंडेलवाल का कहना है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर, फैसिलिटी और ऐकडेमिक एक्सीलेंस के मामले में उनका कॉलेज अपनी अलग पहचान बना चुका है। कॉलेज में स्टूडेंट्स को सिर्फ क्लासरूम टीचिंग तक ही सीमित नहीं रखा जाता बल्कि यहां पर 22 स्टूडेंट्स सोसायटी बनाई हुई हैं। डांस, ड्रामा, एक्सट्रा करिकुलर ऐक्टिविटीज और अध्यात्म पर खास ध्यान दिया जाता है। उनका कहना है कि प्लेसमेंट के मामले में भी कॉलेज काफी आगे हैं। डिप्टी डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. गुरप्रीत सिंह टुटेजा का कहना है कि साउथ कैंपस के कई कॉलेजों की कट ऑफ तो नॉर्थ कैंपस से ज्यादा रहने लगी है और यह दिखाता है कि स्टूडेंट्स की सोच में बदलाव आया है। स्टूडेंट्स की सोच बदल रही है और काफी ऐसे स्टूडेंट्स होते हैं जो यहां के कॉलेजों में ही पढ़ना चाहते हैं। स्टूडेंट्स चाहते हैं कि उन्हें ज्यादा डिस्टेंस कवर न करना पड़े क्योंकि दिल्ली में ट्रैफिक की समस्या बढ़ रही है और ऐसे में टाइम सेव करना जरूरी हो गया है। खास बात यह है कि ऐसे स्टूडेंट्स की कमी नहीं होती जो नॉर्थ कैंपस में भी ऐडमिशन ले सकते हैं लेकिन वे साउथ कैंपस के कॉलेजों में पढ़ना पसंद कर रहे हैं। जहां तक नॉर्थ व साउथ कैंपस के बीच मुकाबले की बात है तो फाइट क्लोज ही रहती है। साउथ कैंपस के कॉलेजों में अप्लाई करने वालों की संख्या में हर साल इजाफा हो रहा है। कॉलेज में एक-एक सीट के लिए कड़ा मुकाबला होता है। स्टूडेंट्स अब कॉलेज के बदले कोर्स को अधिक महत्व देने लगे हैं। नॉर्थ के प्लस पॉइंट - नॉर्थ के कॉलेजों का नाम और रुतबा है बड़ा - हॉस्टल के मामले में नॉर्थ कैंपस के कॉलेज आगे हैं - डीयू के 11 कॉलेजों में हॉस्टल फैसिलिटी, 9 हैं नॉर्थ में - मेट्रो रेल का विश्वविद्यालय स्टेशन है नॉर्थ कैंपस में - सभी कॉलेजों की एक-दूसरे से अच्छी कनेक्टिविटी है साउथ केप्लस पॉइंट - कट ऑफ के मामले में नॉर्थ को कड़ी टक्कर दे रहे हैं - कई कोर्सों की कट ऑफ तो नॉर्थ के कॉलेजों से भी ज्यादा - नॉर्थ का चार्म पर अब साउथ के कॉलेजों में ही पढ़ना चाहते हैं - ट्रैफिक की प्रॉब्लम को देखते हुए टाइम सेव करना चाहते हैं - एलएसआर और वेंकटेश्वर कॉलेज में है हॉस्टल फैसिलिटी - इन्फ्रास्ट्रक्चर, फैसिलिटी और ऐकडेमिक एक्सीलेंस है अच्छा नॉर्थ कैंपस के कॉलेज दौलतराम कॉलेज हिंदू कॉलेज हंसराज कॉलेज किरोड़ीमल कॉलेज मिरांडा हाउस रामजस कॉलेज सेंट स्टीफंस कॉलेज श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स खालसा कॉलेज साउथ कैंपस के कॉलेज एआरएसडी कॉलेज दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट ऐंड कॉमर्स जीसस ऐंड मेरी कॉलेज मैत्रेयी कॉलेज मोती लाल नेहरू कॉलेज (मॉर्निंग व ईवनिंग) रामलाल आनंद कॉलेज (मॉर्निंग व ईवनिंग) श्री वेंकटेश्वर कॉलेज आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज देशबंधु कॉलेज ((मॉर्निंग व ईवनिंग) दयाल सिंह कॉलेज ((मॉर्निंग व ईवनिंग) गार्गी कॉलेज कमला नेहरू कॉलेज लेडी श्रीराम कॉलेज पीजीडीएवी कॉलेज (मॉर्निंग व ईवनिंग) श्री अरविंदो कॉलेज (मॉर्निंग व ईवनिंग) शहीद भगत सिंह कॉलेज ((मॉर्निंग व ईवनिंग) (Bhupendra,NBT,9.6.2010)
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