ऐसे बहुत से देश हैं, जो प्रतिभाशाली भारतीय छात्रों को अपने देश में शिक्षा प्रदान करने के लिए उन्हें स्कॉलरशिप प्रदान करते हैं। ये स्कॉलरशिप वे भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के माध्यम से प्रदान करते हैं। ऐसी ही कुछ स्कॉलरशिप के बारे में बता रही हैं नमिता सिंह। भारत में प्रतिभाशाली छात्रों की कमी नहीं। यही कारण है कि विदेश के अनेक विश्वविद्यालय और कॉलेज यह चाहते हैं कि भारतीय छात्र उनके यहां शिक्षा प्राप्त करें। इसके लिए वे छात्रों को स्कॉलरशिप भी प्रदान करते हैं। ये स्कॉलरशिप वे भारत की एचआरडी मिनिस्ट्री के माध्यम से छात्रों तक पहुंचाते हैं। इस प्रक्रिया में स्कॉलरशिप देने वाले देश से स्कॉलरशिप का प्रस्ताव प्राप्त हो जाने पर उन्हें संबंधित विभाग की वेबसाइट तथा कुछ प्रमुख समाचार पत्रों में विज्ञापित किया जाता है। इसमें स्कॉलरशिप की राशि, आयु-सीमा, शैक्षिक योग्यता, अनुभव आदि का ब्यौरा दिया जाता है। स्कॉलरशिप के लिए मंत्रालय कोई आवेदन पत्र जारी नहीं करता। स्कॉलरशिप योग्यता के आधार पर अखिल भारतीय आधार पर दी जाती है तथा इसमें विषय का चयन विशेषज्ञों की चयन समिति के माध्यम से किया जाता है। अधिकांश स्कॉलरशिप डॉक्टोरल तथा पोस्ट ग्रेजुएट अध्ययन के लिए होती हैं। भाषा अध्ययन को छोड़ कर अवर स्नातक स्तर पर अध्ययन के लिए कोई स्कॉलरशिप नहीं है। इसके अलावा विदेशों में रह रहे छात्रों के आवेदन पर कोई विचार नहीं किया जाता। छात्रों के ऊपर यह दबाव रहता है कि उन्हें भारत तथा उस देश के बारे में पर्याप्त ज्ञान होना चाहिए, जिसके लिए स्कॉलरशिप का आवेदन कर रहे हैं। भारत के लिए निम्न देश स्कॉलरशिप प्रदान कर रहे हैं- न्यूजीलैंड न्यूजीलैंड में अध्ययन पीएचडी स्तर पर होता है तथा इसके प्रमुख विषय क्षेत्र शिक्षा, प्राथमिक स्वास्थ्य, सतत ग्रामीण जीवन, वन, मत्स्य और बागवानी आदि हैं। इसके लिए छात्रों को चयनित विषय में 60 प्रतिशत अंकों के साथ मास्टर होना जरूरी है। इसमें इकोनॉमी क्लास के द्वारा न्यूजीलैंड आने-जाने का प्रबंध दाता देश द्वारा किया जाता है। स्कॉलरशिप प्रदाता देश की ओर से रहने-खाने, स्टडी मटेरियल, टय़ूशन फीस, पढ़ाई के लिए इंटरनल ट्रैवल, मेडिकल केयर के रूप में पैसे दिए जाते हैं। चीन चीन में अध्ययन का विषय क्षेत्र चीनी भाषा और साहित्य, फाइन आर्ट्स, बॉटनी, पर्यावरण विज्ञान, प्लांट ब्रीडिंग और जेनेटिक्स, राजनीति विज्ञान, सेरीकल्चर और एग्रोनॉमी है। इसमें स्कॉलरशिप की संख्या 25 है तथा एकेडमिक सेशन की शुरुआत सितंबर में होती है। इसकी अवधि 1-4 वर्ष है। इसके लिए छात्र को भारत का नागरिक होना जरूरी है तथा उसकी उम्र 40 वर्ष से कम हो। साथ ही चीनी भाषा में 2-3 वर्षीय सर्टिफिकेट/ डिप्लोमा/ फाइन आर्ट्स में स्नातक तथा पीजी लेवल पर 60 प्रतिशत अंकों सहित 2 वर्ष का कार्य अनुभव होना आवश्यक है। इसमें आने-जाने का खर्च भारत सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। कोरिया कोरिया में बायोटेक्नोलॉजी, पर्यावरण विज्ञान, मॉलिक्यूलर बायोलॉजी, कम्प्यूटर एप्लीकेशन, वास्तुकला, एग्रोनॉमी, सूचना प्रौद्योगिकी, कोरियन भाषा और साहित्य तथा अंतरराष्ट्रीय सहयोग आदि विषयों में अध्ययन का अवसर मिलता था। यह अध्ययन अवधि 3-5 वर्ष है तथा स्कॉलरशिप की संख्या 29 है। इस देश में एकेडमिक सेशन की शुरुआत अक्तूबर है। इसकी सूचना विभाग की वेबसाइट पर मई माह में ही दे दी जाती है। अंतरराष्ट्रीय शिक्षा विकास राष्ट्रीय संस्थान द्वारा दिए गए दिशा-निर्देश के तहत वे भारतीय छात्र, जिनकी आयु 40 वर्ष से कम हो, आवेदन के योग्य होते हैं। यह राशि रहने, टय़ूशन फीस, स्वास्थ्य बीमा आदि के लिए व दोनों ओर के खर्च के लिए कोरिया सरकार के जरिए प्रदान की जाती है। इजराइल अर्थशास्त्र, बिजनेस प्रबंध, जनसूचना, पर्यावरण अध्ययन, जुडाइज्म, हिब्रु भाषा, यहूदी लोगों का इतिहास, कृषि, रसायन, जीव विज्ञान, नैनो बायोलॉजी, मध्य-पूर्व अध्ययन आदि विषय क्षेत्र ऐसे हैं, जिनका अध्ययन इजराइल में किया जा सकता है। इसकी अवधि 8 माह होती है तथा स्कॉलरशिप की संख्या 4-6 होती है। इसके लिए एकेडमिक सेशन की शुरुआत अक्तूबर में होती है। इसकी अधिसूचना विभाग की वेबसाइट पर जनवरी/फरवरी माह में घोषित की जाती है। इस स्कॉलरशिप की एक खास बात यह है कि इसमें आयु-सीमा निर्धारित नहीं की गई है। भारतीय छात्रों के मानविकी में 55 प्रतिशत अथवा उससे अधिक अंक तथा कृषि के लिए 60 प्रतिशत अंक होने चाहिए। विदेश में रहने वाले छात्रों पर कोई विचार नहीं किया जाएगा। जो छात्र विदेश से आने के बाद दो वर्ष से लगातार भारत में रह रहे हों, वे आवेदन के हकदार हैं। इजराइल में दोनों ओर का खर्च स्वयं अभ्यर्थी द्वारा वहन किया जाएगा। जापान पीएचडी का सबसे अच्छा गढ़ जापान माना जाता है। इसके प्रमुख विषय क्षेत्र सूचना प्रौद्योगिकी, ऑप्टिकल फाइबर कम्युनिकेशन, क्वालिटी एवं रिलाइबिलिटी इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन, रोबोटिक्स, लेजर टेक्नोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी, जापानी भाषा और साहित्य, मछली पालन, जापानी अध्ययन, भूकंप इंजीनियरिंग, पर्यावरण विज्ञान, वास्तुकला, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, मैटीरियल साइंस/इंजीनियरिंग आदि हैं। स्कॉलरशिप की अवधि 18 माह से 2 वर्ष तक होती है तथा आवश्यकता के अनुसार आगे भी बढ़ाई जा सकती है। स्कॉलरशिप की संख्या 35 होती है तथा एकेडमिक सेशन का आरंभ अप्रैल/अक्तूबर में होता है। जापानी भाषा में किसी मान्यताप्राप्त विवि से मास्टर डिग्री के कोर्स में दाखिल छात्र, जापानी भाषा में अवर स्नातक डिग्री के कोर्स को पूरा करने वाले छात्र दाखिले के हकदार होते हैं, जबकि अनुसंधान अध्ययन में पीएचडी के लिए संबद्ध क्षेत्र में 60 प्रतिशत अंकों सहित मास्टर डिग्री होनी आवश्यक है। छात्र की आयु 35 वर्ष से कम होनी चाहिए। इसमें छात्रों को अध्ययन भत्ता, फीस, मेडिकल व्यय, रहने आदि का भुगतान किया जाता है। साथ ही जापान सरकार द्वारा रिटर्न एयर टिकट प्रदान किया जाता है। चेक चेक मे अध्ययन का स्तर मास्टर/डॉक्टरल अध्ययन(पीएचडी) है, जबकि इसके विषय क्षेत्रों में कृषि (पीएचडी),इलेक्ट्रिकल/ इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग (मास्टर एवं पीएचडी) शामिल है। इस स्कॉलरशिप की अवधि चेक विश्वविद्यालय के नियमानुसार तय होती है। इसकी अधिसूचना विभाग की वेबसाइट पर दी जाती है। मास्टर कोर्स में अध्ययन के लिए स्नातक स्तर पर संबंधित विषय में कम से कम 60 प्रतिशत अंक और विज्ञान/इंजीनियरिंग/प्रौद्योगिकी में मास्टर डिग्री पर कम से कम 60 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हों। चार स्कॉलरशिप जो कि 7000 सीजेडके (चेक गणराज्य की करेंसी) मास्टर के लिए तथा 7,500 सीजेडके डॉक्टरल प्रोग्राम के लिए प्रतिमाह प्रदान की जाती हैं। स्कॉलरशिप होल्डर को मुफ्त में कोई टय़ूशन फीस नहीं दी जाती तथा उन्हें केवल मेडिकल केयर ही दी जाती है। इसमें दोनों ओर का किराया छात्र द्वारा स्वयं वहन किया जाता है। यूके यूके में चिकित्सा क्षेत्र में क्लिनिकल प्रशिक्षण/ स्नातकोत्तर/ पीएचडी लेवल पर अध्ययन किया जा सकता है। इसके प्रमुख विषय क्षेत्र मेडिसिन, कैंसर अनुसंधान, कार्डियोलॉजी, गायनेकोलॉजी, मेडिसिन तथा डेंटिस्ट्री आदि हैं। ये डिग्री अथवा डिप्लोमा सामान्य प्रशिक्षण/अध्ययन के लिए नहीं हैं। इसकी अवधि मास्टर लेवल पर एक वर्ष/छह माह, क्लिनिकल ट्रेनिंग एवं पीएचडी के मामलों में 3 वर्ष है। इटली भारत सरकार द्वारा इटली जाने के इच्छुक छात्रों को कैटेगरी ए, बी, सी, डी, ई के रूप में विभिन्न क्षेत्रों में स्कॉलरशिप प्रदान की जाती है। ये स्कॉलरशिप 12 माह के लिए होती हैं तथा इनके लिए किसी मान्यताप्राप्त यूनिवर्सिटी से 60 प्रतिशत अंकों सहित बैचलर एवं उसके समकक्ष डिग्री अथवा चुने गए स्पेशलाइज्ड सब्जेक्ट में 60 प्रतिशत अंकों सहित मास्टर या उसके समकक्ष डिग्री होनी चाहिए। इटली जाने के इच्छुक छात्रों को वहां रहने-खाने आदि के लिए 700 यूरो प्रतिमाह मिलते हैं। बेल्जियम भारतीय छात्रों को यह स्कॉलरशिप एग्रोनॉमी, एनवायरमेंटल साइंस, फोटोनिक्स सब्जेक्ट के तीन छात्रों को दस माह के लिए दी जाती है। इसके लिए जो योग्यता निर्धारित की गई, उसके तहत छात्र के पास संबंधित विषय में 60 प्रतिशत अथवा उससे अधिक अंक होने आवश्यक हैं। उसकी अधिकतम आयु 35 वर्ष होनी चाहिए। स्कॉलरशिप के अंतर्गत छात्र पा सकते हैं- एकेडमिक वर्ष के 10 माह के दौरान 770,00 यूरो डॉलर उपरोक्त स्कॉलरशिप के लिए निम्न स्थान से संपर्क किया जा सकता है- अनुभाग अधिकारी, ईएस-3 अनुभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, विदेशी छात्रवृत्ति प्रभाग, कजर्न रोड बैरक, कस्तूरबा गांधी मार्ग, नई दिल्ली-110001(नमिता सिंह,हिंदुस्तान,दिल्ली,1.9.2010)
टयूशन फीस की अदायगी
वृहत्त मेडिकल एवं थर्ड पार्टी इंश्योरेंस
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03 सितंबर 2010
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