यूपी में अल्पसंख्यकों की तालीम और तरक्की के लिए केंद्र सरकार लगभग 300 करोड़ रुपये की योजनाओं का ऐसा तोहफा देने जा रही है, जो अब तक किसी सरकार ने एकमुश्त नहीं दिया है। सूत्रों के मुताबिक अल्पसंख्यक बहुल जिलों के लिए बहुक्षेत्रीय विकास कार्यक्रम (मल्टीसेक्टोरल डेवलपमेंट) के तहत प्रदेश के विभिन्न जिलों में खासतौर से इंटरमीडिएट कालेज और पॉलिटेक्निक खोले जायेंगे। योजना औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) व स्कूलों में अतिरिक्त क्लासरूम खोलने की भी है। एक इंटर कालेज पर 2.50 से चार करोड़ व एक पॉलिटेक्निक पर लगभग आठ करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। प्राथमिकता अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुस्लिम बहुल क्षेत्रों को दी जायेगी। सूत्र बताते हैं कि कॉलेजों और पॉलिटेक्निक्स के लिए राज्य सरकार की ओर से जमीन आदि का भी चयन किया जा चुका है। लिहाजा केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय जल्द ही उसके लिए लगभग 300 करोड़ रुपये राज्य सरकार को देने जा रहा है। जबकि कालेजों व पॉलिटेक्निक का निर्माण कार्य राज्य सरकार को अपनी एजेंसी से कराना है। गौरतलब है कि देश के कुल अल्पसंख्यक बहुल 90 जिलों में से 21 अकेले उत्तर प्रदेश में हैं। सहारनपुर जिले के मनकमऊ, कापुरी, ऊंचागांव और हैसराऊ में एक-एक इंटर कालेज खुलेंगे। योजना के तहत मेरठ जिले के मवाना में पॉलिटेक्निक, जबकि कपसाड़, मेहरामपुर और फलौदा में एक-एक इंटर कालेज खोले जायेंगे। इसी तरह गाजियाबाद जिले के पिलखुआ में पॉलिटेक्निक और हापुड़ व गढ़मुक्तेश्वर में एक-एक इंटर कालेज खुलने हैं। इसी तरह मुरादाबाद के संभल में पॉलिटेक्निक, जबकि बिलारी, संभल, ठाकुरद्वारा व मुरादाबाद ब्लाक में इंटर कालेज खुलना है। मुजफ्फरनगर जिले के छत्रवाल में पॉलिटेक्निक तो बदरपुर, कावल, कल्यानपुर व इसौपुर खरगान में इंटर कालेज खोले जायेंगे(राजकेश्वर सिंह,दैनिक जागरण,दिल्ली,3.9.2010)।
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