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11 दिसंबर 2010

यूपीःस्लेट में शामिल होंगे 14 और विषय

राज्य के विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में प्रवक्ताओं की कमी से निपटने के लिए शासन न सिर्फ राज्य स्तरीय पात्रता परीक्षा (स्टेट लेवल एलिजिबिलिटी टेस्ट/स्लेट) फिर से शुरू करने की कवायद में जुटा है, बल्कि नये स्वरूप में स्लेट को और व्यापक बनाने की योजना है। शासन की मंशा है कि स्लेट में शामिल विषयों की सूची में 14 और विषय शामिल किये जाएं। स्लेट में नये विषयों को शामिल करने और इन विषयों की परीक्षाएं आयोजित कराने के लिए शासन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से प्राधिकार पत्र मांगने जा रहा है।

विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में प्रवक्ताओं के लिए योग्य अभ्यर्थियों का चयन करने को प्रदेश में जुलाई 2002 और अगस्त 2004 में कानपुर विश्वविद्यालय ने राज्य स्तरीय पात्रता परीक्षा आयोजित की गई थी। राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) की तर्ज पर दो बार आयोजित हुई परीक्षा में 24 विषय शामिल किये गए थे। वर्ष 2004 के बाद सूबे में यह परीक्षा आयोजित नहीं हो पायी। राज्य विश्वविद्यालयों में शिक्षक के 1637 पदों में से 518 यानी 31 फीसदी पद खाली हैं। राजकीय कालेजों में शिक्षकों के 2264 सृजित पदों में से 949 यानी 42 फीसदी पद रिक्त हैं। सहायताप्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों में शिक्षकों के 15173 पदों में से 3855 यानी 21 प्रतिशत पद खाली हैं।


उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की जबर्दस्त कमी को देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग ने राज्य स्तरीय पात्रता परीक्षा को फिर से शुरू करने के लिए कवायद चालू की है। प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा मनोज कुमार ने बताया कि स्लेट की जरूरत इसलिए महसूस की जा रही है क्योंकि राज्य में जितनी बड़ी संख्या में विभिन्न विषयों के प्रवक्ताओं की जरूरत है, उसे राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) क्वालिफाई करने वाले अभ्यर्थी पूरा नहीं कर सकते। उन्होंने बताया कि अब तक स्लेट में 24 विषय शामिल थे लेकिन कई विषयों में शिक्षकों की कमी के कारण 14 नये विषयों को इस परीक्षा में शामिल करने की मंशा है। इसके लिए विभाग यूजीसी से प्राधिकार पत्र जारी करने की मांग करेगा।

स्लेट में प्रस्तावित 14 नये विषय
स्लेट में जिन 14 नये विषयों को शामिल करने की योजना है उनमें सोशल वर्क, डिफेंस एंड स्ट्रैटेजिक स्टडीज, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, विजुअल आर्ट, फोरेन्सिक साइंस, कम्प्यूटर साइंस एंड एप्लीकेशन्स, इलेक्ट्रानिक साइंस, इन्वायरमेंटल साइंस, टूरिज्म एडमिनिस्ट्रेशन एंड मैनेजमेंट, पापुलेशन स्टडीज, एडल्ट एजुकेशन, लेबर वेलफेयर एंड इंडस्ट्रियल रिलेशन्स, मास कम्युनिकेशन्स एंड जर्नलिज्म और वुमेन स्टडीज हैं(राजीव दीक्षित,दैनिक जागरण संवाददाता,लखनऊ,11.12.2010)।

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