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22 दिसंबर 2010

उत्तराखंडःकर्मचारियों और शिक्षकों के हित में महत्वपूर्ण फैसले

मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक कैबिनेट ने मंगलवार को नए साल के मौके पर कर्मचारियों, शिक्षकों और व्यापारियों को तोहफे थमाए। वन, होमगार्ड, शिक्षा, राजस्व महकमों की नियमावलियों का प्रख्यापन और संशोधन कर सैकड़ों पदों पर भर्ती और पदोन्नति का रास्ता आसान बना दिया। अब सूबे के सभी महकमों में लिपिकीय संवर्ग के लिए समान स्टाफिंग पैटर्न लागज् होगा। पुलिस अधिकारों से लैस स्पेशल टाइगर प्रोजेक्टश फोर्स की नई नियमावली को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई। पुनर्नियुक्ति समाप्त कर पहले की तरह स्वत: सत्रांत लाभ और प्रवक्ता पदों पर पदोन्नति के लिए बीएड डिग्री की अनिवार्यता खत्म कर शिक्षकों की बहुप्रतीक्षित मांगें सरकार ने पूरी कर दीं। संस्कृत शिक्षा की परीक्षा और मज्ल्यांकन के लिए पृथक परिषद गठित करने का निर्णय हुआ। प्रदेश में सचिवालय, विधानसभा, हाईकोर्ट महाधिवक्ता, लोक सेवा आयोग, लोकायुक्त दफ्तरों को छोड़कर अन्य सभी दफ्तरों में मिनिस्टीरियल सवंर्ग के पदनाम और पदोन्नति की प्रक्रिया को एकरूप करने को कैबिनेट ने सहमति दी। इसमें पदनाम और पदोन्नति प्रक्रिया समान करने के मामले में आने वाली पेचीदगियों के निस्तारण को काबीना मंत्री मदन कौशिक की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय मंत्रिमंडलीय समिति गठित की गई है। संस्कृत महाविद्यालयों के लिए परीक्षा, मूल्यांकन और पाठ्यक्रम तय करने को पृथक बोर्ड गठित होगा। बोर्ड में नौ पद सृजित किए गए हैं। संस्कृत को दूसरी राजभाषा का दर्जा देने और उसके प्रचार-प्रसार के लिए उठाए गए कदमों की प्रगति जांचने और इस दिशा में तेजी से कदम उठाने को शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह बिष्ट की अध्यक्षता में समिति गठित करने का निर्णय हुआ। कैबिनेट ने उत्तराखंड होमगार्ड विभाग अधीनस्थ सेवा के अंतर्गत समूह-ग पदों के लिए सेवा नियमावली के प्रख्यापन को मंजूरी दी। वन महकमे में मानचित्रकार सेवा नियमावली, 2010 और वन क्षेत्राधिकारी सेवा नियमावली के प्रख्यापन पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी। नायब तहसीलदार पदों पर वन पंचायत निरीक्षकों और मौलिक रूप से नियुक्त रजिस्ट्रार कानज्नगों के लिए दस-दस फीसदी पदोन्नति कोटा तय किया गया है(दैनिक जागरण,देहरादून,22.12.2010)।

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