राज्य लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) जल्द ही राज्य सेवा प्रशासनिक परीक्षा में वैकल्पिक विषय बंद करने जा रहा है। यह प्रक्रिया अगली परीक्षा (वर्ष 2010 के विज्ञापन वाली नहीं) से प्रारंभ होने वाली है।
एमपीपीएससी भी चयन प्रक्रिया के लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की तर्ज पर एप्टीट्यूड टेस्ट ही लेगा जिसके लिए उसने तैयारियां शुरू कर दी हैं। आयोग के विषय विशेषज्ञ एप्टीट्यूड टेस्ट के संबंध में तैयारी में लग गए हैं। ये विशेषज्ञ प्रदेश व देश के कुछ अलग-अलग संस्थानों से हैं।
सभी मिलकर ऐसी व्यवस्था बनाना चाह रहे हैं जिससे हर बार बनने वाले पर्चो में विवाद की स्थिति न बने।
वैकल्पिक विषय हटाने का प्रमुख कारण यह भी है कि उसकी स्केलिंग पद्धति को लेकर कुछ समय से काफी विवाद हो रहा था। कुछ खास विषयों के ही छात्रों के चयन को लेकर मामला न्यायालय तक पहुंच रहा था। आयोग खुद भी इससे परेशान था जिससे वह एप्टीट्यूड टेस्ट लेनेपर लगातार विचार कर रहा था।
लगभग सभी विषयों के प्रश्नों का समावेश होगा : भविष्य में होने वाली परीक्षाओं में अब लगभग सभी विषयों के प्रश्नों का समावेश पर्चें में किया जाएगा। यह व्यवस्था प्रारंभिक और मुख्य दोनों परीक्षाओं के लिए बनाई जा रही है।
हमारी तैयारियां चल रही हैं
आयोग के उपसचिव निर्मल उपाध्याय से भास्कर ने जब वैकल्पिक विषय हटाने व ऑनलाइन आवेदन के संबंध में चर्चा की तो उनका कहना था दोनों मामलों में ही हमारी तैयारियां चल रही है। अगली राज्य सेवा प्रशासनिक परीक्षा से ही इसे लागू किया जाएगा।
नई व्यवस्था से यूपीएससी पर प्रभाव
यूपीएससी ने वर्ष 2011 की प्रारंभिक परीक्षा के लिए एप्टीट्यूड टेस्ट से चयन करने की व्यवस्था की है। उसने मॉडल प्रश्न पत्र भी अपनी वेबसाइट पर जारी कर दिए लेकिन अभी तक वह विज्ञापन जारी नहीं कर पाया है।
सामान्यत: यह दिसंबर माह में जारी हो जाता है। माना जा रहा है नई व्यवस्था से ही इसमें देरी हो रही है। वह एप्टीट्यूड टेस्ट सिर्फ प्रारंभिक परीक्षा में ही रखने वाला है। मुख्य परीक्षा के संबंध में फिलहाल योजना नहीं बताई है। सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2013 से ही वह मुख्य परीक्षा में वैकल्पिक विषय व्यवस्था को खत्म करेगा।
ऑनलाइन आवेदन
आयोग अब प्रत्येक परीक्षा के आवेदन ऑनलाइन करने जा रहा है। मार्कशीट्स की कॉपी,जाति,मूल निवासी प्रमाण-पत्र व अन्य कागजात वह अलग से नहीं लेगा,मात्र इसकी इंट्री फॉर्म में करना होगी।
असल में राज्य शासन भी नौकरी देने से पहले मार्कशीट्स की कॉपी, मूल निवासी व जाति प्रमाण-पत्र लेता है, जिससे आयोग इस प्रक्रिया से बचकर समय बचाना चाहता है(मुनीष शर्मा,दैनिक भास्कर,इन्दौर,31.1.11)।
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