लखनऊ विश्वविद्यालय में बुधवार को हुई कला संकाय परिषद (फैकल्टी बोर्ड) की बैठक में केवल एक मुद्दा गरमाया रहा कि पीएचडी प्रवेश परीक्षा से छूट किसको दी जाए। कुछ शिक्षक नेट पास अभ्यर्थियों को यह सहूलियत देना चाहते हैं, कुछ जेआरएफ को तो कुछ दोनों को। फैकल्टी बोर्ड में मुद्दे तो कई रखे जाने थे लेकिन पहले मामले पर ही आम सहमति नहीं बन सकी। डेढ़ घण्टे तक बहस छिड़ी रही और अन्तत: बिना किसी नतीजे के बैठक 21 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई। पीएचडी की गुणवत्ता में सुधार कैसे हो बहस शायद देखने को न मिले लेकिन पीएचडी प्रवेश परीक्षा से किसको छूट मिले यह मुद्दा लविवि में काफी गरमाया हुआ है। बुधवार को कला संकाय परिषद की बैठक में डेढ़ घण्टे तक यही बहस छिड़ी रही और नतीजा कुछ न निकला। नेट और जेआरएफ में किसको छूट मिले, शिक्षक इस पर ही सहमत नहीं हो सके। हालांकि ज्यादातर शिक्षक जेआरएफ विद्यार्थियों को छूट के दायरे में रखना चाहते थे। वहीं लविवि कुलपति प्रो.मनोज कुमार मिश्र का रुख किसी भी छूट की ओर नहीं रहा। पीएचडी के लिए फौरी तौर पर बनाए गए लविवि के आर्डिनेंस भी बेमानी साबित हो गए हैं। पिछले माह तैयार किये गए आर्डिनेंस में जेआरएफ और नेट पास अभ्यर्थियों को पीएचडी प्रवेश में छूट खत्म की गई थी। इस पर फैकल्टी बोर्ड में सहमति बननी थी। आर्डिनेंस बहस की भेंट चढ़ गए। अब इस मुद्दे को 21 जनवरी को प्रस्तावित बैठक में रखा जाएगा(दैनिक जागरण,लखनऊ,13.1.11)।
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