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31 मई 2011

मध्यप्रदेशःतकनीकी में मैनेजमेंट कोटा फिर बहाल

जिनके पास पैसा हो, वे अपने पुत्र-पुत्रियों को ज्यादा फीस देकर तकनीकी कालेजों में प्रवेश दिला सकते हैं। कुछ इसी विचार पर अमल करते हुए तकनीकी शिक्षा विभाग ने प्रायवेट कालेजों को एक बार फिर मैनेजमेंट कोटे की सौगात दे दी है। कुल इनटेक की दस फीसदी सीटें कालेज खुद भर सकेंगे। यह कोटा इस बार संस्थागत सीटों के नाम से रहेगा। इन सीटों पर प्रवेश के लिए न तो पीईटी की बाध्यता रहेगी और पचास फीसदी से कम अंकों की। प्रायवेट कालेजों द्वारा लंबे समय से की जा रही मांग तकनीकी शिक्षा विभाग ने अंतत: पूरी कर दी है। दबे स्वर में ही सही, लेकिन कालेजों की मुराद पूरी करने में विभाग पीछे नहीं रहा है। निजी कालेजों को यह सुविधा अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद से जुड़े बीई, बीटेक, एमबीए, एमसीए, बीफार्मा पाठ्यक्रमों के लिए दी गई है। हालांकि इसे सीधे-सीधे मैनेजमेंट कोटा की जगह विभाग ने संस्थागत प्राथमिकता की सीट नाम दिया है। संस्थागत प्राथमिकता को जोड़ते हुए पुराने अधिनियम में भी इसे शामिल कर दिया गया है। अपने इस फैसले को राज्य शासन ने 19 मई के राजपत्र में भी प्रकाशित कर दिया है। इन सीटों के लिए नियम-उपबंध भी अलग से बनाए गए हैं। संस्थागत प्राथमिकता के नाम से यह कोटा केवल निजी तकनीकी कालेजों के लिए होगा। एनआरआई से निकला रास्ता : शासन ने कालेजों को यह सौगात एनआरआई कोटे से दी है। पिछले साल तक तकनीकी कालेजों को 15 फीसदी एनआरआई कोटा दिया जाता था। एआईसीटीई ने इसे घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया है। परिषद द्वारा छोड़ी गई दस फीसदी सीटें ही शासन ने कालेजों की झोली में डाल दी हैं। इन सीटों के लिए कालेज काफी पहले से प्रयासरत थे।
इन सीटों के साथ ही शासन ने कालेजों को भरपूर फीस वसूलने की भी छूट दी है। इन दस फीसदी सीटों के लिए कालेज संचालक डेढ़ लाख रुपए तक फीस वसूल सकते हैं। जानकारी के अनुसार प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति ने भी अपने प्रस्ताव में इस तरह की सीटों का सुझाव शासन को दो साल पहले दिया था। फीस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष द्वारा अपने इस प्रस्ताव के लिए मुख्यमंत्री को भी कई बार स्मरण पत्र भेजे थे। विभाग द्वारा जारी नियमों के तहत इन सीटों के लिए भी कालेज द्वारा मेरिट तैयार की जाएगी। इन सीटों पर विभाग के प्रतिनिधि की मौजूदगी में प्रवेश दिए जाएंगे। इस कोटे के लिए भी छात्र-छात्राओं को अलग से विकल्प देना होगा। इसमें बारहवीं के अंकों पर भी प्रवेश दिया जाएगा। पीईटी की बाध्यता भी इसमें आड़े नहीं आएगी(दैनिक जागरण,भोपाल,31.5.11)।

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