देश की आर्थिक प्रगति के साथ सर्विस सेक्टर का तेजी से बढ़ना स्वाभाविक है। इसमें हुनर आधारित उद्योग धंधों में रोजगार के अवसर के अलावा तमाम ऐसे रोजगार भी शामिल होते हैं जिनके बिना आगे बढ़ पाना संभव नहीं है। किसी भी इंडस्ट्री के लिए ऐसा ही एक भरा पूरा कार्यक्षेत्र है कॉमर्स से संबंधित विभिन्न विधाओं का जिसके एक्सपर्ट्स की जरूरत हमेशा ही इंडस्ट्री और कॉर्पोरेट क्षेत्र में रहती है। कॉमर्स का मतलब आजकल के संदर्भ में महज हिसाब-किताब करने या बही खाता तैयार करने तक सीमित नहीं है। इस विषय में माहिर लोगों को अब टॉप मैनेजमेंट में कंपनी सेक्रेटरी, चार्टर्ड एकाउंटेंट, फाइनेंशियल एडवाइजर, इन्वेस्टमेंट एनालिस्ट, वेंचर कैपिटलिस्ट आदि के तौर पर शामिल किया जाता है। बाद में ये निदेशक मंडल या प्रबंध निदेशक सरीखे पदों तक भी पहुंचते हैं। जाहिर है, रुतबे और सैलरी में ये काफी आकर्षक पद कहे जा सकते हैं। मजे की बात यह है कि इनमें से अधिकांश प्रोफे शनल्स का एकेडेमिक कॅरिअर बीकॉम सरीखी डिग्रियों की बदौलत ही आगे बढ़ता चला जाता है। बाद में कार्य अनुभव और अन्य स्पेशियलिजेशन की ट्रेनिंग लेते हुए सफलता की सीढियां चढ़ते जाते हैं। यह जरूर है कि तरक्की पाने के लिए इस क्षेत्र में भी मेहनती और लगनशील होने के अलावा धैर्यवान होना बहुत जरूरी है। तो आइए बात करें कुछ ऐसे ही ट्रेडिशनल कॉमर्स कोर्सेस की :-बीकॉम
१. बिना किसी एंट्रेंस एग्जाम के इस कोर्स में आसानी से दाखिला लिया जा सकता है और कई कॉलेजों में तो इवनिंग कोर्स के रूप में भी यह उपलब्ध है और तो और कॉरेस्पोंडेंस से भी नौकरी के साथ-साथ भी यह कोर्स कर सकते हैं।
२. कोर्स में एकाउंट्स, कॉमर्स, इकोनॉमिक्स आदि का समन्वय होने से कई प्रकार के जॉब्स के ऑप्शंस उपलब्ध हो जाते हैं।
बीकॉम (ऑनर्स)
१. इस बेहतरीन कोर्स में मेरिट के आधार पर आमतौर पर दाखिले दिए जाते हैं। नामी कॉलेजों से यह कोर्स करने वालों के लिए कैंपस प्लेसमेंट के जरिए आसानी से जॉब्स के ऑफर मिल जाते हैं।
२. इस कोर्स का सिलेबस इतना अपडेट है कि आईसीएआई का सीए कोर्स करने वालों के लिए काफी आसानी हो जाती है।
बीबीए
१. बिजनेस के क्षेत्र में एडमिनिस्ट्रेशन के काम काज में दिलचस्पी रखने वालों के लिए यह कोर्स काफी उपयोगी कहा जा सकता है। हालांकि बाद में एमबीए करने के बारे में भी सोच सकते हैं ताकि और जल्द टॉप मैनेजमेंट के स्तर पर पहुंच सकें। यह कोर्स भी नियमित के अलावा कॉरेस्पोंडेंस माध्यम से किया जा सकता है।
२. इसके बाद विदेशों में मैनेजमेंट की पढ़ाई के बारे में सोचा जा सकता है और सेल्फ एंप्लायमेंट की राहें भी हो सकती हैं।
बीबीएस
१. देश के गिने चुने संस्थानों में ही फिलहाल यह कोर्स संचालित किया जाता है, इसीलिए एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर एडमिशन दिए जाते हैं। यही कारण है कि कैंपस प्लेसमेंट की बेहतरीन संभावनाएं इस डिग्री के बाद हो सकती हैं।
२. आमतौर से बड़े कॉर्पोरेट घरानों की कंपनियों में यहां के विद्यार्थियों को नियुक्त करने की होड़ होती है। ऐसे में यहां के डिग्री धारकों को काफी आकर्षक वेतन-पैकेज मिलना बड़ी बात नहीं है।
सीए
१. इस कोर्स के जरिए एकाउंटिंग, ऑडिटिंग और टेक्सेशन का एक्सपर्ट बना जा सकता है। इसमें दाखिले के लिए कोई मारा मारी नहीं होती है। सिर्फ घर बैठे तैयारी कर संस्थान के पेपर्स में पास होना जरूरी होता है। अब तो बहुत सारे कोचिंग संस्थान भी अस्तित्व में आ गए हैं जो इसके पेपर्स की तैयारी करवाते हैं।
२. हालांकि इस कोर्स में पास होने वाले छात्रों की संख्या काफी कम होती है लेकिन मेहनत करने वाले युवाओं के लिए यह बेहद कारगर कार्य क्षेत्र हो सकता है। एक बार डिग्री हासिल करने के बाद पीछे मुड़ कर देखने की जरूरत नहीं पड़ती। स्वतंत्र तौर पर भी इस प्रोफेशन की प्रैक्टिस की जा सकती है।
कंपनी सेक्रेटरीशिप
१. यह अत्यंत प्रतिष्ठित कोर्स में से एक माना जाता है। बिना नियमित कक्षा आयोजित किए जाने वाले इस कोर्स में भी युवाओं को निर्धारित पेपर्स में साल-दर-साल पास होने की जरूरत पड़ती है। साथ में इंटर्नशिप के जरिए कार्य अनुभव भी जुटाने की बाध्यता होती है।
२. किसी भी कंपनी में इन प्रोफेशनल की काफी अहम भूमिका होती है। इनका काम सरकारी कंपनी लाके क्रियान्वयन का दायित्व कंपनी की ओर से संभालना है। एक प्रकार से मैनेजमेंट और सरकारी नियमों व कायदों के बीच की कड़ी का काम ये करते हैं। ये हमेशा अपने काम की वजह से सीधे टॉप मैनेजमेंट के संपर्क में रहते है।
कॉस्ट एंड मैनेजमेंट एकाउंटेंसी (आईसीडब्ल्यूए)
१. इस ब्रांच का उदय हाल के वर्षों में ही हुआ है। इनका काम बढ़ते कंपीटिशन के दौर में कंपनी की विभिन्न लागतों एवं फाइनेंशियल मिसमैनेजमेंट को रोकना है। अब तो सरकारी तौर पर भी कॉस्ट एकाउंटेंट्स की नियुक्ति कंपनी के टर्नओवर के अनुसार अनिवार्य करने की योजना है।
२. इनके लिए सरकारी और प्राइवेट कंपनियों के अतिरिक्त इंश्योरेंस एवं इन्वेस्टमेंट कंपनियों में जॉब्स के बेहतरीन अवसर हो सकते हैं। इन सबके अलावा कई अन्य उभरते हुए ऐसे कोर्सेज हैं जिनका आधार कॉमर्स है और जिनके जरिए कॅरिअर की मजबूत नींव रखी जा सकती है। इनमें खासतौर से फोरेंसिक एकाउंटेंसी, इन्वेस्टमेंट बैंकिंग, बैचलर ऑफ एकाउंट्स एंड फाइनेंस, बी (बैंकिंग एंड फाइनेंस), बैचलर ऑफ फाइनेंशियल इन्वेस्टमेंट एनालिसिस का उल्लेख किया जा सकता है। इनमें से प्रत्येक का अपना खास महत्व है और स्पेशियलाइजेशन के जरिए इनमें कॅरिअर की बुलंदियों को हासिल किया जा सकता है।
(अशोक सिंह,नई दुनिया,दिल्ली,30.5.11)
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