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26 जून 2011

नागपुर मेडिकल कालेज में एक हजार नर्सों की कमी

नागपुर स्थित मध्य भारत का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय(मेडिकल कालेज)इन दिनों नर्सों की भारी कमी से जूझ रहा है। मेडिकल कालेज में इस समय कुल 571 नर्से कार्यरत हैं ,जबकि जरूरत 1500 नर्सों की है। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया(एमसीआई) एवं नर्सिग काउंसिल द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार हर मेडिकल कालेज में तीन मरीज पर एक नर्स होनी चाहिए पर नागपुर मेडिकल कालेज में 30 मरीजों पर एक नर्स का औसत है।


मेडिकल कालेज की क्षमता इस समय 1401 बेड की है और अस्पताल में कुल 45 वार्ड हैं। इस तरह मेडिकल कालेज में एक पाली में 467 नर्सो की जरूरत है। इसके अलावा मेडिकल कालेज के ओपीडी, ऑपरेशन थियेटर, टीकाकरण, नेत्र रोग विभाग, ईएनटी, त्वचारोग विभाग, रेडियोथेरेपी, सीटीस्कैन, सोनोग्राफी विभागों के लिए हर पाली में 30 नर्सो की अतिरिक्त जरूरत पड़ती है। मेडिकल कालेज की जरूरतों को देखते हुए यहां हर पाली में 500 नर्सो की जरूरत है। लेकिन अस्पताल के सुबह,दोपहर एवं रात्रि पाली में कुल मिलाकर केवल 571 नर्से ही कार्यरत हैं।


एमसीआई मानकों एवं मेडिकल कालेज अस्पताल के आकार के आधार पर मेडिकल में 830 नर्सो एवं 165 स्टॉफ नर्सो की तुरन्त आवश्यकता है। मेडिकल कालेज की पूर्व अधिष्ठाता डॉ. दीप्ति डोणगांवकर के कार्यकाल में 350 नई नर्सो की भर्ती का प्रस्ताव वैद्यकीय शिक्षा निदेशालय के पास भेजा गया था पर अभी तक निदेशालय की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है। मेडिकल कालेज के अधिष्ठाता डॉ.राजाराम पोवार ने अस्पताल मे नर्सों की कमी की बात स्वीकार की। उनका कहना है कि वे इस संबंध में वस्तुस्थिति का पता लगाकर नई नर्सो की भर्ती के लिए वैद्यकीय शिक्षा निदेशक को फिर से पत्र लिखेंगे (दैनिक भास्कर,नागपुर,26.6.11)।

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