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30 जुलाई 2011

चंडीगढ़ःऑब्जेक्टिव में फेल को इंटरव्यू में बनाया टॉपर

शिक्षक भर्ती घोटाले पर शुक्रवार को सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को सौंपते हुए निष्पक्ष एजेंसी से दोबारा परीक्षा परिणाम तैयार करवाने की सिफारिश की है।

रिपोर्ट में कहा गया कि एक बार आवेदन आमंत्रित करने के बाद चयन प्रक्रिया में किसी तरह का कोई संशोधन नहीं किया जाना चाहिए। सीबीआई की रिपोर्ट के बाद कार्यवाहक चीफ जस्टिस आदर्श कुमार गोयल व जस्टिस अजय कुमार मित्तल की खंडपीठ ने चंडीगढ़ प्रशासन से उनका पक्ष मांगा है। अगली सुनवाई 22 नवंबर तय की गई है। सीबीआई के एसपी अमिताभ ढिल्लों की तरफ से हाईकोर्ट को मामले की वेरीफिकेशन रिपोर्ट दी गई।

चयन प्रक्रिया में मनमाना बदलाव

रिपोर्ट में कहा गया कि चयन प्रक्रिया में मनमाने ढंग से बदलाव किया गया। इसकी जानकारी आवेदकों को भी नहीं दी गई। विवरणात्मक परीक्षा के अंकों को 15 से घटाकर 10 कर दिया गया। यह विशेषाधिकार अधिकारियों के पास था जिसका उन्होंने भर्ती के दौरान इस्तेमाल किया लेकिन इसकी जानकारी नहीं दी गई।

आरोपियों के साथ दर्जनों कॉल


सीबीआई के रिकॉर्ड में तत्कालीन डीपीआई सम्वर्तक सिंह की शिक्षक भर्ती घोटाले के आरोपी हरदेव तथा जॉली के साथ दर्जनों कॉल डिटेल का ब्यौरा है। एक एक दिन में आरोपियों के साथ डीपीआई की दस-दस बार बातचीत एवं एसएमएस हुए हैं।
शिकायतें नजरअंदाज 

प्रशासन ने शिक्षक भर्ती घोटाले की शिकायतों को नजरअंदाज किया। दर्जनों प्रत्याशियों ने इसके खिलाफ सीवीसी तथा केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी शिकायत की थी।

क्या है मामला 

चंडीगढ़ प्रशासन ने 5 अगस्त 2007 को अलग-अलग श्रेणियों में शिक्षकों के 336 पदों के लिए आवेदन मांगे थे। खरड़ की कमलप्रीत कौर ने 5 सितंबर 2009 को पुलिस में शिकायत की थी कि जॉली और हरदेव सिंह ने उन्हें नौकरी लगवाने की गारंटी दी है। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। सेक्टर-47 के कर्मजीत सिंह की तरफ से दाखिल याचिका में घोटाले की निष्पक्ष जांच की मांग की गई थी।

पास करने वाले रह गए

शिक्षा विभाग ने इंटरव्यू में कई ऐसे उम्मीदवारों को टॉपर बना दिया, जिनके ऑब्जेक्टिव पेपर में नंबर बहुत कम थे। ऐसे दो दर्जन उम्मीदवारों को इंटरव्यू में 10 में से 9 नंबर दिए गए।

ऑब्जेक्टिव में फेल फिर भी सेलेक्ट

शिक्षा विभाग ने दर्जनों ऐसे उम्मीदवारों को सेलेक्ट कर लिया, जो ऑब्जेक्टिव पेपर में फेल थे। यह उम्मीदवार टीचर भी बन गए, जबकि टेस्ट पास करने वाले कई उम्मीदवार रह गए।

कम अंक पर इंटरव्यू में बुलाया 

कई ऐसे मामले सामने आए जिनमें कम अंक हासिल करने वालों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया, जबकि ज्यादा अंक हासिल करने वालों को नहीं बुलाया गया। रिपोर्ट में पांच ऐसे उम्मीदवारों की जानकारी दी गई है। साइंस टीचर के लिए निशा बंसल को कुल 90 अंकों में से 35.34 अंक मिले, जिन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। उनसे ज्यादा अंक हासिल करने वाले 38 उम्मीदवारों को नहीं बुलाया गया। हिंदी टीचर के लिए नीलम रानी को 43.49 अंक हासिल करने पर इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। उनसे ज्यादा अंक हासिल करने वाले 41 उम्मीदवारों को नहीं। 

डीपीई टीचर के लिए मोनिका धीमान को महज 38.64 अंक हासिल करने पर इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। इसी पद के लिए उनसे ज्यादा अंक हासिल करने वाले 91 उम्मीदवारों को नजरअंदाज किया गया। फाइन आर्ट्स टीचर के लिए मनीषा रानी को 27.41 अंक हासिल करने पर इंटरव्यू कॉल आई। उनसे ज्यादा अंक हासिल करने वाले 32 उम्मीदवारों को नहीं बुलाया गया। यही हाल नर्सरी टीचर भर्ती में हुआ। सतविंदर कौर को 34.01 अंक पर ही इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। उनसे ज्यादा अंक हासिल करने वाले 13 उम्मीदवारों को नहीं बुलाया।

शिकायतें नजरअंदाज

प्रशासन ने शिक्षक भर्ती घोटाले की शिकायतों को नजरअंदाज किया। दर्जनों प्रत्याशियों ने इसके खिलाफ सीवीसी तथा केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी शिकायत की थी।

क्या है मामला 

चंडीगढ़ प्रशासन ने 5 अगस्त 2007 को अलग-अलग श्रेणियों में शिक्षकों के 336 पदों के लिए आवेदन मांगे थे। खरड़ की कमलप्रीत कौर ने 5 सितंबर 2009 को पुलिस में शिकायत की थी कि जॉली और हरदेव सिंह ने उन्हें नौकरी लगवाने की गारंटी दी है। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। सेक्टर-47 के कर्मजीत सिंह की तरफ से दाखिल याचिका में घोटाले की निष्पक्ष जांच की मांग की गई थी।

पास करने वाले रह गए

शिक्षा विभाग ने इंटरव्यू में कई ऐसे उम्मीदवारों को टॉपर बना दिया, जिनके ऑब्जेक्टिव पेपर में नंबर बहुत कम थे। ऐसे दो दर्जन उम्मीदवारों को इंटरव्यू में 10 में से 9 नंबर दिए गए।

ऑब्जेक्टिव में फेल फिर भी सेलेक्ट

शिक्षा विभाग ने दर्जनों ऐसे उम्मीदवारों को सेलेक्ट कर लिया, जो ऑब्जेक्टिव पेपर में फेल थे। यह उम्मीदवार टीचर भी बन गए, जबकि टेस्ट पास करने वाले कई उम्मीदवार रह गए।

कम अंक पर इंटरव्यू में बुलाया 

कई ऐसे मामले सामने आए जिनमें कम अंक हासिल करने वालों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया, जबकि ज्यादा अंक हासिल करने वालों को नहीं बुलाया गया। रिपोर्ट में पांच ऐसे उम्मीदवारों की जानकारी दी गई है। साइंस टीचर के लिए निशा बंसल को कुल 90 अंकों में से 35.34 अंक मिले, जिन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। उनसे ज्यादा अंक हासिल करने वाले 38 उम्मीदवारों को नहीं बुलाया गया। हिंदी टीचर के लिए नीलम रानी को 43.49 अंक हासिल करने पर इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। उनसे ज्यादा अंक हासिल करने वाले 41 उम्मीदवारों को नहीं।

डीपीई टीचर के लिए मोनिका धीमान को महज 38.64 अंक हासिल करने पर इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। इसी पद के लिए उनसे ज्यादा अंक हासिल करने वाले 91 उम्मीदवारों को नजरअंदाज किया गया। फाइन आर्ट्स टीचर के लिए मनीषा रानी को 27.41 अंक हासिल करने पर इंटरव्यू कॉल आई। उनसे ज्यादा अंक हासिल करने वाले 32 उम्मीदवारों को नहीं बुलाया गया। यही हाल नर्सरी टीचर भर्ती में हुआ। सतविंदर कौर को 34.01 अंक पर ही इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। उनसे ज्यादा अंक हासिल करने वाले 13 उम्मीदवारों को नहीं बुलाया।

अफसर लेंगे फैसला

जॉइंट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन ने बिजली टैरिफ 16.5 से 30 फीसदी बढ़ाने की सिफारिश कर दी है। इसे शहर में लागू कबसे किया जाना है, यह फैसला आला अधिकारियों को लेना है। -एमपी सिंह सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर, बिजली विभाग

जॉइंट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन ने बिजली टैरिफ 16.5 से 30 फीसदी बढ़ाने की सिफारिश कर दी है। इसे शहर में लागू कबसे किया जाना है, यह फैसला आला अधिकारियों को लेना है। -एमपी सिंह सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर, बिजली विभाग(दैनिक भास्कर,चंडीगढ़,30.7.11)

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