मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

25 अगस्त 2011

बिहारःसिपाही बहाली पर जवाब-तलब

पटना उच्च न्यायालय ने वर्ष 2009 के विज्ञापन के आधार पर आठ हजार सिपाहियों की भर्ती के मामले में राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। न्यायमूर्ति अजय कुमार त्रिपाठी ने सरकार से अपना जवाब तीन हफ्ते में देने को कहते हुए सुनवाई स्थगित कर दी है। ये वे सिपाही अभ्यर्थी हैं जिन्हें सरकार ने अदालती आदेश से नयी सूची बनाते हुए छांट दिया था। राज्य सरकार ने अदालती आदेश के बाद नये सिरे से सफल अभ्यर्थियों की सूची बनायी थी जिसमें पहले के कुछ सफल अभ्यर्थियों को सूची से हटा दिया गया था। उन्हीं में से कुछ अभ्यर्थियों ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है। उनकी संख्या 775 है। उनकी तरफ से अधिवक्ता रंजीत कुमार सिंह ने याचिका दाखिल की है। न्यायालय की दो सदस्यीय पीठ ने इस मामले में 13 जुलाई को राज्य सरकार की अपील खारिज कर दी थी। उसने एकल पीठ के आदेश को बरकरार रखा था। एकल पीठ ने सरकार से पहली लिस्ट वालों को पहले नियुक्त करने को कहा। बची हुई सीट पर भी लिखित परीक्षा में पास अभ्यर्थियों को ही बहाल करने को कहा था और नये सिरे से वरीयता सूची अदालत की खबरें बनाने को कहा था। सिपाहियों की बहाली को लेकर वर्ष 2009 में विज्ञापन निकाला गया था। सरकार ने दो परीक्षाएं लेकर 5676 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया था और फिर दूसरी लिस्ट निकालकर कुछ और अभ्यर्थियों को पास घोषित किया। सरकार ने पहली लिस्ट से 2228 अभ्यर्थियों को बहाल कर लिया और शेष बचे पद पर बहाली करने में लेटलतीफी करने लगी। उसके बाद याचिका दाखिल की गयी थी। कुलपतियों को पेश होने का निर्देश पटना (एसएनबी)। पटना उच्च न्यायालय ने बीएन मंडल विविद्यालय, मधेपुरा व ललित नारायण विविद्यालय, दरभंगा के कर्मचारियों को वेतन व बकाया चुकता नहीं करने के मामले में मानव संसाधन विभाग के प्रधान सचिव, दोनों विविद्यालयों के कुलपतियों व रजिस्ट्रार को पेश होने को कहा है। न्यायमूर्ति मृदुला मिश्रा ने सभी अधिकारियों से 7 सितम्बर को पेश होकर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। पप्पू की अपील पर सुनवाई 6 माह बाद पटना (एसएनबी)। अजित सरकार हत्याकांड के अभियुक्त पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की अपील पर छह महीने बाद सुनवाई होगी। ऐसा तकनीकी कारणों से किया जा रहा है। पप्पू यादव ने अपील पर त्वरित सुनवाई के लिए आवेदन दिया था, जिस पर न्यायमूर्ति सीमा अली खान ने सुनवाई करते हुए कहा कि तकनीकी कारणों को दूर करने में चार महीने का समय लगेगा और फिर सुनवाई होगी(राष्ट्रीय सहारा,पटना,25.8.11)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।