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10 अक्तूबर 2011

सिर्फ एक टेस्ट खोल देगा कई बड़ी कंपनियों में नौकरी के रास्ते

देशभर की सॉफ्टवेयर, बीपीओ, आईटी कंपनियों की रजिस्टर्ड कंपनी नैसकॉम (नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विसेज कंपनी) की योजना है कि प्लेसमेंट के लिए ऑनलाइन टेस्ट कराया जाए। इससे छात्रों को प्लेसमेंट के नाम पर बार-बार कंपनियों के टेस्ट देने से मुक्ति मिलेगी।
इस सिलसिले में नैसकॉम का यूजीसी के साथ समझौता हुआ है। नैसकॉम ने अपनी योजना से अवगत कराते हुए इंदौर सहित देश के सभी कॉलेजों को पत्र और मेल भी भेज दिया है। नेक-टेक (नैसकॉम असेसमेंट ऑफ कंपीटेंस-टेक्नोलॉजी) नाम से टेस्ट होगा। यह टेस्ट पहले अगस्त २011 में कराने की योजना थी, लेकिन अब अगले सत्र में इसे लागू किए जाने की योजना है। 
ये छात्र हो सकेंगे शामिल : बीई, बीटेक, एमसीए, एमएससी-आईटी फाइनल ईयर के छात्र, जिनके स्नातक, 12वीं व 10वीं स्तर पर 60 फीसदी अंक हो। पार्ट ए टेस्ट के लिए 155 रुपए और पार्ट बी टेस्ट के लिए 77 रुपए फीस होगी। 
कंपनी का मेल आया है : इंदौर में, यूनिवर्सिटी के आईईटी विभाग के प्लेसमेंट अधिकारी गोविंद माहेश्वरी ने बताया कि नैसकॉम से पत्र आ गया है। इस सत्र में प्लेसमेंट जल्दी शुरू होने के कारण इस बार नेक-टेक नहीं हो सका।
मप्र में एडुटेक कराएगा : मप्र सहित नौ राज्यों में एडुटेक को ऑनलाइन टेस्ट कराने का जिम्मा दिया गया है। वहीं तमिलनाडु़, महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश आदि में एप्टेक यह टेस्ट कराएगा।
एक बार हो चुका फ्लॉप :नैसकॉम ने साल 2007-08 में मेरीट्रैक कंपनी के माध्यम से इसी तरह का प्लेसमेंट टेस्ट कराने का योजना बनाई थी, लेकिन सर्वर फेल होने के चलते कुछ ही छात्र यह टेस्ट दे पाए और योजना फेल हो गई थी।
 
इस व्यवस्था से ये होंगे लाभ
:कंपनी को लाभ होगा कि उसे हर कॉलेज में जाकर अलग से टेस्ट लेने की जरूरत नहीं होगी। नेक-टेक में प्राप्त स्कोर के आधार पर छात्रों का सीधे इंटरव्यू लिया जा सकेगा।
:छात्रों को बार-बार टेस्ट देने से मुक्ति मिलेगी।
:ऐसे छोटे कॉलेज जहां कंपनियां नहीं आतीं, उन छात्रों को अधिक लाभ होगा। ये छात्र टेस्ट के अंक अपने बायोडाटा में भी लिख सकते हैं।

छात्रों को मिलेंगे स्कोर सुधारने के तीन मौके
नैसकॉम नोडल बिंदु की तरह काम करेगा। राज्य, यूनिवर्सिटी या किसी कॉलेज स्तर पर परीक्षा कराने का जिम्मा दिया जाएगा। पार्ट-ए और पार्ट-बी नाम से दो टेस्ट एक-एक घंटे के होंगे। पार्ट ए सभी के लिए होगा और पार्ट बी कोर्स विशेष के लिए होगा। फाइनल ईयर का छात्र अपने स्कोर सुधारने के लिए तीन बार टेस्ट दे सकता है। एक टेस्ट देने के बाद दूसरा एक माह के अंतराल पर और तीसरा छह माह के अंतराल पर। इसमें जो बेस्ट स्कोर होगा, वह छात्र के लिए मान्य होगा(संजय गुप्ता,दैनिक भास्कर,इन्दौर,10.10.11)।

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