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14 नवंबर 2011

चेंज होगी डीयू की एडमिशन पॉलिसी

दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिलों को लेकर इस साल कई विवाद उठे, 2012-13 के सेशन में ऐसा न हो, इसके लिए अंडरग्रैजुएट कोर्सों की नई एडमिशन पॉलिसी बनाई जाएगी। प्रिंसिपलों की हाई पावर कमिटी एडमिशन प्रोसेस का रिव्यू करेगी। सूत्रों का मानना है, जनरल कैटिगरी के लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस की वापसी हो सकती है। ओबीसी की दाखिला प्रक्रिया बदल सकती है।

रजिस्ट्रेशन प्रोसेस: डीयू ने प्रोफेशनल कोसेर्ज को छोड़कर बाकी कोर्सेज में दाखिलों में रजिस्ट्रेशन प्रोसेस खत्म कर दिया था। कॉलेजों ने पसेर्ंटेज का अंदाजा लगाकर अपनी-अपनी कटऑफ निकाली। कई कॉलेजों में कटऑफ 100 पसेर्ंट तक रही। कई प्रिंसिपलों ने एडमिशन प्रोसेस लंबा खिंचने का भी आरोप लगाया था। सूत्रों का कहना है कि अब प्रिंसिपलों की कमिटी ही रिव्यू करेगी, इसलिए हो सकता है रजिस्ट्रेशन प्रोसेस फिर शुरू करने की सिफारिश हो। सेंट्रलाइज्ड फॉर्म फिर दिया जाए या कॉलेजों में रजिस्ट्रेशन हो, यह भी एक पहलू होगा।


कटऑफ फॉर्म्युला: वाइस चांसलर प्रो. दिनेश सिंह का कहना है कि यूनिवर्सिटी चाहती है, इस बार स्टूडेंट फ्रेंडली एडमिशन पॉलिसी बने। उसमें बार-बार चेंज न हों। 100 पसेर्ंट कटऑफ जैसी प्रॉब्लम फिर न आए। कटऑफ का फॉर्म्युला पारदशीर् हो। इस बार हाई कटऑफ पर एचआरडी मिनिस्टर कपिल सिब्बल तक ने चिंता जताई थी। 

फर्जी एडमिशन: कई कॉलेजों में फर्जी मार्कशीट से एडमिशन के काफी मामले सामने आए। इसलिए हाई पावर कमिटी फर्जी एडमिशन रैकेट से निपटने के उपाय भी सुझाएगी। इनके अलावा, कमिटी ओबीसी एडमिशन प्रोसेस पर भी सुझाव देगी। स्पोर्ट्स और ईसीए के एडमिशन की प्रक्रिया ट्रांसपैरंट बनाने की कोशिश होगी(भूपेंद्र,नवभारत टाइम्स,दिल्ली,14.11.11)।

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