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07 दिसंबर 2011

छत्तीसगढ़ पेपर लीक मामला: दो हजार में बिका बीडीएस का पर्चा

परीक्षा के पहले फूटते बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (बीडीएस) के पर्चो ने डेंटल की परीक्षा के पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं।बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (बीडीएस) का पर्चा परीक्षा के पहले ही छात्रों तक पहुंच रहा है। छात्रों को इसकी प्रतियां दो-दो हजार रुपए लेकर बेचे जाने की खबर है। अब तक फूटे दोनों पर्चो को देखा जाए, तो क्रम के अंतर को छोड़कर पूरे के पूरे सवाल मिलते हैं। एक या दो लघुत्तरीय सवाल नहीं आए हैं। दो घटनाओं से यह तो साफ हो गया है कि इसके पीछे संगठित तरीके से काम कर रहा पूरा रैकेट है।इसका पता लगाने में अब तक रविशंकर यूनिवर्सिटी या डेंटल कॉलेज को सफलता नहीं मिली है।

मामला प्रकाशित होने के बाद इस काम में लिप्त लोगों ने अब इसकी हार्ड कॉपी देना बंद कर दिया है। अब वे मोबाइल से एसएमएस कर संदेश दे रहे हैं। पहले इसे गेसिंग पेपर की तरह छात्रों को दिया जाता है ताकि वे किसी की पकड़ में न आएं और रविवि प्रशासन भी इस पर फौरन कोई कार्रवाई न कर पाए। इससे कानूनी तौर पर पर्चा फूटना कहने में भी संदेह रहेगा।


मामले की शिकायत होने के बाद पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय प्रशासन ने डेंटल कॉलेज के डीन डॉ. विश्वजीत मिश्रा, मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अशोक कुमार शर्मा और लाइफ साइंस विभाग के डीन डॉ. एके पति की एक समिति बनाई है। पर्चा लीक होने से इनकार किया है। साथ ही पर्चा रद्द भी नहीं किया है। परीक्षा समय सारणी के अनुसार चल रही है।

शुक्रवार को हुए कंजर्वेटिव डेंटिस्ट्री एंड एंडोडोंटिक्स का पर्चा गुरुवार रात ही छात्रों को मिल गया था। इसी तरह सोमवार को हुआ ओरल सर्जरी का पेपर रविवार रात तक छात्रों के पास पहुंच गया था। इसमें मिले सारे सवाल प्रश्न पत्र में पूछे गए। भिलाई से पर्चा रायपुर आया है। मामले की पहली शिकायत डेंटल कॉलेज के डीन विश्वजीत मिश्रा ने ही रविवि प्रशासन से की। इसके बाद छात्रों ने कुलसचिव को इसकी जानकारी दी।


बताया जाता है कि समिति ने जांच शुरू कर दी है। इसके पहले चरण में कागज के पुर्जे में मिले सवाल और प्रश्न पत्रों का मिलान किया गया है। इसमें छात्रों की शिकायत सही पाई गई है। सभी सवाल मिल रहे हैं। परीक्षा केंद्रों से उत्तर पुस्तिकाओं के बंडल मंगाए गए हैं। उनमें देखा जाएगा कि सभी छात्रों के उत्तर में समानता तो नहीं है। बीडीएस अंतिम के सिलेबस का भी आंकलन किया जाएगा कि पाठ्यक्रम में प्रश्नों को बदलने की कितनी गुंजाइश है? विकल्प के अभाव में संभव है कोई गेसिंग पेपर बेच रहा हो और संयोगवश प्रश्न पत्र में पूछे गए सारे सवाल मिल रहे हों।

तीन साल से जारी है पर्चा फूटने का सिलसिला
बीडीएस का पर्चा फूटने का सिलसिला तीन साल से जारी है। इसमें पर्चे की फोटोकापी मिलने या उत्तर पुस्तिकाओं में छेड़छाड़ के मामले सामने आए हैं। इसके बाद भी रविवि प्रशासन ने आज तक कोई सार्थक कदम नहीं उठाया। इसी का परिणाम है कि बीडीएस का तीसरा और चौथा पर्चा परीक्षा के एक दिन पहले ही फूट गया। पर्चे में पूछे गए सवाल और छात्रों के पास मिले पुर्जे में लिखे प्रश्न ज्यों के त्यों हैं। मामले की जांच में और भी कई तथ्य सामने आने की संभावना है।

इन बिंदुओं पर होगी जांच
* पर्चा कहां से लीक हुआ? 
* छात्रों तक कहां से और कैसे पहुंचा? 
* कौन छात्रों से संपर्क कर रहा है? 
* किसी फोटोकॉपी सेंटर या परीक्षा केंद्र से तो गड़बड़ी नहीं हो रही है? ञ्च इसमें किसी निजी डेंटल कॉलेज का तो हाथ नहीं है? 
* प्रश्न पत्र बनाने वाले की भूमिका क्या है?

जांच समिति को जल्द जल्द रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है ताकि इस मामले में कड़े कदम उठाए जा सकें। गड़बड़ी पाए जाने पर पर्चा रद्द किया जा सकता है। आगे इस तरह की कोई और गड़बड़ी न हो, इसका ख्याल रखा जाएगा। मामले में लिप्त लोगों को काली सूची में डालकर परीक्षा कार्य से वंचित किया जाएगा। 
डॉ. शिवकुमार पांडेय, कुलपति, रविवि(संजय पाठक,दैनिक भास्कर,रायपुर,7.12.11)

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