सूबे में शिक्षा का अधिकार कानून लागू करने को लेकर राजधानी के अधिकांश निजी विद्यालय वेट एंड वाच की मुद्रा में आ गये हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे विद्यालयों ने सोमवार से नामांकन पर ब्रेक लगा दिया। आज से राजधानी के कई प्रमुख विद्यालयों में नामांकन के लिए फार्म की बिक्री होने वाली थी। लेकिन जिलाधिकारी द्वारा शिक्षा का अधिकार कानून लागू करने के निर्देश के बाद आज फार्म की बिक्री नहीं गयी। आज कई अभिभावक तय समय पर नामांकन फार्म लेने के लिए विद्यालय पहुंचे लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी। गौरतलब है कि शिक्षा का अधिकार कानून लागू करने के लिए जिलाधिकारी ने निजी विद्यालयों के प्राचार्यो को काफी सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि शिक्षा का अधिकार कानून के पालन में किसी तरह की उदासीनता बर्दाश्त नहीं की जायेगी। दोषी पाये जाने पर विद्यालय प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई होगी। उधर, पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत सोमवार से डान बास्को एकेडमी में नामांकन फार्म की बिक्री होनी थी लेकिन आज फार्म की बिक्री नहीं की गयी। इस संबंध में विद्यालय की प्राचार्य मेरी अल्फांसो ने कहा कि शीघ्र ही प्राचार्यो की एक बैठक बुलायी जायेगी। जिसमें नये कानून को लागू करने संबंधी सभी पहलुओं पर गंभीरता से विचार करने के बाद नामांकन नीति बनायी जायेगी। इसके बाद ही विद्यालय में नामांकन के लिए फार्म की बिक्री की जायेगी। बिहार स्कूल चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष डीके सिंह ने कहा कि राज्य की शिक्षा बर्बाद करने के लिए सरकार नयी नीति पर जोर दे रही है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्राचार्यो की शीघ्र ही एक बैठक राजधानी में बुलायी जायेगी। उधर, शिक्षकों का भी कहना कि निजी विद्यालयों में शिक्षा का अधिकार लागू करने से शिक्षा व्यवस्था चौपट हो जायेगी। इससे बच्चों को अच्छी शिक्षा दिला पाना काफी कठिन हो जायेगा(दैनिक जागरण,पटना,25.1.11)।
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