पटना के अधिकांश निजी विद्यालयों के प्राचार्यो एवं प्रबंधकों ने मंगलवार को बैठक कर दो फरवरी तक नामांकन प्रक्रिया शुरू न करने का निर्णय लिया है। दो फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में शिक्षा का अधिकार कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई होने वाली है। फैसले के आधार पर निजी विद्यालय प्रबंधन नामांकन नीति तैयार करेंगे। उसी नीति के आधार पर विद्यालयों में अगले माह नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी। हालांकि जिन विद्यालयों में नामांकन प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है, वह जारी रहेगी।
मालूम हो कि राजधानी के कई विद्यालयों ने मांटेसरी एवं नर्सरी के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू कर दी है। खासकर संत जोसेफ हाईस्कूल एवं माउंट कार्मेल हाईस्कूल। संत जोसेफ हाईस्कूल में नामांकन के लिए बच्चों के रिजल्ट प्रकाशित कर दिये गये हैं। वहीं माउंट कार्मेल हाईस्कूल ने नामांकन के लिए फार्म वितरित कर दिये हैं। लेकिन अब तक जिन स्कूलों में नामांकन प्रक्रिया शुरू नहीं की गयी है। वहां पर दो फरवरी की सुनवाई होने के बाद ही नामांकन किया जायेगा। इस संबंध में लोयाला हाईस्कूल के प्राचार्य ब्रदर फ्लीक्स ने बताया कि वर्तमान शिक्षा के अधिकार कानून में कई पेंच हैं। उनको सुलझाये बिना इसे लागू करने में कई तरह की परेशानी है। मामले को सुप्रीम कोर्ट में उठाया गया है। सभी विद्यालयों को उम्मीद है कि कोर्ट से उन्हें जरूर राहत मिलेगी। उधर बिहार स्कूल चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष डीके सिंह ने कहा कि शिक्षा का अधिकार कानून के अन्तर्गत गरीब बच्चों को पढ़ाने के खिलाफ कोई नहीं है। लेकिन उन्हें पढ़ाने के लिए सरकार पर्याप्त राशि विद्यालयों को दे। वर्तमान में सरकार विद्यालय को मात्र 3000 रुपये वार्षिक दे रही है जबकि दूसरी ओर निजी विद्यालय प्रत्येक बच्चे पर कम से कम 1350 रुपये खर्च कर रहे हैं। वहीं निजी विद्यालयों के शिक्षकों का कहना है कि संशोधन कर शिक्षा का अधिकार कानून लागू नहीं किया गया तो पूरी शिक्षा व्यवस्था ही चौपट हो जायेगी। उन्होंने कहा कि निजी विद्यालय शिक्षा का अधिकार कानून के वर्तमान स्वरूप का हर संभव विरोध करेंगे(दैनिक जागरण संवाददाता,पटना,25.1.11)।
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