रिम्स में एमबीबीएस की 90 सीटों की मान्यता पर फिर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया का खतरा मंडरा रहा है। वक्त रहते यहां शिक्षकों को प्रोन्नति देनी पड़ेगी या खाली पदों को भरना होगा। क्योंकि 150 सीटों के लिए एमसीआई का निरीक्षण होना है।
इस साल दिसंबर तक पांच विभागाध्यक्ष, एक प्रोफेसर, एक एसोसिएट प्रोफेसर और एक मेडिकल अफसर रिटायर होंगे। ये सभी 62 वर्ष की उम्र सीमा पूरा कर लेंगे। एक ओर राज्य सरकार रिम्स में एमबीबीएस की सीटें 90 से बढ़ाकर 150 करने जा रही है, लेकिन खाली पदों को भरा नहीं जा रहा है। ऐसे में जब तक खाली पद भरे नहीं जाते, एमबीबीएस की मान्यता बहाल रखना मुश्किल है। अभी रिम्स में 250 शिक्षक हैं।
जो रिटायर होंगे
विभागाध्यक्ष-नाम
मेडिसिन डॉ.एके महतो
ऑथरेपेडिक डॉ.आरएल रजक
ऐनेस्थिसिया डॉ.अजीत कुमार
सर्जरी डॉ.वीके जैन
गाइनिक डॉ.प्रीतीबाला सहाय
इतने प्रोफेसर रिटायर हो रहे हैं। भरपाई जरूरी है। इसके दो रास्ते हैं। डॉक्टरों को प्रोन्नति मिले और खाली पद भरे जाएं।
डॉ.एसएन चौधरी, डीन, रिम्स
यह कैसी चिंता
प्रबंधन मान्यता को लेकर चिंतित तो है मगर आश्चर्य है कि शासी परिषद की बैठकों में रिटायर होनेवाले शिक्षकों की बाबत चर्चा नहीं हुई। शिक्षकों का कहना है कि सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा 65 करके ही स्थिति संभलेगी। सीनियर डॉक्टरों को कांट्रैक्ट पर रखकर स्थिति संभल सकती है। इसके बाद खाली पद भरे जाएंगे।
डॉ.तुलसी महतो, निदेशक, रिम्स(दैनिक भास्कर,रांची,25.1.11)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।