भारतीय सेना में अब फर्जी तरीके से सैनिकों की भर्ती पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी। सेना ने इसके लिए एक विशेष साफ्टवेयर, ई-रिक्रूट एक्स को तैयार किया है। इससे भर्ती के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं होगी। अगले महीने शिवपुरी में होने वाली भर्ती रैली में सेना इसका उपयोग भी करेगी।
ग्वालियर में सेना भर्ती कार्यालय के निदेशक कर्नल राकेश कुमार ने बताया है कि इस साफ्टवेयर के जरिए भर्ती की पूरी प्रक्रिया इतनी पारदर्शिता से होगी कि इसमें किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की गुजाइंश ही नहीं रहेगी। मध्यप्रदेश में पहली बार ग्वालियर के सेना भर्ती कार्यालय द्वारा विकसित किए गए इस साफ्टवेयर का उपयोग किया जाएगा। इसके जरिए भर्ती स्थल के अलावा मुख्यालय में बैठे अफसर भी इसकी निगरानी कर सकेंगे। अगले महीने 6 फरवरी से शिवपुरी में सेना सैनिकों की भर्ती करेगी। कर्नल राकेश कुमार का कहना है कि सेना कार्यालय और पूर्व में भर्ती किए गए उम्मीदवारों से पता चला है कि भर्ती प्रक्रिया के दौरान दलाल कई उम्मीदवारों से पैसा ऐंठ लेते हैं, जबकि वह उम्मीदवार मेरिट से परीक्षा पास करता है। ऐसे में उन्हें भ्रम हो जाता है कि वे दलाल के प्रयासों से भर्ती हुए हैं। उनका यह भी कहना है कि जब उम्मीदवार 1600 मीटर की दौड़ में भाग लेता है तो वह सैकड़ों लोगों के सामने दौड़ता है। ऐसे में उसमें कैसे हेराफेरी की जा सकती है। इसके अलावा कई लोग फर्जी अंकसूचियां उपलब्ध कराते हैं, जिनकी पूरी जांच होती है। ऐसे कई मामले सामने आए हैं और बाद में चयनित सैनिक को नौकरी से निकाल दिया जाता है। अब उम्मीदवार को बायोमेट्रिक अंगूठे का निशान भी कई स्थानों पर लगाना होगा, जिससे फर्जी तरीके की संभावना पूरी तरह खत्म हो जाएगी।
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में ग्वालियर, चंबल के अलावा बुंदेलखंड क्षेत्र में ग्वालियर स्थित सेना के कार्यालय से सैनिकों की भर्ती की जाती है। इस भर्ती प्रक्रिया के दौरान कई दलाल सक्रिय हो जाते हैं और साथ में कई बार भर्ती के दौरान ही फर्जी मार्कशीट से लेकर अन्य प्रकार के कागजातों से भी भर्ती होते हुए लोग पकड़े जाते हैं। सेना को उम्मीद है कि इस नए साफ्टवेयर से इन सभी बातों पर अंकुश लगाया जा सकेगा(दैनिक जागरण,ग्वालियर,24.1.11)।
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