मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

24 जनवरी 2011

दिल्ली में नर्सरी दाखिलाःगरीब कोटे को लेकर स्कूल संगठनों में ठनी

नर्सरी की दाखिला प्रक्रिया में अब 25 फीसदी गरीब कोटे को लेकर स्कूल संगठन ही आमने-सामने आ गए हैं। दो धड़ों में बटे स्कूलों मंे एक खेमा जहां सर्वोच्च न्यायालय से राहत की आस लगाए बैठा है, वहीं दूसरा खेमा आर-पार की लड़ाई की तैयारी कर चुका है।

स्कूलों के अड़ियल रवैये को लेकर सरकार भी अब सक्रिय नजर आ रही है। लगातार जारी कलह से निपटने के लिए सोमवार को शिक्षा सचिव सीधे स्कूल प्रतिनिधियों से मिलने जा रहे हैं। हालांकि, इस मुलाकात में ऐसे स्कूल प्रतिनिधियों को बुलाया गया है जो सरकार का सीधे विरोध करने के पक्ष में नहीं हैं।

राजधानी के नामचीन स्कूलों के संगठन एक्शन कमेटी के अध्यक्ष एसके भट्टाचार्य ने बताया कि मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार कानून के तहत उन पर डाले गए 25 फीसदी गरीब कोटे के भार को लेकर वह सर्वोच्च न्यायालय की शरण में जा चुके हैं और जब तक न्यायालय की ओर से कोई राहत नहीं मिलती है, वह कानून का पालन करेंगे।

संगठन के उपाध्यक्ष एसएल जैन कहते हैं कि इस मुद्दे पर हाल ही में संगठन प्रतिनिधियांे की ओर से अपनी रणनीति तैयार कर ली गई है और आगामी दो फरवरी को होने जा रही सर्वोच्च न्यायालय की सुनवाई के बाद ही तय किया जाएगा कि कोटे का क्या किया जाए।

वहीं, जो संगठन व स्कूल प्रतिनिधि कानून का उल्लंघन करने की बात कर रहे हैं उनके विषय में जैन कहते हैं कि ऐसा बयानबाजी तक ही सीमित रहने जा रहा है।


25 फीसदी गरीब कोटे को सिरे से नकार रहे स्कूलों के प्रतिनिधि संगठन दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के प्रमुख आरसी जैन ने बताया कि एक्शन कमेटी से परे हमारे साथ जुड़े सभी संगठन आज भी अपने बात पर डटे हुए हैं और सरकार चाहे जो कहे गरीब कोटे के तहत एक भी दाखिला नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी स्कूल के खिलाफ सरकार ने कोई भी कड़ा कदम उठाया तो वे सड़कों पर उतरकर जवाब देंगे। 


स्कूल संगठनों में गरीब कोटे पर जारी तनातनी से परे अब सरकार भी कहीं न कहीं इस समूचे प्रकरण के निदान की कोशिशों में जुटी नजर आ रही है और आम जनता के बीच यही संदेश देना चाहती है कि राजधानी के स्कूलों में हर हाल में गरीब कोटा लागू होगा। 

आम अभिभावक में यही विश्वास जगाने के लिए शिक्षा सचिव ने सोमवार को कुछ स्कूल प्रतिनिधियों को चर्चा के लिए बुलाया है, अब देखना है कि इस बैठक का क्या नतीजा निकलता है(दैनिक भास्कर,दिल्ली,24.1.11)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।