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24 जनवरी 2011

एमबीए व बीबीए पास ठगी में गिरफ्तार

अगर आप किसी अखबार, पत्रिका व अन्य जगहों पर शिक्षा, पर्सनल व होम लोन संबंधी आकर्षक विज्ञापन देखकर उनमें दर्ज मोबाइल नंबरों पर लोन के लिए संपर्क करते हैं तो सचेत हो जाएं। पहले अच्छी तरह से लोन दिलाने वालों के बारे में जान लें। उनके आफिस व आवास आदि का पता लगा जांच पड़ताल कर लें। तभी उनसे लोन के लिए अनुबंध करें। अन्यथा हो सकता है कि लोन दिलाने वाला व्यक्ति आपको ठग ले। दक्षिण जिला के हौजखास थाना पुलिस ने इसी तरह के एक गिरोह के तीन सदस्यों को पकड़ा है। आरोपी काफी अच्छे परिवार से ताल्लुक रखते हैं और देश के नामी गिरामी कॉलेजों में पढ़े हैं। जल्द पैसा कमाने के लालच में इन्होंने ठगी का धंधा शुरू कर दिया था। डीसीपी एचजीएस धालीवाल के मुताबिक आरोपियों के नाम प्रमोद कुमार शर्मा (29, विवेक विहार), राजवीर सिंह (26, सूर्य नगर, गाजियाबाद) व मंधीर सिंह (24, विवेक विहार) है। प्रमोद के पिता सेवानिवृत्त सूबेदार मेजर हैं। उन्हें जम्मू कश्मीर सीमा पर दो साल पूर्व आतंकियों की गोली लग गई थी। प्रमोद ने बीआर आंबेडकर विश्र्वविद्यालय, आगरा से स्नातक कर सिम्बायोसिस पुणे से 2006 में एमबीए किया। मंधीर सिंह ने आईपी विश्र्वविद्यालय से बीबीए किया हुआ है। इसकी मां विवेक विहार स्थित एक पब्लिक स्कूल में सीनियर शिक्षिका व पिता दिल्ली परिवहन विभाग में टैक्नीकल मैनेजर हैं। यह गिरोह का मास्टर माइंड है। इसी ने दोनों साथियों को ठगी का धंधा करने के लिए तैयार किया था। ठगी के लिए इस्तेमाल मेंलाने वाले विभिन्न कंपनियों के फोन यही फर्जी कागजातों पर लाता था। राजवीर सिंह मूलरूप से मुजफ्फर नगर, यूपी का रहने वाला है और ग्रेटर नोएडा के एक इंस्टीट्यूट से बीबीए पास है। तीनों ने दिखावे के लिए विवेक विहार में तीन महीने पूर्व संयुक्त रूप से एलिजेंस नाम से ब्यूटी पार्लर व सैलून खोल था। मंधीर का सपना जल्द पैसा कमाकर दिल्ली में बड़ा रेस्टोरेंट खोलना था। प्रमोद को पिता के बेहतर इलाज के लिए अधिक पैसों की जरूरत थी। मंधीर व राजवीर पहले टेक महिंद्रा मल्टीनेशनल कॉल सेंटर में कस्टमर केयर एक्जीक्यूटिव थे। कुछ वर्ष पूर्व मंदी के दिनों में दोनों को नौकरी से निकाल दिया गया था। दोनों की पहचान तीन महीने पहले प्रमोद से हुई थी। इसके बाद तीनों ने सैलून खोला। पलवल, हरियाणा के रहने वाले आरिफ ने हौजखास थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि एक हिंदी अखबार में विज्ञापन देखकर उसने दिए नंबरों पर संपर्क किया तो उसे युसूफ सराय स्थित कर्नाटका होटल व रेस्टोरेंट के पास बुलाया गया। वहां उसे दो युवक मिले थे। उन्होंने इसे आसानी से एचडीएफसी बैंक से लोन दिलाने का आश्वासन देकर राशन कार्ड, शैक्षिक डिग्री, दो फोटो व दो चेक लाने को कहा था। आरिफ सभी दस्तावेज व चेक लेकर इनके पास आ गया। एक ने आरिफ को मैजिक पेन थमा दो चेकों पर 200 और 450 एमाउंट भरवा कर ले लिया। एक सप्ताह में सत्यापन के बाद लोन मिल जाने की बात कहते हुए वे लोग चले गए थे। एक सप्ताह बाद आरिफ ने उनसे संपर्क करने की कोशिश तो सभी फोनों के स्वीच बंद पाए गए। बैंक से एसएमएस आने पर पता किया गया तो उसके एकाउंट से 98 हजार रुपये निकाले जा चुके थे(दैनिक जागरण,दिल्ली,24.1.11)।

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